खुशहाल जिंदगी जीने के लिए जरूर अपनाएं ये आदतें: International Day of Happiness
International Day of Happiness

International Day of Happiness: खुशियां जिंदगी की वो नियामत हैं जिनके माध्यम से व्यक्ति न केवल तन-मन से सेहतमंद हो सकता है। बल्कि अधिक उत्साह और उमंग के साथ अपना जीवन खुशहाल बना सकता है। अजब है कि इन खुशियों का कोई पैमाना नहीं है जिसके जरिये इसको आंका जा सके। किसी भी लिंग, जाति का व्यक्ति चाहे छोटा हो या बड़ा- हर किसी के लिए खुशियों के मायने अलग हैं। कोई छोटी सी चीज पाकर ही कल्हुश हो जाता है तो कई बार सुविधा सम्पन्न होते हुए भी व्यक्ति दुखी जीवन जीता है। कोई किसी के साथ पल भर बिताकर खुश रहता है तो कोई मनपसंद हमसफर पाकर भी व्यथित रहता है। विशेषज्ञों की माने तो यह अंदरूनी खुशी ही हमारे चेहरे पर झलकती है जो हमें स्ट्रेस, डिप्रेशन, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट संबंधी कई बीमारियों के जोखिम को कम करती है।

यूं तो हर कोई खुश रहने की कोशिश करता है। लेकिन जिंदगी की आपाधापी में न चाहते हुए भी अक्सर तनावग्रस्त हो जाते हैं। यह तनाव पारिवारिक, सामाजिक सरोकारों की वजह से ही नहीं, छोटी-छोटी बातों को लेकर भी हो सकता है। जिसकी बदौलत दिमाग में नकारात्मक विचार घर कर जाते हैं और हम खुशियों से दूर होते जाते हैं। लेकिन तनावमुक्त या खुश रहना इतना भी मुश्किल नहीं है। इसके लिए व्यक्ति कों अपनी दिनचर्या में ऐसी कुछ आदतों को शामिल करना चाहिए जिनकी वजह से आनंद की अनुभूति होती है। आज इंटरनेशनल डे ऑफ हैपीनेस के मौके पर आज हम आपको ऐसी ही कुछ हेल्दी आदतों के बारे में बता रहे हैं जिन्हें अपनाकर आप निश्चय ही खुश रह सकते हैं।

यह भी देखे-एक हैप्पी रिलेशनशिप के लिए क्या होनी चाहिए क्वालिटीज: International Day of Happiness

International Day of Happiness: फिजिकल एक्सरसाइज है जरूरी

स्टडी से साबित हुआ है कि कई लोग आरामपरस्त प्रवृत्ति के चलते फिजिकल एक्सरसाइज करने से कतराते हैं। यदाकदा उन्हें एक्टिविटीज करनी भी पड़ जाएं तो यह उनके लिए काफी कष्टकारी होती है। वहीं एक्सरसाइज नहीं करने से लोगों में तनाव रहता है। इनके उलट जो लोग एक्टिव रहते हैं और नियमित तौर पर कुछ समय के लिए एक्सरसाइज भी करते हैं-वो निश्चय ही खुश रहते हैं और लंबे समय तक जीवित रहते हैं।

नियमित रूप से एक्सरसाइज न केवल आपको शारीरिक तौर पर फिट रखती हैं, बल्कि भावनात्मक और मानसिक रूप स्वस्थ रहने में मदद करती है। एक्सरसाइज करने से ब्रेन से डोपामाइन, सेराॅटोनिन, एंडोर्फिन और एंडोकैनाबिनाॅयड्स जैसे हैप्पी-हार्मोन रिलीज होते हैं। ये हार्मोन तनाव कम करने, मूड में सुधार करने, शरीर में उर्जा का संचार करके शरीर को रिलेक्स करने में मदद करते हैं। स्टडी से यह भी साबित हुआ है कि अगर आप ग्रुप में या दोस्तों के साथ एक्सरसाइज करते हैं, तो इससे ज्यादा एक्टिव रहने की प्रेरणा तो मिलती ही है। आपकी सोशल बाॅन्डिंग भी मजबूत होती है जिससे आप अच्छा महसूस करते हैं। लेकिन फिजीकल एक्सरसाइज करने का मतलब यह भी नहीं है कि आप जिम में जाकर हार्डकोर एक्सरसाइज ही करें, यह आपकी सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकता है।

पिछले कुछ सालों से देश में जिमिंग करने से बढ़ते हार्ट अटैक के मामले इसका पुख्ता सबूत हैं। आप अपनी कार्यक्षमता, सुविधा और पसंद-नापसंद के मुताबिक कोई भी एक्टिविटी (जैसे- वाॅकिंग, जाॅगिंग, साइकलिंग, स्वीमिेग, गेम्स, घर के काम) कर सकते हैं। इनमें वाॅकिंग शानदार विकल्प है। रिसर्च के आधार पर अमेरिकन हार्ट एसोसिशन का मानना है कि फिट रहने के लिए एक व्यस्क व्यक्ति को हर सप्ताह तकरीबन 150 मिनट की माॅडरेट इंटेसिटी की एरोबिक एक्सरसाइज या फिर कम से कम 75 मिनट हार्ड एक्सरसाइज करनी चाहिए।

