हर पहलू से जानिए तुलसी का महत्व

भारत में दो प्रकार की तुलसी पाई जाती है रामा और श्यामा तुलसी और दोनों ही तुलसी का अपना विशेष महत्व होता है।

Tulsi Plant at Home: हिन्दू धर्म में तुलसी एक पवित्र पौधा माना जाता है। ऐसा माना जाता है जिस घर में तुलसी का पौधा होता है, वहां माता लक्ष्मी का वास होता है और वहां हमेशा सुख समृद्धि विद्यमान रहती है। इसे एक चमत्कारिक पौधा माना जाता है जो विपत्तियों का नाश कर घर में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है। तुलसी का पौधा पूजा करने के साथ साथ जड़ी-बूटी बनाने में भी काम आता हैI इस पौधे की लंबाई लगभग 30 से 60 सेमी तक होती हैI इसके फूल बैंगनी रंग के होते हैं, जिसे मंजरी कहा जाता है I

हिन्दू धर्म में लगभग हर घर में तुलसी की पूजा की परंपरा चली आ रही हैI कहते हैं रोज सुबह तुलसी में जल डालने से सौभाग्य में वृद्धि होती है। तुलसी मिले जल से स्नान करने से तीर्थ का लाभ मिलता है। तुलसी को प्राण दायिनी और मोक्ष दायिनी भी कहा जाता है। इसलिए मरणोपरांत व्यक्ति को तुलसी मिले गंगाजल को मुख में दिया जाता है।

भारत में दो प्रकार की तुलसी पाई जाती है रामा और श्यामा तुलसी और दोनों ही तुलसी का अपना विशेष महत्व होता है।

विद्वानों के अनुसार घर में रामा या श्यामा दोनों में कोई एक ही तुलसी लगाना चाहिए, लेकिन रामा तुलसी को भाग्यशाली तुलसी और श्री तुलसी भी कहा जाता है। इसलिए घर के लिए सबसे उपयुक्त तुलसी रामा तुलसी को माना जाता हैI वास्तु के अनुसार अगर हम तुलसी लगाने की सही दिशा और उससे जुड़े नियम अगर जान लें तो हमें इसके कई चमत्कारिक फायदे मिल सकते हैं।

  • वास्तु शास्त्र में तुलसी रखने का सही स्थान ईशान दिशा यानि उत्तरपूर्व दिशा है। इस दिशा में तुलसी लगाने से लाभ होता है। तुलसी के पौधे को कभी भी दक्षिण दिशा या आग्नेय दिशा में नहीं लगानी चाहिए, नहीं तो ये सौभाग्य की जगह दुर्भाग्य ला सकती है। तुलसी एक पूजनीय पौधा है इसलिए इसको ईशान कोण में रखते हैं I
  • तुलसी को कभी भी किसी गंदे जगह पर नहीं रखना चाहिएI तुलसी रखने के लिए हमेशा साफ सुथरी जगह का चयन करना चाहिए। तुलसी को ईशान कोन में ऊंची जगह पर ही रखना चाहिए । ईशान दिशा को साफ और पवित्र रखना चाहिए। तुलसी के समीप झाड़ू, जूठे बर्तन और गंदगी नहीं होनी चाहिए।
  • तुलसी के पौधे को हमेशा गमले में या चबूतरे में ही लगाना चाहिए। कभी भी जमीन में तुलसी नहीं लगानी चाहिए। तुलसी को रखने वाले पॉट जिसे साधारण बोलचाल की भाषा में “तुलसी चौड़ा” भी कहते हैं, उसी में रखकर इसकी पूजा करनी चाहिए I
  • अगर आप तुलसी लगाते हैं तो आपको उसका पूरा ख्याल रखना चाहिए। तुलसी के पौधे को पर्याप्त मात्रा में धूप, पानी की व्यवस्था होनी चाहिए। क्यूंकि तुलसी का पौधा मुरझाने या सूखने से दुर्भाग्य का सूचक होता है।
  • शास्त्रों के अनुसार रविवार को तुलसी तोड़ना और जल देना वर्जित माना गया है। एकादशी में तुलसी की पूजा से माता लक्ष्मी और विष्णु दोनों प्रसन्न होते हैं I
  • तुलसी को हमेशा विषम संख्या में ही लगाना चाहिए ना की सम संख्या में। जैसे तीन, पाँच, सात की संख्या में ही घर में लगाएंI एक ही स्थान पर दो तुलसी ना लगाएं I
  • कभी भी बिना स्नान किए तुलसी को ना छुएं और ना ही उनके पत्ते तोड़े। सूर्यास्त के बाद तुलसी में पानी नहीं डाले।
  • भगवान विष्णु को तुलसी अतिप्रिय है, इसलिए श्री विष्णु बिना तुलसी के पूजा स्वीकार नहीं करते हैं। उनके नैवेद्य में तुलसी जरूर अर्पित करना चाहिए I
  • भगवान गणेश, शिव और देवियों को तुलसी अर्पित नहीं करनी चाहिए। तुलसी केवल विष्णु, कृष्ण, बजरंगबली को ही अर्पित करें।
  • तुलसी के पौधे को लगाने का सबसे अच्छा दिन गुरुवार होता है जो भगवान विष्णु का भी दिन है I

