यदि आप नए नए माता पिता बने हैं तो आप को कंगारू रूटीन या स्किन टू स्किन रूटीन क्या है, इसके बारे में अवश्य पता होना चाहिए। यदि आप इसके बारे में नहीं जानते तो आज जान जाएंगे। जिस प्रकार कंगारू अपने बच्चे को अपने पास रखते हैं उसी प्रकार अपने बच्चे को अपने पास रखना कंगारू रूटीन के नाम से जाना जाता है। कंगारू पाउच की तरह एक सुरक्षित व पालन पोषण का वातावरण अपने बच्चे को उपलब्ध कराना स्किन टू स्किन के नाम से जाना जाता है।
क्या है कंगारू रूटीन?
परिभाषा के अनुसार एक कंगारू की तरह माता या पिता के द्वारा अपने बच्चे को अपनी छाती से चिपका के रखना और उस की स्किन से स्किन को टच करना ही कंगारू रूटीन कहलाता है। यह रूटीन 1970 के दशक में शुरू हुआ था ताकि एक बच्चे व मां या बाप के बीच अच्छा रूटीन बन सके और ब्रेस्ट फीडिंग में बच्चे को पूरा सहारा मिल सके।
इस रूटीन की शुरुआत बच्चों की नर्सेरीज में बहुत अधिक भीड़, अधिक शिशु मृत्यु दर, इंफेक्शन होने की अधिक संभावना और संसाधनों की कमी आदि कारणों को देखते हुए की गई थी। बच्चे व मां को कंगारू रूटीन से मिलने वाले लाभ को देखते हुए यह कुछ ही सालों में पूरे विश्व में प्रसिद्ध हो गया।
स्किन टू स्किन केयर के लाभ
यदि आप कंगारू रूटीन को फॉलो करते हैं तो इस से बच्चे के साथ साथ माता पिता को भी अनेक लाभ मिलते हैं। इस रूटीन को आप दिन में किसी भी समय कर सकते हैं परन्तु अपने बच्चे को ध्यान में रखते हुए की जिस समय आप यह रूटीन कर रहे हैं, आप का बच्चा उसे सहन कर सकता है या नहीं। डॉक्टरों व विशेषज्ञों द्वारा कंगारू रूटीन का एक घंटा आप के व आप के बच्चे के लिए काफी है परन्तु यदि आप अधिक देर तक चाहते हैं तो वह भी आप के व आप के बच्चे के लिए लाभ दायक रहेगा।
कंगारू रूटीन का शिशु को लाभ :
- आप के बच्चे का तापमान व ब्लड प्रेशर सामान्य रहेगा। उसका हृदय रेट व रेस्पिरेटरी सिस्टम भी स्थिर रहेगा।
- दिमाग, यादाश्त व मोटर भी विकसित होंगे।
- बच्चे का इम्यून सिस्टम अच्छे से काम करेगा।
- बच्चा अच्छे से व चैन से सो पाएगा।
- आप के बच्चे का वजन बढ़ेगा।
- आप के बच्चे की आप के साथ एक अच्छी बॉन्डिंग होगी और वह रोएगा भी कम।
- बच्चे को वातावरण से किसी तरह का दर्द या कोई तकलीफ नहीं होगी।
- माता पिता को कंगारू रूटीन का लाभ
- अपने बच्चे के साथ अधिक अटैचमेंट व बॉन्डिंग।
- बच्चे के प्रति सेंसिटिव होना।
- ब्रेस्ट मिल्क का अधिक उत्पादन व स्ट्रेस आदि में राहत।
एक छोटा बच्चा या शिशु अपने माता पिता की धड़कन सुनने पर बहुत चैन व राहत महसूस करता है। यदि आप के बेबी को ठंड लग रही है तो उसे किसी ब्लैंकेट से ढंक सकती हैं। आप को इस रूटीन के दौरान अपने बच्चे की सुरक्षा का भी ध्यान रखना होगा। ध्यान रखें कि आप इस प्रक्रिया के दौरान सोएं न और आप को किसी तरह की तकलीफ न हो रही हो। ज्यादातर हर शिशु इस रूटीन को एंज्वॉय करता है। परंतु यदि यह रूटीन आप की अपेक्षाओं के अनुसार नहीं जा रहा है तो कुछ दिनों के बाद आप फिर से ट्राई कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें-
