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एक दिन चौबीस घंटे – 21 श्रेष्ठ नारीमन की कहानियां तमिलनाडु

अपनी आँखों के ऊपर बाएं हाथ से आड़ बनाते हुए उसने पूछा, “कौन है?” जैसे ही वह बोली वैसे ही “तुम अंदर आ जाओ अम्मा। कोई भी आए तुम्हें क्या करना! आने वाले के बारे में पहले आकर मालूम करके आपको क्या करना है?” अम्मा को डांट कर नडेशन ने “आइए बालू” कहकर मेरा स्वागत […]

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