‘चाहिए थोड़ी-सी हिम्मत, थोड़ी-सी समझ, उम्र तो है कच्ची उसकी, अभी है नासमझ।’ देवांगी एक मिनट रुकी, मम्मी की ओर देखा! पर मम्मी। मनीषा बहन तो बातों में व्यस्त हो गई थी, रंजू आए तब थोड़ी पूछताछ तो करे ही। ‘रंजु, तुम तो देवांगी से एक ही वर्ष छोटी हो। तुम्हें तो पढ़ना चाहिए। काम […]
