बजरंगी जब त्रिलोचन के ऑफिस पहुँचा, उस समय शाम के छह बज रहे थे। सभी अफसर–बाबू और चपरासी जा चुके थे। एक छोटा अफसर, एक बाबू और एक चपरासी मौजूद थे। कल दिल्ली से कोई बड़े साहब निरीक्षण के लिए आने वाले थे। अनुकूल रिपोर्ट पाने के लिए जो आँकड़ेबाजी की जा सकती थी, वह […]
