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ध्यान और कर्म का संतुलन – परमहंस योगानंद

आपका अच्छा स्वास्थ्य हो और आप इसे बिल्कुल भी सराहते न हों। परन्तु यदि आप अस्वस्थ हो जाएं तो, हो सकता आप उसका महत्त्व समझेंगे ईश्वर ने जो आपको प्रदान किया है उसके लिए उनका आभार प्रकट करें, विपरीत परिस्थितियों की प्रतीक्षा किए बिना कि वे आपको कृतज्ञ बनाएं।

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