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रेखा का मन मंथन-21 श्रेष्ठ नारीमन की कहानियां चंडीगढ़

इतवार की सुबह रेखा गार्डन में बैठकर मीठी-मीठी हवा का आनंद ले रही है। सामने बच्चे खेल रहे हैं मानो गार्डन में रंग-बिरंगी तितलियाँ इधर से उधर खेल रही हों। बीच-बीच में जब बच्चे रेखा को माँ की आवाज़ से पुकारते, तो रेखा की ममता समुद्र की लहरों की भांति उमड़ पड़ती और वह खुद […]

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