अगर आप तुलसी से जुड़े नियम का पालन करेंगी तो माता लक्ष्मी की कृपा के साथ साथ भगवान विष्णु की भी प्राप्त होगी साथ ही साथ अन्य लाभ भी मिलेंगे:

वैवाहिक जीवन में लाभ

अगर आप रोज सुबह शाम तुलसी की सेवा करती हैं तो माता लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की भी कृपा मिलती है। इससे आपका वैवाहिक जीवन खुशहाल और शांतिपूर्ण बना रहता है।

पारिवारिक सुख शांति

कहते हैं जिस घर में तुलसी की सुबह शाम आराधना होती है। तुलसी के पौधे के समीप दिया जलाया जाता है तो उस घर से दरिद्रता कोषों दूर रहती है और देव दोष भी समाप्त हो जाते हैं। अगर महिलाएं रोज सुबह तुलसी को जल अर्पित करते हुए ये मंत्र “महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते.” का जाप करती हैं तो उनकी सारी इच्छाएं पूरी होती है। सौभाग्य प्राप्ति और पारिवारिक जीवन खुशहाल और शांतिपूर्ण रहता है। तुलसी की पूजा से नकारात्मकता दूर रहती है I

स्वास्थ्य लाभ

  • आध्यात्मिक गुण के साथ तुलसी के पौधे में औषधीय गुण भी पाए जाते हैं। जिससे कई तरह के स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। ये एक नेचुरल प्यूरीफायर होता है जो हवा को शुद्ध भी करता है।
  • तुलसी के पौधे में पर्याप्त मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेंट्री गुण पाया जाता हैI जिसके सेवन से किसी भी प्रकार के संक्रमण से लड़ने और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने में कारगर सिद्ध होता है।
  • तुलसी में एंटी बैक्टिरीअल तत्त्व पाए जाते हैं जो घाव को भरने में सहायक होता हैI फिटकिरी के साथ तुलसी के पत्तों को पीस कर लगाने से घाव जल्दी भर जाते हैंI
  • तुलसी के पत्तों के साथ जीरे को पीस कर खाने से दस्त में आराम मिलता हैI
  • सर्दी जुकाम होने पर तुलसी का काढ़ा बनाकर पीने से राहत मिलती है। सिर दर्द होने पर तुलसी की चाय पीने से सिर दर्द में आराम मिलता हैI
  • पीरियड्स की अनियमितता दूर करने के लिये इसके बीज का सेवन किया जाता हैI
  • यह कैंसर, हृदय रोग, जैसी विभिन्न बीमारियों को दूर करने में भी सहायक है। इतना ही नहीं तुलसी से श्वसन संबंधी विभिन्न समस्याओं भी ठीक होती हैं।

इस तरह आप तुलसी के पौधे को घर में  लगाकर आध्यात्मिक लाभ के साथ स्वास्थ्य का लाभ भी उठा सकती हैं।