भो, जा, जी उत्तराषाढ़ा‒3
जू, जे, जो, खा अभिजित-4
खा खी, खू, खे, खो श्रवण‒4
गा, गी धनिष्ठा‒2
ग्रह स्थिति
मासारम्भ में शनि कुंभ राशि का द्वितीय भाव में, बृहस्पति+मंगल मीन राशि का तृतीय भाव में, राहु+शुक्र मेष राशि का चतुर्थ भाव में, सूर्य+बुध वृषभ राशि का पंचम भाव में, चंद्रमा मिथुन राशि का षष्ठम भाव में, केतु तुला राशि का दशम भाव में चलायमान है।
8 जून से 15 जून तक
8 को किसी रिश्तेदार से सम्बंधित कोई अप्रिय समाचार प्राप्त होंगे। लापरवाही से धनहानि के योग बनते हैं। 10 व 11 को राजकीय कार्य किसी प्रभावशाली व्यक्ति की मदद से पूरे होंगे। नया काम और सकारात्मक सोच जिन्दगी का खेल जीतने में मददगार साबित होंगे। 11 व 12 को चंद्रमा केतु की युति परिश्रम व मेहनत के उपरांत सफलता दिलाएगी। आप किसी धर्म स्थल, मंदिर, मठ, मस्जिद या गुरुद्वारे में जा सकते हैं। लेखन के कार्यों में रुचि रहेगी। 13 व 14 को आर्थिक रूप से आप सक्षम व सुदृढ़ स्थिति में रहेंगे। करियर व नौकरी में महत्त्वपूर्ण पदभार सौंपा जा सकता है। कहीं से रुका हुआ व अटका हुआ रुपया प्राप्त होगा। 15 को कलह, वाद-विवाद में उलझ सकते हैं।
मकर राशि की शुभ-अशुभ तारीख़ें
| 2021 | शुभ तारीख़ें | सावधानी रखने योग्य अशुभ तारीख़ें |
| जनवरी | 4, 5, 8, 9, 27, 28, 31 | 1, 2, 11, 12, 20, 21, 22, 29, 30 |
| फरवरी | 1, 4, 5, 23, 24, 28 | 7, 8, 16, 17, 18, 26 |
| मार्च | 3, 4, 5, 22, 23, 27, 28, 31 | 6, 7, 8, 16, 17, 25 |
| अप्रैल | 1, 19, 20, 23, 24, 27, 28 | 3, 4, 12, 13, 14, 21, 22, 30 |
| मई | 16, 17, 20, 21, 22, 24, 25, 26 | 1, 9, 10, 11, 18, 19, 27, 28, 29 |
| जून | 12, 13, 17, 18, 21, 22 | 6, 7, 8, 15, 23, 24, 25 |
| जुलाई | 10, 11, 14, 15, 18, 19, 20 | 3, 4, 5, 12, 13 20, 21, 22, 30, 31 |
| अगस्त | 6, 7, 11, 12, 14, 15, 16 | 1, 9, 17, 18, 26, 27, 28 |
| सितम्बर | 2, 3, 4, 7, 8, 11, 12, 30 | 5, 6, 13, 14, 15, 23, 24, 25 |
| अक्टूबर | 1, 4, 5, 6, 8, 9, 27, 28 | 2, 3, 11, 12, 20, 21, 22, 30, 31 |
| नवम्बर | 1, 2, 4, 5, 6, 23, 24, 28, 29 | 7, 8, 16, 17, 18, 26 |
| दिसम्बर | 2, 3, 21, 22, 25, 26, 29, 30 | 4, 5, 6, 14, 15, 16, 23, 24 |
मकर राशि का वार्षिक भविष्यफल

इस वर्ष मकर राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव है। इस वर्ष 29 अप्रैल तक शनि आपकी राशि में गतिशील रहेंगे। शनि का यह परिभ्रमण स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव तो रखेगा, परंतु व्यापार व कामकाज में सफलता के संकेत इस दौरान मिल रहे हैं। इस वर्ष आपको मेहनत व परिश्रम पहले की अपेक्षा कुछ अधिक ही करना पड़ेगा। आप पूरी तरह से तल्लीन होकर काम में जुट जाएंगे। यह वर्ष आपके लिए काफी चुनौतियों से परिपूर्ण रहेगा। समस्याएं भी एक के बाद एक लगी रहेंगी। आप कठोर परिश्रम, बुद्धि, विवेक व होशियारी से हर समस्या, हर मुश्किल का हल खोज ही लेंगे। इस वर्ष व्यापार व कामकाज को पटरी पर लाने के लिए भरसक मेहनत, प्रयास व परिश्रम करना पड़ेगा। इन संघर्ष पूर्ण स्थितियों के बीच लाभ की भी बरसात होगी। परंतु आपको कई मामलों में बहुत सजग व होशियार रहना पड़ेगा। भागीदार पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं करें व ग्राहकों के साथ सीधा संवाद में रहें। इस वर्ष धन प्राप्ति की संभावनाएं प्रबल हैं। एकादश स्थान में वर्षारंभ में मंगल+चंद्रमा की युति धनदायक रहेगी, लेकिन इस वर्ष खर्च की भी प्रबल संभावनाएं हैं। धन का प्रवाह बना रहेगा, पैसा पास में टिक नहीं पाएगा।
