Margashirsha Purnima 2024 muhurat
Margashirsha Purnima 2024 muhurat

Kartik Purnima 2024: हिंदू धर्म में पूर्णिमा का दिन अत्यंत पवित्र और कल्याणकारी माना गया है, जो हर माह मनाया जाता है। लेकिन कार्तिक माह की पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है, क्योंकि यह दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और चंद्र देव की आराधना के लिए खास माना जाता है। इस पावन अवसर पर पूजा-पाठ और दान-पुण्य का विशेष फल प्राप्त होता है, जिससे व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।

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कब है कार्तिक पूर्णिमा?

इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा का पर्व 15 नवंबर, 2024 को मनाया जाएगा। ऐसा माना जाता है कि इस दिन लक्ष्मी पूजन करना बहुत लाभकारी होता है, इसलिए इस शुभ दिन पर देवी लक्ष्मी के सामने घी का दीप जलाकर कमल का फूल अर्पित करना अत्यंत फलदायी होता है।

।।श्री सूक्त का पाठ।।

ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं, सुवर्णरजतस्त्रजाम् ।
चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं, जातवेदो म आ वह ।।
तां म आ वह जातवेदो, लक्ष्मीमनपगामिनीम् ।
यस्यां हिरण्यं विन्देयं, गामश्वं पुरूषानहम् ।
अश्वपूर्वां रथमध्यां, हस्तिनादप्रमोदिनीम् ।
श्रियं देवीमुप ह्वये, श्रीर्मा देवी जुषताम् ।।
कां सोस्मितां हिरण्यप्राकारामार्द्रां ज्वलन्तीं तृप्तां तर्पयन्तीम् ।
पद्मेस्थितां पद्मवर्णां तामिहोप ह्वये श्रियम् ।।
चन्द्रां प्रभासां यशसा ज्वलन्तीं श्रियं लोके देवजुष्टामुदाराम् ।
तां पद्मिनीमीं शरणं प्र पद्ये अलक्ष्मीर्मे नश्यतां त्वां वृणे ।।
आदित्यवर्णे तपसोऽधि जातो वनस्पतिस्तव वृक्षोऽक्ष बिल्वः ।
तस्य फलानि तपसा नुदन्तु या अन्तरा याश्च बाह्या अलक्ष्मीः ।।
उपैतु मां दैवसखः, कीर्तिश्च मणिना सह ।
प्रादुर्भूतोऽस्मि राष्ट्रेऽस्मिन्, कीर्तिमृद्धिं ददातु मे ।।
क्षुत्पिपासामलां ज्येष्ठामलक्ष्मीं नाशयाम्यहम् ।
अभूतिमसमृद्धिं च, सर्वां निर्णुद मे गृहात् ।।
गन्धद्वारां दुराधर्षां, नित्यपुष्टां करीषिणीम् ।
ईश्वरीं सर्वभूतानां, तामिहोप ह्वये श्रियम् ।।
मनसः काममाकूतिं, वाचः सत्यमशीमहि ।
पशूनां रूपमन्नस्य, मयि श्रीः श्रयतां यशः ।।
जीवन में सुख-समृद्धि का वास बना रहे।
कर्दमेन प्रजा भूता मयि सम्भव कर्दम ।
श्रियं वासय मे कुले मातरं पद्ममालिनीम् ।।
आपः सृजन्तु स्निग्धानि चिक्लीत वस मे गृहे ।
नि च देवीं मातरं श्रियं वासय मे कुले ।।
आर्द्रां पुष्करिणीं पुष्टिं पिंगलां पद्ममालिनीम् ।
चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं, जातवेदो म आ वह ।।
आर्द्रां य करिणीं यष्टिं सुवर्णां हेममालिनीम् ।
सूर्यां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आ वह ।।
तां म आ वह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम् ।
यस्यां हिरण्यं प्रभूतं गावो दास्योऽश्वान् विन्देयं पुरुषानहम् ।।
य: शुचि: प्रयतो भूत्वा जुहुयादाज्यमन्वहम् ।
सूक्तं पंचदशर्चं च श्रीकाम: सततं जपेत् ।।
।। इति समाप्ति ।।

कार्तिक पूर्णिमा पर श्री सूक्त का पाठ का महत्व

कार्तिक पूर्णिमा का दिन आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र और शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए श्री सूक्त का पाठ विशेष फलदायी माना गया है। श्री सूक्त एक वैदिक स्तोत्र है, जो माता लक्ष्मी को समर्पित है और इसमें धन, समृद्धि, ऐश्वर्य और सुख-शांति की कामना की जाती है। कार्तिक पूर्णिमा पर श्री सूक्त का पाठ करने से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। इसे पढ़ने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मकता का नाश होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन श्री सूक्त का पाठ करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाती हैं, जिससे सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है।

मैं आयुषी जैन हूं, एक अनुभवी कंटेंट राइटर, जिसने बीते 6 वर्षों में मीडिया इंडस्ट्री के हर पहलू को करीब से जाना और लिखा है। मैंने एम.ए. इन एडवर्टाइजिंग और पब्लिक रिलेशन्स में मास्टर्स किया है, और तभी से मेरी कलम ने वेब स्टोरीज़, ब्रांड...