Time Story: अरे सवा दस बज गए, कभी-कभी साढ़े दस बज भी हो जाते हैं। सारा दिन की भागदौड़ के बाद इस समय ही कहीं मुझे फुरसत मिलती है। दो सांस ले पाती हूं। मन को एकाग्र करने के लिए पांच-सात मिनट के लिए अलोम-विलोम करती हूं। इससे अधिक का समय मेरे पास नहीं होता। […]
Author Archives: नरिन्दर कौर भच्चू
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एक सुख-21 श्रेष्ठ नारीमन की कहानियां पंजाब
Mother and Child Story: “हाय! बड़ी सुन्दर लग रही हो आज!” भीड़ से निकलते हुए जब मैंने निगाहें उठा कर सामने देखा तो उसने हंसते हुए आंख दबा दी। अंदर मैं अपनी प्रशंसा सुन कर खुश थी परन्तु मैंने तेवर चढ़ा कर उसकी ओर देखा। “मरजाणा, मोया…आज सुन्दर लग रही हूं, वैसे मुझे क्या कीड़े […]
