जरा-सी गरदन उठा कर न्यायाधीश मानिक्वली नाचियार ने चश्में को ऊपर कर देखा। “तुम…..तुम जोसफ हो ना!” “हाँ जी!” “हम्म.! क्या बात है?” “मैं! आपके पास न्याय माँगने आया हूँ। अम्मा…!” न्यायाधीश नाचियार को हंसी आई। फिर भी होंठ तक नहीं लाई। अनुभव ने उनके चेहरे को पत्थर जैसे कड़ा बना दिया। “आगे बोलो” जैसे […]
