• दमकोय का रस हर रोज आंखों में सुरमे के स्थान पर लगाने से आंख रोग भागते नजर आते हैं।
  • रीठे का छिलका पानी में घिसकर लगायें, इससे आंख रोग जाते रहेगें।
  • बेर की गुठली को घिसकर आंखों में लगानेसे आंख के रोग दूर होते हैं।
  • अरंड (रेड़) के पत्तों को पीसकर जौ के आटे में मिलाकर इनका लेप तैयार करें, इस लेप को उन रोगियों की आंखों पर लगाएं जिनकी आंखें सूज आंखों पर लगाएं जिनकी आंखें सूज गई है। इन पर पट्टियां बांध दें तो बारह घंटे में सूजन गायब और आंखें ठीक हो जाती है।
  • लाल मिर्च के पुराने पौधे की जड़ को पानी के साथ किसी साफ पत्थर पर घिसकर, आंखों में अजंन के रूप में डालने से आंख रोग भागतेहैं तथा नजर भी तेज होती है। इससे मोतियाबिन्द भी इससे ठीक हो जाता है। 
  • अरहर की जड़ को पानी में पीसकर, सुरमे की सलाई से सुबह-शाम आंखों में लगाने से आंखों की समस्याएं दूर हो जाती हैं।
  • कच्चे आलू को पत्थर पर घिसकर काजल की तरह लगाने से जाला या फूला साफ हो जाता है।
  • बादाम की गिरी 150 ग्राम, मिश्री 150 ग्राम और सौंफ 150 ग्राम को बारीक पीसकर मिश्रण बनाएं। रात को 10 ग्राम मिश्रण, 250 ग्राम दूध के साथ 40 दिन खायें। दृष्टि तेज करेगा। दिमागी कमजोरी व स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए बढ़िया तरीका है।
  • आंख की फुंसी (गुहेरी) के उपचार केलिए आम के पेड़ से पत्ता तोड़ने पर जो रस निकलता है, सावधानी पूर्वक उसे गुहेरी पर लगा लें। दो-तीन दिन उस गुहेरी वाली जगह पर कालापन रहेगा, पर बाद में ठीक हो जायेगा।
  • रतौंधी (रात मेंन दिखाई पड़ना) में नीम की दस ताज़ा पत्तियां, बीस ग्राम गुड़ मिलाकर सुबह खाली पेट और रात में सोते समय खाएं। पन्द्रह दिन सेवन करने से लाभ मिलता है।
  • अमरूद के पत्तों का रस दोनों आंखों मेंडालें व बर्फ से आंखों की सिकाई करें। लाभकारी सिद्ध होगा। असंगघ का चूर्ण और मुलेठी का चूर्ण बराबर-बराबर (चार-चार ग्राम ) आवंले का रस आठ ग्राम तीनों को मिलाकर रोजाना एक बार सेवन करने से 6-7 माह में आंखों की रोशनी बढ़ जाती है।
  • हरड़-बहेड़ा, आंवला और पोस्ते की डोडे को घोलकर छान लें और गर्म पानी में उबाली गई शीशी में रखें, दुखती हुई आंखों में दिन में चार बार दो-दो बूंदे डालने से लाभ होता है।
  • 50 ग्राम गुलाब जल में एक मध्यम आकार की हल्दी की गांठ कूटकर डालें। दूसरे दिन छानकर शीशी में रख लें। आंख में लाली बहुत हो़, कड़कड़ाहट महसूस होतो दो-दो बूंद दिन में तीन-चार बार डालें। आंख के रोगी को भुने चने नहीं खाने चाहिए।
  • शहद में सलाई डुबोकर दोनों आंखों में लगाएं। थोड़ी -सी चरचराहट महसूस होगी, लेकिन गन्दा पानी निकल जाने पर ठंडक आ जायेगी।
  • 5 बूंद शहद, 2 रत्ती सुरमा और 2 ग्राम घी अच्छी तरह खरल कर लें। जब खुश्क हो जाए तो सुबह-शाम आंखों मेंएक सलाई रोज लगायें।
  • आंख दुखने पर हल्दी पीस लें, रूईपर उसका लेप लगाकर उस फाहे को आंख पर बांधें तो आराम मिलता है।
  • सौंफ वैसे ही थोड़ी-थोड़ी प्रतिदिन खाएं तो नेत्र-ज्योति बढ़ती है और आंखें निरोगी रहती है।
  • अजवायन के काढ़े से आंखें धोने पर साफ हो जाती है।
  • आंखें यदि फूली हुई हों तो खिरनी (पीला-लम्बा, छोटा -सा फल है) के बीज को घिसकर सलाई से आंखों में लगायें। कुछ ही दिनों में आपकोलाभ महसूस होगा।
  • गर्मी की वजह से आंखों में दर्द हो तो फिटकरी को मलाई के साथ फेंटकर किसी कपड़े पर लगाकर आंखों पर थोड़ी देर लगा रहने दें।
  • गुलाब अर्क में शुद्ध रसौत, फिटकरी का फूला, सेंधा नमक और मिरी को समान मात्रा में मिलाकर बारीक वस्त्र से छानकर बूंद-बूंद नेत्रों में डालने से लाभ होता है।
  • कान अथवा आंख में यदि किसी भी प्रकार की कोई तकलीफ होतो ताजे स्वमूत्र की कुछ बूंदें आखों और कानों में सुबह-शाम या फिर रात को डालें।