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चांदनी रात में घोनू भाई – 21 श्रेष्ठ बालमन की कहानियां चंडीगढ़

महाराना प्रताप डैम के बस-स्टेशन पर बस रूकी। राजन बस से उतर कर देखने लगा। शाम को झुटपुट था। आठ बज रहे थे। डैम की मुण्डेर पर खड़े हो कर उसने दूर तक नज़र दौड़ाई। कितना कुछ बदल गया है। तब डैम की खुदाई शुरू हुई थी। डैम अब कितना बड़ा बनेगा, आम आदमी को […]

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