डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन उन विद्वानों में से एक थे जो बहुतायत मानवीय गुणों एवं अद्भूत प्रतिभा के जगह एक महान भारतीय दार्शनिक के रूप में चिरस्थायी हैं। यह कहना अतिशयोक्ति न होगा कि स्वामी विवेकानंद और महॢष अरविंद के बाद यदि कोई भी भारतीय दार्शनिक ने पूर्व की दार्शनिक मान्यताओं को पश्चिम में यथोचित जगह दिलाने हेतु काम करके एक नवीन विचार धारा का निरुपण किया, तो वे डॉ. राधाकृष्णन ही थे।
