General Manners: इंटरनेट पर विडियो का वायरल होना एक आम बात है। कभी किसी के डांस का विडियो वायरल होता है तो भी कभी कुछ लेकिन हाल ही में एक ऐसा विडियो इंटरनेट पर चला जिसमें पति अपनी पत्नी को फोन में कुछ रिकॉर्डिंग करते-करते ही मारने लगा। वजह चाहे कुछ भी हो लेकिन इस तरह से हाथ उठाना कब तक चलेगा। यह सच में सोचने की बात है। हमारे समाज के लिए इससे बड़ी शर्मिंदगी कुछ नहीं हो सकती। हम भले ही चांद-सितारों पर पहुंच जाएं लेकिन हमारे समाज की कुछ बेसिक समस्याएं हैं उनका तो लगता है जैसे कोई अंत ही नहीं होगा। भारतीय महिलाएं जब केवल घर के कामों तक ही सीमित थीं। आर्थिक रुप से वह घर के पुरुषों पर निर्भर थीं वह तब भी शारारिक प्रताड़ना को सह रही थीं। लेकिन अब भी बहुत कुछ स्थितयां बदली नहीं हैं।
अब फर्क सिर्फ इतना आया है कि थप्पड़ का निशान वो अपने मेकअप की कला से छिपाने में माहिर हो गई हैं। पुरुषों का हाथ उठाना कोई नई बात नहीं है। हां लेकिन इस बारे में विचार-विमर्श करने की जरुरत इसलिए ताकि हम जान पाएं कि आखिर इसकी पीछे क्या है? बड़े शहरों में आजकल हम एक फैंसी लाइफ स्टाइल जी रहे हैं लेकिन जब अपनी पत्नी से बात करेंगे तो सोच और भाषा का स्तर क्या होता है इस बारे में गहराई से विशलेषण करने की जरुरत है। इंटरनेट पर जो विडियो वायरल हुआ है उस घटना को देखें तो बहुत छोटी सी गलती थी उस लड़की की। बर्थडे केक कटने वाला था बस उसने थोड़ा जल्दी मोमबत्ती को बुझा दिया। यह उस लड़की का इतना बड़ा गुनाह बन गया कि हसबैंड आया और उसे मारने लगा। पास में छोटा बच्चा भी था बच्चे ने भी पिता की देखा-देखी मां को मारना शुरु कर दिया। सोचिए कि एक बड़े शहर में रहने वाले लोगों का संस्कार का स्तर क्या है। हम कुछ बातों का ध्यान रखें और कोशिश करें तो शायद बदलाव आ सकता है।
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General Manners: भाषा का स्तर
ऐसा नहीं होता कि हमारी जिंदगी कोई फिल्मी है। जहां कोई नायक-नायिका है। पति-पत्नी के बीच में किसी भी बात को लेकर मतभेद होना स्वाभाविक है। सभी के विचार अलग होते हैं। हां लेकिन कोशिश करें कि जब भी कोई डिस्कशन हो उसमें भाषा का स्तर और आवाज की बीच में संतुलन रहे। अगर आप अपनी आवाज पर नियंत्रण कर पाए तो जान लीजिए कि आप अपने जीवन में बहुत कुछ नियंत्रित कर सकते हैं। याद रखिए कि गुस्सा सभी को आता है लेकिन उसे काबू में करना हर एक को नहीं आता।
बच्चे देख रहे हैं
आजकल के हम लोगों के साथ सबसे बड़ी समस्या है कि हम सुनना नहीं चाहते हममें धैर्य की कमी है। अगर हमारे साथ किसी का कोई डिस्कशन हुआ है तो हमारी पहली कोशिश सामने वाले पर हावी हो जाने की होती है। अपनी बातों को अहं का मुद्दा न बनाएं। दूसरे की भी सुनें। इस बात को भी समझें कि आप जो भी कर रहे हैं उसे बच्चे देख रहे हैं। वह आगे आने वाले अपने जीवन में वही करेंगे जो हम आज कर रहे हैं।
यह किताबों से नहीं आते
हम सभी आजकल बहुत ज्ञान की बातें करते हैं जैसे कि पैसे कम खर्च करो, मोबाइल पर हर समय न लगे रहो। जबकि पेरेंट्स भी खूब खचीर्ले हो चुके हैं और मोबाइल का तो खैर कहना ही क्या। आपको इस बात को समझना होगा कि कुछ बातें बार-बार बोलने से या किताबी बातें करने से नहीं आतीं। आपको सच में करके दिखाना होता है। अगर आप बच्चों को यह बता रहे हैं कि महिला और पुरुष बराबर हैं तो आपको अपने घर में महिलाओं को वह इज्जत देनी होगी जिसकी उन्हें दरकार है। चाहे वह आपकी पत्नी हो मां हो बेटी या बहन। अगर आप ऐसा करेंगे तो आपको अपने बच्चे को यह बताने की जरुरत नहीं पड़ेगी कि औरतों की इज्जत कैसे की जाए। वह जब इज्जत होते हुए देखेगा तो अपने जीवन में आने वाली महिलाओं की इज्जत करेगा।
नेगेटिव कमेंट से बचें
बहुत बार देखा है कि घरवाले आपस में एक-दूसरे को बहुत नेगेटिव कमेंट करते हैं जैसे कि यह खाना कैसा बनाया है? तैयार होने का तो तुममें कोई ढंग ही नहीं है। हो सकता है कि आपको यह बात पढ़कर लगे कि बहुत छोटी सी बात है लेकिन नहीं बदतमीजी करने की जमीन तो इन बातों से ही तैयार होती है। जो मुंह में आए वह मत बोलिए। सोचिए, तोलिए और फिर बोलिए। यह बात सिर्फ पुरुष नहीं महिलाओं पर भी लागू होती है।
एक थप्पड़ ही तो है
अभी कुछ समय पहले एक मूवी आई थी थप्पड़। आदमी जब पहली गलती करे उस समय उसे टोकें। एक थप्पड़ ही तो मारा है सोचकर आप चुप होंगी तो जाल लीजिए कि यह रोज की बात बनने में बहुत देर नहीं लगेगी। एक थप्पड़ पड़ने पर अगर आप नहीं टोकेंगी तो बस वही होता रहेगा जो हमारे समाज में होता आ रहा है। अगर आप किसी को इज्जत देती है तो आपको भी इज्जत से रहने का अधिकार है। ताकि कभी कोई यह न कह पाए कि गुस्से में हो गया था। रोज थोड़ी होता है।
माफी मांगे एक दूसरे से
अगर आपको लगता है कि आप गुस्से के तेज हैं तो सॉरी कहना शुरु करें। बच्चों के सामने जब झगड़े तो उन्हीं के सामने सॉरी भी करें। आप यकीं जानें कि इससे आपके ईगो पर चोट लगेगी लेकिन मन को अच्छा लगेगा। हां लेकिन इस बात को जान लें कि चाहे कुछ भी हरे जाए आप हाथ किसी कीमत पर और किसी भी स्थिति में नहीं उठाएंगे। यह मर्दानगी की नहीं कायरता की निशानी है इस बात को अपने जेहन में बार-बार दोहराएं।
