‘स्टाई ‘माने गुहेरी,इसे आँख में फूँदी या अन्य कई नामों से भी पहचाना जाता है.पलकों पर या उनके नीचे विकसित होने वाली ये लाल रंग की छोटी सी गाँठ,काफ़ी पीड़ादायक होती है.और दिनचर्या को प्रभावित करती है.ज़्यादा तर गुहेरी पलकों के किनारे पर विकसित होती है,और  काफ़ी दर्दनाक और परेशान कर देने वाली होती है लेकिन,बहुत कम मामलों में इससे कोई गम्भीर स्थिति उत्पन्न होती है.

आम तौर पर गुहेरी एक आँख पर ही निकलती है,और अपने आप ठीक हो जाती है.वहीं,कुछ मामलों में गुहेरी का संक्रमण फैल सकता है इससे पूरी पलक संक्रमित हो जाती है,यानी एक साथ कई फुंसियाँ निकल सकती हैं.लेकिन कुछ मामलों में यह दोनों आँखों में भी हो जाती है.आँख पर ,जब गुहेरी विकसित हो जाती है,तो पूरी आँख लाल हो जाती है,और इसे हाथ लगाने से दर्द भी होता है. इस दौरान आँख में दर्द व खुजली महसूस होती है,.ग़ौरतलब है,कि गुहेरी के कारण अक्सर देखने की क्षमता में कोई प्रभाव नहीं पड़ता.गुहेरी दो प्रकार की होती है-

बाहरी स्टाई-यह पलकों के बाहरी हिस्से पर होती हैं,इसमें पस भरा होता है और ये मुँहासे जैसा दिखता है.

आंतरिक स्टाइ-इसके पलकों के अंदर सूजन होती है.आमतौर पर आंतरिक स्टाइ,बाहरी स्टाइ की तुलना में अधिक पीड़ादायक होती है.यह मेंइबोमियन ग्लैंड में इन्फ़ेक्शन के कारण होता है. यह ग्लैंड एक स्त्राव पैदा करती है जो,आँख को ढकने वाली फ़िल्म का हिस्सा है.

गुहेरी(स्टाई )के कारण

आँख में गुहेरी की समस्या बैक्टीरीयल इंफ़ैक़्शन  के कारण होती है,इसी के साथ कुछ अन्य कारण भी हो सकते हैं,जैसे-

1-त्वचा की सतह पर पाया जाने वाला,स्टेफ़ीलोकोकल बैकटेरिया गुहेरी का मुख्य कारण माना जाता है.

त्वचा से ये बैक्टीरिया आँख के अंदर चले जाते है,और पलकों में स्थित तेल ग्रंथि को उत्तेजित कर देते हैं,सही स्तिथी होने पर 2-बैक्टीरिया ,म्रत कोशिकाओं और अन्य मलबे को खाने लगते हैं जिससे,आँखों की पलक पर लाल रंग की गाँठ बन जाती है ये बैक्टीरिया आम तौर पर कोई हानि नहीं पहुँचाता लेकिन ,त्वचा के क्षतिग्रस्त होने पर यह जीवाणु संक्रमण का कारण बन सकता है.

3-नाक से निकलने वाले तरल को छूने के बाद आँख को रगड़ने से सटेफिलोकोकल बैक्टीरिया पलक तक जा सकता है,जिससे गुहेरी की समस्या हो सकती है.

4-सिबैशियस ग्रंथि के बंद होने पर भी गुहेरी जैसी दिखने वाली फुंसी,पलकों पर हो सकती है.

5-सिबैशियस ग्रंथि,बालों की जड़( हेयर फौलक़लस) के आसपास पाई जाती है और सीबम नामक तैलीय पदार्थ का निर्माण 

करती है..सिबैशियस ग्रंथि के बंद होने पर सीबम का सामान्य बहाव नहीं हो पाता और ये त्वचा पर एकत्रित होता जाता है.त्वचा पर एकत्रित सीबम ,गुहेरी जैसी समस्या की कारण बन सकता है

6-इसके अतिरिक्त आँखों की पर्याप्त सफ़ाई न करना,गंदे नैपकिन ,या टोवेल इस्तेमाल करना, ड्राईआई मेकअप को ढंग से  न हटाना,कांटैक्ट लेसेंस की ढंग से सफ़ाई न करना और सही तरह से इन लेंज़ेज़ का इस्तेमाल,न करना,आँखों में लगातार ड्रायनेस के कारण भी गुहेरी की समस्या आपको परेशान कर सकती है.

7-पुराने या एक्सपायर्ड कोसमेटिक्स प्रॉडक्ट्स इस्तेमाल करने पर भी स्टाई की समस्या हो जाती है

8-तनाव,और होर्मोनल परिवर्तन,से ग्रंथियों से तेल का स्त्राव बढ़ जाता है,जिससे गुहेरी निकलने लगती हैं.

9-पोषण और नींद की कमी.समुचित मात्रा में पोषक तत्व न मिलने के कारण आपकी इम्यूनिटी कम हो जाती है,और आपको फुंसियाँ निकलनी शुरू हो जाती हैं

10-गर्मी और आर्द्रता भी गुहेरी निकलने का मुख्य कारण हो सकते हैं.इन दोनो ही कारणो से पसीना ज़्यादा निकलता है,जिससे आपकी त्वचा किसी भी समय संक्रमित हो सकती है.और आँख में फुंसी निकल सकती है.

11- संक्रमित व्यक्ति के ,कपड़े,तौलिए ,इस्तेमाल करने या उस के नज़दीक रहने से भी गुहेरी निकल सकती हैं.

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