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”प्यार का बन्धन”

घर की ड़ोर-बैल बजी तो राखी दौड के दरवाजे पर पहुंची। दरवाजे पर पोस्टमैन था। कोई रजिस्ट्री लाया था। राखी के दिल की धडकने बढ गई। कांपते हाथों से रजिस्ट्री खोली तो श्रेय के एग्जाम का फार्म निकला। आज भी उसे मायूसी हाथ लगी।

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