चिलचिलाती धूप में टैनिंग की समस्या से स्किन को बचाने के लिए मार्केट में बहुत से ब्रांड्स की सनस्क्रीन आसानी से मिल जाती हैं। सनस्क्रीन कितनी और कब लगानी चाहिए, कितने SPF ( Sun Protection Factor ) की सनस्क्रीन लगानी चाहिए तथा सनस्क्रीन दुबारा कितनी देर बाद लगानी चाहिए इस बारे में बड़ा कन्फ्यूजन रहता है। ये सारे कन्फ्यूजनस को दूर करने के लिए बस आप इन बातों पर जरा गौर फरमाइए-
क्या है SPF का फंडा??
एसपीएफ एक रेटिंग फैक्टर है। यह बताता है कि कोई सनस्क्रीन आपकी स्किन को किस स्तर तक बचाव देती है। सनस्क्रीन में SPF जितना ज्यादा होता है आपकी स्किन उतनी ही देर तक धूप से बची रहेगी। आपकी सनस्क्रीन आपको कितने देर तक UV रेज़ के हानिकारक प्रभाव से बचा कर रखेगी, इसे आप खुद कैलकुलेट कर सकती हैं। जैसे अगर आपके सनस्क्रीन पर SPF 40 लिखा है, तो 40 को 10 से गुणा करें (40X10= 400)। इसका मतलब है कि आपकी सनस्क्रीन 400 मिनट तक स्किन को सूरज की किरणों से प्रोटेक्ट करेगी।
कैसे और कब लगायें सनस्क्रीन??
सूरज की तेज किरणें स्किन को बहुत नुकसान पहुँचाती हैं, जिससे टैनिंग और सनबर्न जैसी समस्याए होना लाजमी है। धूप में मौजूद अल्ट्रा वॉइलेट रेज़ स्किन के लिए बहुत हानिकारक होती हैं। स्किन को इन किरणों से बचाने के लिए घर से बाहर जाने से 20-25 मिनट पहले सनस्क्रीन लगा लेनी चाहिए। दो से तीन घंटे के बाद आपको फिर से सनस्क्रीन लगानी होती है।
कितनी सनस्क्रीन लगाए??
क्लीनज़िंग, टोनिंग और मॉइश्चराइज़िंग के बाद पर्याप्त मात्रा में सनस्क्रीन लेकर गाल, फोरहेड, नाक, चिक बोन, कान, गले व गले के पीछे गर्दन पर लगाए। चेहरे के हर पार्ट पर एक सी मात्रा में क्रीम लगाएं। अक्सर लोग पीछे की गर्दन पर सनस्क्रीन लगाना भूल जाते हैं जिससे गर्दन काली हो जाती है।
