Shiv Poem: शंकर शम्भु भोलेनाथ ,नीलकंठ महादेव भूतनाथ ।जग पीड़ाहारी, सकल सुखकारी,नटराज शिव जग पालनहारी ।किया हलाहल विषपान ,दिया जगत को प्राणदान ।दुष्टों के संहारक शिवत्रिशूल धारी त्रिलोचन शिव।शक्ति शिव के वामांग विराजे,मिल अर्द्धनारीश्वर रूप सजावें।जटा में गंगा शीश शशि सजावें,डमरूधारी शिव नागेश्वर कहावें।गणेश कार्तिकेय पार्वती संगउमापति कैलाश विराजे। नंदी आके शीश नवावें,भूत ,प्रेत शिव […]
