मेरा पसंदीदा शहर "मेरठ"-गृहलक्ष्मी की लघु कहानी
Mera Pasndida Sehar Merath

Hindi Kahani: मेरठ शहर मेरी जान है,

पूरे पश्चिम यू पी की वो शान है।

स्वतंत्रता की अलख जगाने में

सबसे प्रथम, मेरा मेरठ महान है।

ये सच है कि हरेक व्यक्ति को अपने ही शहर से बहुत प्यार होता है, हर जगह कुछ न कुछ खूबियां जरूर होती हैं और मुझे ये सब खूबियां मेरठ में बखूबी दिखती हैं।

कभी पढ़ाई करने आई थी इस शहर में, मै और फिर भगवान को मेरी पसंद,इतनी पसंद आई कि मेरा विवाह भी वहीं करवा दिया,भले ही आज कुछ कारणों से मुझे वो शहर छोड़ना पड़ा पर मेरा दिल तो आज भी वहीं बसता है।

जहां मेरठ कैंट अपनी चाकचौबंद व्यवस्था,साफ सुथरी सड़कों,अनुशासन,डोगरा मंदिर और तीनों केंद्रीय विद्यालय,डोगरा लाइंस,पंजाब लाइंस और सिख लाइंस के लिए जाना जाता है वहीं मेरठ शहर अपने सदर बाज़ार,सर्राफा बाजार,बेगम पुल,बुढ़ाना गेट,घंटाघर,शास्त्री नगर, आबूलेन,पल्लवपुरम, जागृति बिहार,साकेत,मानसरोवर के लिए।

मेरठ का ऐतिहासिक नौचंदी मेला,दूर दूर से लोग देखने आते हैं जहां देवी नवचंडी मां का विशाल मंदिर और  हजरत बाले मियां की दरगाह आमने सामने ही लगते हैं,जो हिंदू मुस्लिम एकता का प्रतीक है।यहां का हलुआ परांठा, नान खताई जगत प्रसिद्ध है।

काली पल्टन का मंदिर जिसको औघड़नाथ जी के मंदिर के नाम से भी जानते हैं,सावन के महीने में यहां तिल रखने की जगह नहीं रहती।आस्था और विश्वास के कई मंदिर यहां हैं जिनमें मनसा देवी के मंदिर की भी अभूतपूर्व प्रसिद्धि है।

मेरठ की बोली,खड़ी बोली, लठ्ठमार है जो सुनते ही कुछ अजीब लग सकती है लेकिन उसमे प्यार ऐसे ही भरा है जैसे इमरती और जलेबी की मिठास खाने से ही महसूस होती है।

स्पोर्ट्स कॉलोनी में जिसे फूल बाग  कालोनी भी कहते है,वहां घर घर में क्रिकेट के बैट्स बनाए जाते हैं और इन्हीं बैट्स से खेलकर कई भारतीय क्रिकेट कप्तान जिनमें महेंद्र सिंह धोनी,सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली शामिल हैं,ने सेंचुरी मारी और देश का गौरव बढ़ाया।

बताती रहूं तो आप इसकी खूबियां सुनते जाओगे और मै बताती लेकिन वो खत्म होने का नाम ही नहीं लेंगी।

इस शहर के अंदाज अजब हैं यारों!

गूंगो से कहा जाता है बहरों को पुकारो।

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