Posted inलघु कहानी - Short Stories in Hindi, हिंदी कहानियाँ

“मायका और भाई”-गृहलक्ष्मी की लघु कहानी

Hindi Kahani: उसके घर बीसों साल बाद गया था। देखते ही वह मुझे पहचान गई; मैं भी बिना किसी से पूछे बेहिचक उसके पैर छुए। मैं भी पहचान गया था, क्यों न पहचानता उसे वह मुझे अपने गोद में लेकर घुमाने ले जाती और खेल खिलाया करती थी।आज उसका गोरा चिट्टा चेहरा झुर्रियों से परिपूर्ण […]

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