Posted inकविता-शायरी, हिंदी कहानियाँ, Latest

माँ का दर्शन पाए-गृहलक्ष्मी की कविता

Navratri Hindi Poem: नवरात्रि के पावन दिन अब सुभग सुहाने आए,रहकर विनत भाव श्रृद्धा से माँ का दर्शन पाएं।गऊ मात के गुबरा से घर आँगन चौक लिपाएआम्र वल्लरी और पल्लव से वंदनवार बनाएपिसी हरिद्रा चौक पुराए औ फूलन द्वार सजाएरहकर विनत भाव श्रृद्धा से माँ का दर्शन पाएं।घर की हरित उन्नति को जौ बोकर कलश […]

Gift this article