ध्यान लगाना

Meditation
Meditation

खुश रहने के लिए माइंडफुलनेस यानी ध्यान लगाना (Meditation) भी जरूरी है। आप दिन में किसी भी समय इसे कर सकते हैं। बशर्ते कि आप अपना मोबाइल फोन और चैटिंग को परे रखकर पूरा मन लगाकर करें। माइंडफुलनेस आपके दिलोदिमाग में होने वाले स्ट्रेस और नेगेटिव विचारों को दूर कर पॉजिटिव दृष्टिकोण लाने और खुशी का अहसास कराने में मदद करता है।

अपने अतीत की घटनाओं या भविष्य को लेकर हो रहे तनाव को भी आप इसी तरह से कम कर सकते हैं। यह नुकसान पहुंचाने वाले विचारों और स्ट्रेस हार्मोन को कम करके वर्तमान में खुशहाल जिंदगी जीने में मदद करता है। लिहाजा अपने दिमाग को रिलेक्स करने के लिए टाइम निकालना जरूरी है। माइंडफुलनेस के लिए कुछ लोग ध्यान लगाते हैं, तो कुछ लोग अपने पैट डाॅग को घुमाते समय भी अपने दिलोदिमाग को शांत कर लेते हैं। तो क्यो न आप भी इसे अपनाएं और रिलेक्स रहें।

आसपास का माहौल बनाएं खुशहाल

रिसर्च से साबित हो गया है कि हमारे आसपास के माहौल का असर हमारे दिलोदिमाग पर पड़ता है। अगर आप खुश रहना चाहते हैं तो अपने घर-ऑफिस में हेल्दी एनवायरनमेंट बनाना होगा। इसके लिए आपको रोजाना कुछ ऐसे कदम जरूर उठाने चाहिए, जिनसे आसपास खुशी का माहौल बने और लंबे समय तक बरकरार रहे। ऐसा करना ठीक वैसा ही है जैसे घर-ऑफिस को व्यवस्थित या साफ करना। या फिर माहौल में तनाव फैलाने वाले टाॅक्सिक लोगों से बचाव के लिए बाउंडरीज तय करना। ताकि वे यथासंभव आपकी पहुंच से दूर रहें और आप व्यथित न हों।

आभार व्यक्त करें

Happiness
Express gratitude

हमारे पास जो कुछ है उसके लिए लगातार आभारी रहना खुश रहने की कूंजी है। अमूमन हम सभी के पास कई अच्छी और हितकारी चीजें होती हैं। लेकिन हम उन्हें पहचान नहीं पाते और उनका आनंद नहीं उठा पाते। साथ ही कई अनुपलब्ध चीजों की कमी से दुखी रहते हैं। खुश रहने के लिए जरूरी है कि जो चीजें आपके पास नहीं है, उस पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय जो है उसके लिए भगवान को आभार व्यक्त करना चाहिए। ताकि मन में संतोष की भावना पैदा हो और व्यर्थ परेशानी से बचें।

जरूरी है कि आपके पास जो कुछ है उसके प्रति रोजाना आभार व्यक्त करें। उन चीजों की लिस्ट बनाएं जिनके प्रति आभार व्यक्त करना चाहते हैं या जिस व्यक्ति के प्रति आभार व्यक्त करना चाहते हैं। उसके लिए आभार पत्र लिखें और उन्हें पढ़ने के लिए दें। इससे निश्चय ही आप अच्छा महसूस करेंगे, तो भविष्य में जब कोई आपके लिए कुछ करें तो उनके प्रति आभार जरूर व्यक्त करें।

फल-सब्जियों का ज्यादा करें सेवन

आप हेल्दी होंगे तो खुश भी रहेंगे। इसलिए हेल्दी रहने के लिए जरूरी है पोषक तत्वों से भरपूर संतुलित आहार का नियमित सेवन। रिसर्च से इस बात की पुष्टि हुई है कि दूसरों के बजाय जो लोग रोजाना फल-सब्जियों का अच्छी मात्रा में सेवन करें हैं, वो ज्यादा खुश रहते हैं। क्योंकि इनमें मौजूद विभिन्न पौष्टिक और एंटी ऑक्सीडेंट तत्व आपके शारीरिक-मानसिक विकास में सहायक होने के साथ-साथ विभिन्न बीमारियों से बचाने में सहायक होते हैं। आपने डाॅक्टरों यह उक्ति जरूर सुनी होगी- “रोजाना एक सेब खाएं और डाॅक्टर को दूर भगाएं “। आपको भी डेली रूटीन में फल-सब्जियां ज्यादा से ज्यादा खानी चाहिए। इसलिए खाने से एक-डेढ घंटे पहले या ब्रंच टाइम में स्नैक्स के तौर पर फल खाना सेहतमंद है। और सब्जियां खाने के साथ कच्ची सलाद के तौर पर भी जरूर खानी चाहिए।