Posted inGrehlakshmi Poem

हरियाली तीज का पर्व-गृहलक्ष्मी की कविता

सावन आया हरियाली लाई,बगिया-बगिया खुशबू छाई।पीपल की शाखों पर झूले,सखियाँ संग हँसी में झूले। काजल-बिंदी, चूड़ी-कंगन,हर नारी में रंग ही रंगन।मेंहदी रचती गहरी बातें,साजन मन की सुनती रातें। घूँघट में वो शर्मीली नजरें,मन में छिपी हसरतें ग़ज़ब हैं।मौसम गाए प्रेम तराने,दिल में जागे नये फ़साने। भोर से ही शुरू तैयारी,व्रत की रस्में, पूजन सारी।शिव-पार्वती को […]

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