Infertility Doubt
Infertility Doubt

Infertility Doubt: इन्फर्टिलिटी को लेकर कई ऐसे सवाल होते हैं, जो दिल में तो रहते हैं, लेकिन पूछने की हिम्मत नहीं होती। “क्या मैं कभी मां बन पाऊंगी?”, “क्या उम्र बढ़ने पर भी बच्चा हो सकता है?”, “अगर IVF फेल हो जाए तो क्या होगा?” – ऐसे ही कई सवाल हर कपल के मन में होते हैं। पर डर, शर्म या चिंता के कारण हम इन्हें बोल नहीं पाते। असल में, ये सवाल हमारे दिल में एक डर और उम्मीद दोनों को लेकर आते हैं।

डॉ. आस्था जैन, फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट, बिरला फर्टिलिटी और IVF, इंदौर बताती हैं कि ये सवाल बहुत सामान्य हैं और इनके जवाब मिलना जरूरी है। जब तक आप अपने डर को समझते नहीं, तब तक प्रेगनेंसी जर्नी को सही दिशा में नहीं बढ़ा पाएंगे। हर कपल के लिए सही सलाह और समय पर इलाज जरूरी होता है। इस आर्टिकल में हम आपके मन के अनकहे सवालों के ईमानदार और आसान जवाब देंगे, ताकि आप अपनी जर्नी को बेहतर तरीके से समझ सकें।

क्या इन्फर्टिलिटी मुझे कमजोर बना देती है?

इन्फर्टिलिटी का सामना करना आसान नहीं होता, लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं कि आप कमतर हैं। यह एक मेडिकल कंडीशन है, जैसे डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर। इसमें हार्मोनल बदलाव, अनहेल्दी लाइफस्टाइल या अन्य स्वास्थ्य कारण जिम्मेदार होते हैं। अगर समय रहते इलाज किया जाए, तो अच्छे नतीजे मिल सकते हैं। इसलिए खुद को दोष देने के बजाय, समझदारी से अपनी सेहत का ख्याल रखना चाहिए। सही डॉक्टर और सही सलाह से आप भी पेरेंट बनने का सपना पूरा कर सकते हैं।

अगर मैं कभी गर्भधारण न कर पाऊं तो क्या होगा?

यह डर बहुत सामान्य है, लेकिन आपको यह समझना जरूरी है कि आज के समय में साइंस और टेक्नोलॉजी ने बहुत तरक्की कर ली है। IVF, IUI, सरोगेसी, एग और स्पर्म डोनेशन जैसी तकनीकें मौजूद हैं, जो आपको पेरेंट बनने में मदद कर सकती हैं। हर कपल की जर्नी अलग होती है, इसलिए धैर्य रखना और सही विकल्प चुनना जरूरी है। जब आप अपनी जरूरतों को समझकर सही कदम उठाते हैं, तो उम्मीद की किरण हमेशा बनी रहती है। इसलिए हार मानने की जरूरत नहीं, बल्कि अपने डॉक्टर से खुलकर बात करनी चाहिए।

उम्र बढ़ने पर क्या प्रेगनेंसी मुश्किल होती है?

जी हां, उम्र का असर प्रेगनेंसी पर होता है, खासकर महिलाओं में। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, अंडाणुओं की संख्या और क्वालिटी कम होती जाती है। 35 साल के बाद यह गिरावट तेजी से बढ़ती है और 38 के बाद और भी तेज हो जाती है। पुरुषों में भी 42 साल के बाद स्पर्म क्वालिटी कम होने लगती है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप पेरेंट नहीं बन सकते। IVF और अन्य फर्टिलिटी ट्रीटमेंट से कई कपल्स ने लेट एज में भी बच्चा पाया है। सही सलाह और सही समय पर इलाज से उम्र की बाधा को भी पार किया जा सकता है।

अगर इलाज महंगा है तो क्या करें?

फर्टिलिटी ट्रीटमेंट का खर्च सच में चिंता बढ़ा सकता है, लेकिन आजकल कई क्लिनिक्स ईएमआई और फाइनेंसिंग जैसी सुविधाएं देते हैं। इसके अलावा, कुछ सरकारी योजनाएं भी मदद कर सकती हैं। इलाज के लिए सही प्लानिंग करना और डॉक्टर से खुलकर बात करना जरूरी है कि कौन-कौन सी सुविधाएं आपके लिए उपलब्ध हैं। जब आपको सही जानकारी मिलती है, तो आप इलाज का सही तरीका चुन सकते हैं और खर्च को भी मैनेज कर सकते हैं। याद रखें, पेरेंट बनने का सपना अधूरा नहीं रहना चाहिए।

IVF फेल हो जाए तो क्या उम्मीद खत्म हो जाती है?

IVF फेल होना दुखद हो सकता है, लेकिन यह अंत नहीं है। कई बार पहला IVF फेल होने के बाद भी कपल्स दूसरी या तीसरी कोशिश में सफल हो जाते हैं। IVF फेल होने की वजह जानना बहुत जरूरी होता है। कई बार यह हार्मोनल इंबैलेंस, अंडाणु की क्वालिटी या यूट्रस की समस्या के कारण होता है। डॉक्टर से पूरी रिपोर्ट पर चर्चा करें और आगे की योजना बनाएं। जरूरत पड़ी तो सर्जरी, दवाओं या दूसरी तकनीकों की मदद ली जा सकती है। याद रखें, हर कोशिश के बाद सफलता की संभावना बढ़ती है। हार मानना नहीं चाहिए।

मेरा नाम दिव्या गोयल है। मैंने अर्थशास्त्र (Economics) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है और उत्तर प्रदेश के आगरा शहर से हूं। लेखन मेरे लिए सिर्फ एक अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं, बल्कि समाज से संवाद का एक ज़रिया है।मुझे महिला सशक्तिकरण, पारिवारिक...