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सीता-गृहलक्ष्मी की कविता

Hindi Poem: कभी आपने यह सोचा कि स्त्री हमेशा सीताही क्यों होती है वो कभी बुद्ध की तरह क्यों नहीं बन पाईअगर बुद्ध की तरह उसने अपने सोते हुए पति और बच्चों को त्याग कर दियाउन्हें छोड़कर चली गई तो मैं, आप और हमारा समाजउसके चरित्र का वर्णनपहले से ही करने लगेगा हम पहले से […]

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