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उपासना ने बताया कि वह अपनी बेटी के भोजन का पूरा ध्यान रखती हैं। उनकी कोशिश होती है कि क्लिन को पोषक तत्वों और पौष्टिकता से भरपूर भोजन दें।
Ragi for Babies Benefits: मशहूर एक्टर राम चरण और उनकी पत्नी उपासना कामिनेनी कोनिडेला की केमिस्ट्री की मिसाल दी जाती है। इस कपल के घर शादी के 12 साल बाद 2023 में बेटी ने जन्म लिया। अपनी नन्ही परी का नाम इस कपल ने रखा क्लिन कारा कोनिडेला। पिछले दिनों एक इंटरव्यू में उपासना ने बेटी क्लिन की डाइट को लेकर बड़ा खुलासा किया।
सद्गुरु ने दी सलाह
उपासना ने बताया कि वह अपनी बेटी के भोजन का पूरा ध्यान रखती हैं। उनकी कोशिश होती है कि क्लिन को पोषक तत्वों और पौष्टिकता से भरपूर भोजन दें। बातचीत के दौरान उपासना ने बताया कि उनकी बेटी के हर दिन के एक मील में रागी जरूर शामिल होती है। इसकी सलाह उन्हें आध्यात्मिक गुरु और ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने दी थी।
राधे जग्गी का किया जिक्र
बातचीत के दौरान उपासना ने सद्गुरु की बेटी राधे जग्गी को भी याद किया। उपासना ने बताया कि एक बार राधे जग्गी ने उन्हें बताया था कि बचपन में सद्गुरु खुद उनके लिए रोज रागी कांजी बनाते थे। यह एक खमीर उठी ड्रिंक है, जो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होती है। फिटनेस के साथ ही यह रूप रंग के लिए भी अच्छी रहती है। इसलिए उपासना भी क्लिन को रोज रागी कांजी देती हैं।
छोटे-छोटे दाने पोषण का पावरहाउस

रागी को फिंगर मिलेट भी कहा जाता है। यह पोषक तत्वों का भंडार है। रागी में भरपूर मात्रा में कैल्शियम होता है। 100 ग्राम रागी में करीब 344 मिलीग्राम कैल्शियम पाया जाता है। 100 ग्राम रागी में करीब 18 से 20% फाइबर और 6 से 8% प्रोटीन होता है। रागी में आयरन, फास्फोरस, पोटेशियम जैसे पोषक तत्व भी होते हैं। इसमें ट्रिप्टोफैन, थ्रेओनीन, वैलीन और मेथियोनीन जैसे जरूरी अमीनो एसिड और एंटीऑक्सीडेंट भी पाए जाते हैं।
बच्चों के लिए इसलिए अच्छी
रागी शिशुओं के लिए एक आदर्श आहार है। रागी में संतुलित मात्रा में कैलोरी और जटिल कार्बोहाइड्रेट होते हैं। जिससे बच्चों को निरंतर ऊर्जा मिलती है। हाई फाइबर फूड होने के कारण उनका पाचन बेहतर रहता है और बच्चों को लंबे समय तक भूख नहीं लगती है।
विकास के लिए जरूरी
रागी कैल्शियम का अच्छा स्रोत है। इससे बच्चों की हड्डियां और दांतों को मजबूती मिलती है। शुरुआती सालों में बच्चों के विकास के लिए यह बहुत जरूरी है। रागी आयरन का एक प्राकृतिक स्रोत है, जो एनीमिया को रोकने में मदद करता है।
पचाने में आसान
रागी ग्लूटेन-फ्री होती है। बच्चों के पेट के लिए यह हल्की रहती है और आसानी से पच जाती है। यह कब्ज की परेशानी दूर करती है और आंतों को स्वस्थ रखती है। एंटीऑक्सीडेंट और आवश्यक अमीनो एसिड के कारण यह बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाती है। साथ ही उन्हें कई रोगों से बचाती है।
बच्चों को कब खिलाएं रागी
बाल रोग विशेषज्ञों के अनुसार शिशुओं को 6 महीने की उम्र के बीच ठोस आहार देने की शुरुआत करनी चाहिए। बच्चों के पहले आहार के रूप में उन्हें रागी दलिया देना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। अतिरिक्त पोषण के लिए आप इसमें घी या गुड़ मिला सकते हैं।
