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बत्तीसी- गृहलक्ष्मी की कहानियां

Grehlakshmi Story: ट्रेन प्लेटफॉर्म पर आराम से ठसक के साथ खड़ी थी। भीड़ थी, कोलाहल था, भागम-भाग थी, चीख-पुकार थी। ट्रेन जुगाली करते हुए किसी विशालकाय जानवर की भांति निस्पृह थी, जिसे किसी के ट्रेन पकड़ने या छूटने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला था। यात्रियों का आना-जाना लगा हुआ था। ट्रेन पकड़ने वाले यात्री […]