कभी-कभी हम एक इंसान से इतना प्यार करने लग जाते कहैं कि हम ये भूल जाते हैं कि हमारी ज़िन्दगी में भी ऐसे लोग हैं जो हमें बहुत प्यार करते हैं। उनकी ज़िन्दगी में हमारी एक जगह है। मैंने भी ऐसा ही कुछ किया। नासमझ थी। मैंने वो रास्ता अपनाया जो नहीं अपनाना चाहिए था। […]
Author Archives: डॉ. प्रज्ञा शारदा
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उलझन-21 श्रेष्ठ बालमन की कहानियां चंडीगढ़
मनु को संगीत का बहुत शौक था। एक दिन उसने एक कलाकार को दूरदर्शन पर पानी से भरी कटोरियों पर लंबी सिलाईनुमा डंडियों के साथ चोट करते हुए संगीत बजाते हुए देखा तो बहुत प्रभावित हुआ। उसके पास वाद्ययंत्र तो नहीं थे पर घर के ड्राइंग रूम में रखी लकड़ी की मेज पर ढोलक बजाना, […]
