सोमवार के दिन भगवान शिव के साथ पीपल के पेड़ की भी पूजा करनी चाहिए। भगवान शिव को धतुरा भी बेहद प्रिय है।
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भगवान महादेव पर क्यों नहीं चढ़ाया जाता लाल सिंदूर, जानिए वजह: Lord Shiva
Lord Shiva: हिन्दू धर्म में भगवान शिव का विशेष स्थान है। शिव पुराण में भगवान शिव के 108 संस्कृत नाम शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक नाम भगवान की एक अलग छवि का प्रतिनिधित्व करता है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उनके भक्त विभिन्न उपाए करते हैं। भगवान शिव को बेल पत्र, धतूरा और […]
Kanwar Yatra 2022: जानें, कब से शुरू हो रही है कांवड़ यात्रा, क्या है इसका इतिहास व यात्रा के नियम
Kanwar Yatra 2022: श्रावण माह की शुरूआत के साथ ही जप, तप और व्रत आरंभ हो जाते है। भगवान शिव की अराधना और भक्ति के लिए सर्वश्रेष्ठ माने जाने वाले सावन महीने में इस बार 14 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू हो रही है। ऐसी मान्यता है कि सावन के महीने में शिव जी की […]
Shiv and Shankar : जानिए भगवान शिव और शंकर में है क्या अंतर
Shiv and Shankar : अज्ञान के कारण बहुत से लोग शिव और शंकर को एक ही सत्ता के दो नाम मानते हैं। परंतु दोनों की प्रतिमाएं अलग-अलग आकृति की हैं। शंकर को सदा तपस्वी मूर्त दिखाया जाता है और कई तस्वीरों में शिवलिंग का ध्यान करते हुए भी दिखाते हैं। परमात्मा शिव की स्थापना, पालना […]
Shivratri 2022 : भगवान शिव से जुड़े सवालों के जवाब जानें यहां…
बिल्वपत्र तोड़ने समय रखें खास ध्यान, इन मंत्रों का करें जाप Shivratri 2022 : फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भोलेनाथ का रुद्राभिषेक करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और श्रावण मास में भगवान का शिव की पूजा विशेष फल […]
Shivratri : क्यों मनाते हैं शिवरात्रि? जानिए यहां सबकुछ
शिवरात्रि का अर्थ वह रात्रि है जिसका शिवतत्व के साथ घनिष्ठ संबंध है। भगवान शिव जी की अतिप्रिय रात्रि को शिवरात्रि कहा गया है। शिवार्चन एवं जागरण ही इस व्रत की विशेषता है। इसमें रात्रि भर जागरण एवं शिवाभिषेक का विधान है। श्री पार्वती जी की जिज्ञासा पर भगवान शिव जी ने बताया कि फाल्गुन कृष्णपक्ष की चतुर्दशी शिवरात्रि कहलाती है।
