अनिल का चबूतरा-अनिल की हवेली के पास में एक चबूतरा था। बहुत सुंदर! कलात्मक! वह गांव की शोभा था। बरसों पहले वह बंधवाया गया था। पर उसका बांध काम जितना मजबूत था, उतनी ही उसकी शिल्पकला अद्भुत थी। उसका छोटरा आरस का बना हुआ था। उसके स्तंभ पर बारीक शिल्प थी। उसके ऊपर” षट्कोण आकार […]
