टीवी के तेज़ होते वॉल्यूम के साथ बहू माला के डांटने का स्वर गूंजा तो बाबूजी की नींद भी उचट गई। अब फिर से नींद नहीं आने वाली, सोचकर उन्होंने तकिए के नीचे से अमृता प्रीतम की ‘सात सौ बीस कदम’ निकाली और सहारा लेकर बैठ गए। नजरें स्वत: ही समीप लेटी पत्नी वसुंधरा की ओर घूम गई।
