Summary: आपदा के बीच इंसानियत और उम्मीद का प्रतीक बनीं उर्वशी
उत्तराखंड में बादल फटने से आई भयावह तबाही ने सैकड़ों परिवारों को संकट में डाल दिया है। कोटद्वार की बेटी और अभिनेत्री उर्वशी रौतेला ने इस त्रासदी पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए पीड़ितों के साथ खड़े होने का संकल्प लिया है। उन्होंने मदद के लिए हाथ बढ़ाने की अपील की और कहा कि यह केवल एक आपदा नहीं बल्कि उनके घर और लोगों का दर्द है।
Urvashi Rautela on Uttarakhand: उत्तराखंड की धरती पर बादल फटने से हुई तबाही ने न केवल वहां के लोगों की जिंदगी बदल दी, बल्कि पूरे देश के दिल को झकझोर कर रख दिया। इस आपदा ने नदियों के किनारे बसे गांवों को लील लिया, सैकड़ों परिवारों को बेसहारा कर दिया और असंख्य सपनों को मलबे में दफ़न कर दिया। इन्हीं दर्दनाक लम्हों के बीच, बॉलीवुड एक्ट्रेस उर्वशी रौतेला का बयान लोगों के दिलों तक सीधी दस्तक देता है। कोटद्वार की बेटी होने के नाते उन्होंने अपने दुख और चिंता को बेहद सच्चाई से व्यक्त किया।
बादल फटने पर क्या कहा उर्वशी रौतेला ने?
उर्वशी ने बयान जारी करते हुए कहा, “हरिद्वार की बेटी होने के नाते उत्तराखंड का हर पत्थर, हर नदी और हर सांस मेरी रूह का हिस्सा है। आज जब मैंने खीर गंगा नदी में आई तबाही देखी, तो मेरा दिल टूट गया। ये सिर्फ तस्वीरें नहीं हैं, ये मेरी मिट्टी है, मेरे लोग हैं, मेरा परिवार है।” उनकी यह भावनाएं सिर्फ शब्द नहीं, बल्कि एक बेटी के अपने घर के प्रति अटूट जुड़ाव को बयान करती हैं। इस आपदा के दौरान कई घर बह गए, सड़कें और दुकानें मलबे में बदल गईं। बच्चों की सिसकियां, अपने परिजनों की तलाश में भटकते परिवार और उम्मीद में आसमान तक ताकती आंखें… ये नज़ारे हर किसी की आत्मा को झकझोर देने के लिए काफी हैं। उर्वशी ने स्पष्ट कहा, “ये मेरे लिए कोई न्यूज स्टोरी नहीं है, ये मेरा घर है, ये मेरे लोग हैं।”
क्या वादा किया उर्वशी ने?
दुख के इन अंधेरे पलों में भी उर्वशी ने उम्मीद का एक दीप जलाया। उन्होंने वादा किया कि वह हर संभव मदद करेंगी। उन्होंने प्रभावित लोगों के नाम संदेश देते हुए कहा, “धाराली और आसपास के सभी इलाकों के लोगों, आप अकेले नहीं हैं। मैं आपके साथ हूं, आपके लिए प्रार्थना कर रही हूं और अपनी आवाज और संसाधनों के जरिए हर तरह से मदद पहुंचाने की कोशिश करूंगी।” उन्होंने अपने प्रशंसकों और शुभचिंतकों से भी अपील की कि वे एकजुट होकर आगे आएं। उर्वशी ने कहा, “चाहे छोटा योगदान हो, राहत के लिए सही लिंक शेयर करना हो या सिर्फ सच्ची प्रार्थना ही क्यों न हो… हर कदम मायने रखता है। ये जीवन बचा सकता है।”
हम फिर से उठेंगे

उत्तराखंड की यह त्रासदी सिर्फ एक प्राकृतिक आपदा नहीं है, बल्कि इंसानियत की असली परीक्षा है। इस समय सबसे बड़ी जरूरत है हाथ थामने की, मदद करने की और एक-दूसरे के दर्द को समझने की। उर्वशी ने भी इसी भावना को दोहराते हुए कहा, “हमारी नदियां चाहे जितनी प्रचंड हों, लेकिन हमारी आत्मा उससे कहीं ज़्यादा मजबूत है। हम फिर से उठेंगे और अपने घरों को न केवल ईंट-पत्थरों से, बल्कि दया और करुणा से भी बनाएंगे।”
उर्वशी का संदेश
धाराली गांव और हर्षिल आर्मी कैंप के पास हुई यह भयावह घटना, जिसमें कई जानें चली गईं और दर्जनों लोग लापता हो गए, हमें एक बार फिर यह याद दिलाती है कि प्रकृति के सामने इंसान कितना छोटा है। लेकिन जब इंसानियत एकजुट होती है, तो कोई भी तूफ़ान उसकी हिम्मत को हरा नहीं सकता। उर्वशी का यह संदेश न केवल उत्तराखंड के लोगों के लिए संबल है, बल्कि हम सभी के लिए एक प्रेरणा भी है। उर्वशी रौतेला ने यही संदेश दिया है — “उत्तराखंड, मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं।”
