Summary: बदलते मौसम में बीमारियों से बचने के लिए पिएं ये 2 घरेलू काढ़े:
बरसात भले सुकून देती है, लेकिन सेहत के लिए खतरे भी लाती है। वायरल बुखार, सर्दी-जुकाम, डेंगू और पेट की दिक्कतें आम हो जाती हैं। ऐसे में इम्यून सिस्टम को मज़बूत रखना ज़रूरी है, और इसमें दादी-नानी के काढ़े बेहद असरदार साबित हो सकते हैं।
Monsoon Kadha Recipe: बरसात का मौसम जितना सुकून भरा होता है, उतना ही हेल्थ के लिए चुनौती वाला भी होता है। इस मौसम में वायरल बुखार, सर्दी-जुकाम, गले में खराश, पेट की गड़बड़ी, डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे समय में इम्यून सिस्टम को मजबूत रखना बेहद जरूरी है। इसके लिए आप कुछ घरेलू उपायों का सहारा ले सकते हैं। खासकर दादी-नानी के बताए हुए काढ़े इस मौसम में बहुत असरदार साबित हो सकते हैं। देसी काढ़े न सिर्फ आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं, बल्कि मौसमी बीमारियों से बचाने में भी मदद करते हैं। आइए जानें इन्हें कैसे बनाना है और इनके क्या फायदे हैं।
तुलसी-अदरक-लौंग का काढ़ा

बारिश के मौसम में तुलसी-अदरक-लौंग का काढ़ा बनाने के लिए सामग्री
- 8-10 तुलसी के पत्ते
- 1 इंच अदरक
- 2 लौंग
- 1 छोटी दालचीनी
- 5-6 काली मिर्च
- 2 कप पानी
- शहद
बनाने की विधि
- एक पैन में 2 कप पानी लें और उसे गैस पर उबालने रखें।
- अब उसमें तुलसी के पत्ते, अदरक, लौंग, दालचीनी और काली मिर्च डाल दें।
- इस मिश्रण को तब तक उबालें जब तक यह आधा न रह जाए।
- अब गैस बंद कर दें और काढ़े को छान लें।
- थोड़ा ठंडा होने पर स्वाद अनुसार शहद मिलाएं।
तुलसी-अदरक-लौंग का काढ़ा पीने के फायदे
- यह काढ़ा सर्दी, जुकाम, खांसी और गले की खराश में राहत देता है।
- तुलसी और अदरक में एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो इम्युनिटी को बूस्ट करते हैं।
- यह शरीर को गर्म रखता है और इन्फेक्शन से बचाता है।
हल्दी और गिलोय वाला काढ़ा

हल्दी और गिलोय वाला काढ़ा बनाने के लिए सामग्री
- 1 छोटा चम्मच हल्दी
- 1 चम्मच गिलोय का पाउडर
- 1 छोटा चम्मच अदरक पाउडर
- 1 छोटा चम्मच काली मिर्च पाउडर
- 1 छोटा टुकड़ा गुड़
- 2 कप पानी
बनाने की विधि
- पैन में 2 कप पानी डालकर उसमें हल्दी, गिलोय, अदरक पाउडर, काली मिर्च और गुड़ डालें।
- इस मिश्रण को 10-15 मिनट तक धीमी आंच पर उबालें।
- जब पानी लगभग आधा रह जाए, तो गैस बंद कर दें। छानकर गुनगुना सेवन करें।
फायदे
- गिलोय एक बेहतरीन इम्युनिटी बूस्टर है और यह शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालता है।
- हल्दी में मौजूद करक्यूमिन सूजन और इंफेक्शन से लड़ने में मदद करता है।
- अदरक और काली मिर्च पाचन क्रिया को दुरुस्त रखते हैं और पेट संबंधी समस्याओं में राहत देते हैं।
- यह काढ़ा शरीर को अंदर से डिटॉक्स करता है।
काढ़ा पीने में बरते सावधानियां
- काढ़ा दिन में एक या दो बार से ज्यादा न लें।
- ज्यादा तेज मसाले या ज्यादा गर्म काढ़ा पीने से शरीर पर उल्टा असर हो सकता है।
- यदि किसी सामग्री से एलर्जी है तो उसका इस्तेमाल न करें।
- बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रोगियों को काढ़ा डॉक्टर की सलाह से ही देना चाहिए।
