मैं अपने पांच माह की बच्ची को डॉक्टर के पास ले गई थी और जांच के बाद उन्होंने मुझे बच्ची की ईको-कार्डियोग्राफी कराने की सलाह दी, क्योंकि मेरी बच्ची के हार्ट फंक्शन में कुछ फुसफुसाहट की सी आवाज थी। मैं अपनी बच्ची की स्थिति को लेकर बहुत चिंतित हूं। इसका क्या संकेत है और मुझे आगे क्या कदम उठाना चाहिए?
— पिंकी पांडेय, गाजियाबाद
आम तौर पर, गर्भावस्था में बच्चे को दिल की बीमारी तभी होती है, जब मां की मधुमेह, पारिवारिक इतिहास, ऑटो-इम्युन डिस्ऑर्डर या आनुवांशिक कारक जैसी पृष्ठभूमि हो। फेटल ईको-कार्डियोग्राफी गर्भावस्था के 12 से 16 हफ्ते में की जाती है और बच्चे में किसी तरह की दिल की बीमारी का संकेत उसी समय मिल जाता है। उस समय अगर पता नहीं चला और डॉक्टर को लगता है कि वह असमान्य फुसफुसाहट की किसी विसंगति का पता लगा सकते हैं, जिससे सामान्य रक्त प्रवाह बाधित होने का संकेत मिलता हो, तो यह जन्मजात बीमारी है। यह सामान्य से लेकर जटिल तक हो सकता है। ऐसे में अगला कदम पीडिएट्रिक कार्डियोलॉजिस्ट द्वारा ईको-कार्डियोग्राफी कराने का होना चाहिए, ताकि उस फुसफुसाहट की वजह का पता लगाया जा सके।
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