स्वाति की स्किन आजकल काफी चमक रही है। जब भी कोई इसके पीछे की वजह पूछता है तो वो कहती है कि ‘व्रत रखा है।’ आज दो हफ्ते बाद भी उनके साथ यही हुआ। किसी ने उनकी स्किन की तारीफ की तो वो आजभी वही जवाब ‘व्रत रखा है।’ भाई ऐसा कैसा व्रत जिसका असर सीधे स्किन पर दिख रहा है। यकीन मानिए स्वाति गलत नहीं हैं, उनकी त्वचा पर असर सच में व्रत का ही नतीजा है। व्रत तो आपने भी कई बार रखा होगा और खुशी-खुशी पूरा दिन बिताया होगा, ये सोचकर कि भगवान खुश हो जाएंगे। लेकिन एक ऐसा व्रत भी होता है जिससे त्वचा खुश हो जाती है। जी हां…त्वचा को खुश करने वाले इस व्रत को ‘स्किन फास्टिंग’ कहते हैं। जैसे व्रत में पेट को एक निश्चित समय के लिए भोजन नहीं दिया जाता ठीक वैसे ही त्वचा को भी फास्टिंग के दौरान भोजन नहीं दिया जाता है। हाल ही में स्किन केयर में शामिल हुई इस नई विधा स्किन फास्टिंग के बारे में आइए जानें सबकुछ-
क्या है स्किन फास्टिंग-
स्किन फास्टिंग मतलब त्वचा को उसके पोषण से जुड़ी चीजें न देना। वो चीजें इस्तेमाल ही न करना, जो स्किन केयर के तौर पर आप इस्तेमाल करती हैं। मतलब क्रीम, फेस वॉश, सीरम, मास्क आदि से कुछ घंटों की छुट्टी। इन घंटों में त्वचा पर किसी भी तरह के क्रीम या कॉस्मेटिक नहीं लगाने होते हैं। आपको स्किन कॉस्मेटिक फ्री रखनी होती है। 
फायदा क्या होता है-
व्रत के दौरान जो असर शरीर पर होता है। वैसा ही असर स्किन पर स्किन फास्टिंग का भी होता है। फास्टिंग के दौरान स्किन पर किसी प्रोडक्ट का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। इसलिए एक समय के बाद स्किन खुद को डिटोस्क करने लगती है। खुद अपना इलाज भी एक समय के बाद स्किन शुरू कर देती है। स्किन एक तरह से खुद को रिपेयर करने लगती है। 
जापान का कॉन्सेप्ट-
स्किन फास्टिंग का ये कॉन्सेप्ट जापान से आया है। वहां का मशहूर स्किन केयर ब्रांड कहता है कि ज्यादा पोषण से स्किन की नेचुरल प्रोटेक्शन कमजोर होती है। स्किन फास्टिंग के साथ त्वचा के नेचुरल ऑयल वापस अपना असर दिखाना शुरू करते हैं। 
सोना बिना मॉइश्चराइजर-
स्किन फास्टिंग करने वालों को हफ्ते में कई बार बिना मॉइश्चराइजर लगाए सोने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा बाकी स्किन प्रोडक्ट का इस्तेमाल रोकने को भी बोला जाता है। कई दफा दो हफ्तों तक बिना किसी मेकअप, मास्क और क्लिंजर के भी रहने की सलाह दी जाती है।
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