इस वर्ष शनि आपकी राशि में तथा दूसरे भाव (कुंभ राशि) में वर्षपर्यंत परिभ्रमण करेंगे। अतः व्यापार में विस्तार की जो योजना पिछले काफी समय से लम्बित चल रही थी, उस पर काम होगा। बुध वर्षारंभ में शनि के साथ है। अतः बुद्धिमत्ता व विवेक से आप हर मुश्किल समस्या का हल निकाल ही लेंगे। यह वर्ष आपके लिए उपलब्धियों से परिपूर्ण रहेगा। 4 जून से 23 अक्टूबर के मध्य शनि वक्रस्थिति में चलायमान रहेंगे। अतः इस दौरान कभी-कभार मन में निराशाजनक व नकारात्मक विचारों की स्थिति बन सकती है। व्यापार व कार्यक्षेत्र में कुछ महत्त्वपूर्ण सूचनाएं व व्यापारिक जानकारी लीक हो सकती है। भागीदार व कर्मचारी की हर गतिविधि पर पैनी निगाह आपको बड़े से बड़े खतरे से बचा सकती है। शत्रु व विरोधी हावी होंगे, सम्पत्ति के रख-रखाव पर खर्चा होगा। 4 जून से 23 अक्टूबर के मध्य शनि के वक्रत्व काल में स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव रहेंगे। पेट से सम्बंधित समस्या, जोड़ों का दर्द, दीर्घकालिक बीमारियां हार्ट डिजीज, ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं भी रहेंगी। व्यापार में नए अनुबंधन व करार इस वर्ष जून के पश्चात होंगे। आपको सलाह दूंगा कि आप किसी भी दस्तावेज पर बिना पढ़े हस्ताक्षर नहीं करें। नौकरी में जो समस्याएं चली आ रही थीं वह समाप्त हो जाएंगी। विभागीय जांच व अन्य नौकरी से सम्बंधित जांच का निर्णय आपके पक्ष में आएगा। नौकरी से सम्बंधित परीक्षा का परिणाम आपके पक्ष में आएगा। प्रतियोगी परीक्षा, इंटरव्यू, साक्षात्कार का परिणाम आपके पक्ष में आएगा। मित्रों से सहयोग मिलेगा। इस वर्ष आप जो काम करने की एक बार मन में ठान लेंगे, उसे पूरा करके ही दम लेंगे। इस वर्ष मनोनुकूल तबादला, पदोन्नति व वेतन वृद्धि के अवसर मिल सकते हैं। काम में लापरवाही नहीं करें। इस वर्ष व्यापार विस्तार को लेकर लोन ले सकते हैं। शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव है। अतः वाहन सावधानी पूर्वक चलाएं। अजनबी व अपरिचित व्यक्तियों से व्यवहार में पूरी सावधानी रखें। अपने अध्ययन के प्रति समर्पित रहेंगे। आत्मविश्वास व मनोबल आप में गजब का रहेगा। जून से अक्टूबर के मध्य शनि के वक्रत्व काल में किसी रिश्तेदार से सम्बंधित कोई अशुभ या अप्रिय समाचार प्राप्त होंगे। वर्ष के अंत में घर में किसी शुभ या मांगलिक प्रसंग की रूपरेखा बन सकती है।
मकर राशि –कैसी रहेगी 2022 में आपकी सेहत?
मकर राशि –व्यापार, व्यवसाय व धनके लिए कैसा रहेगा आने वाला साल 2022 ?
जानिए कैसा रहेगा 2022 में आपका घर-परिवार, संतान व रिश्तेदार के साथ सम्बन्ध ?
जानिए कैसा रहेगा 2022 में आपका विद्याध्ययन, पढ़ाई व करियर ?
जानिए कैसा रहेंगे 2022 में आपके प्रेम-प्रसंग व मित्रता सम्बन्घ ?
जानिए कैसा रहेंगे 2022 में आपकेवाहन, खर्च व शुभ कार्य?
मकर राशि वाले कैसे बचेहानि, कर्ज व अनहोनी से?
जानिए कैसा रहेंगे 2022 मेंआपका यात्रा योग?
कैसे बनाये मकर राशि वाले 2022 को लाभकारी ?
मकर राशि की चारित्रिक विशेषताएं
मकर राशि का स्वामी शनि है। शनि प्रधान व्यक्ति मेहनत से नहीं घबराते हैं। मकर राशि के जातक व्यावहारिक (प्रैक्टिकल) तथा बलवान होते हैं, परंतु पैरों में कभी-कभार तकलीफ रहती है।
शनि पाप ग्रह है तथा उनका रंग काला है। इस राशि वाले व्यक्ति प्रायः काले, नाक चपटी, पैनी आंखें, शरीर से ये पतले, फुर्तीले तथा कुछ लम्बे कद के होते हैं। यह चर संज्ञक व पृथ्वी तत्त्व प्रधान राशि है। इसका प्राकृतिक भाव उच्च पदाभिलाषी प्रकृति की होती है। क्रोध इनको धीरे-धीरे आता है व शांत भी ये देरी से होते हैं। जहां ये अपना पक्ष कमजोर देखते हैं, वहां पर ये नम्र हो जाते हैं।
मकर राशि में उत्पन्न जातक शान्त तथा उदार प्रवृत्ति के होते हैं तथा अन्य जनों के प्रति उनके मन में प्रेम तथा सहानुभूति का भाव विद्यमान रहता है। इनके मुखमंडल पर विचारशीलता, शांति एवं गंभीरता सदैव बनी रहती है। ये अत्यंत ही कर्मशील एवं परिश्रमी होते हैं। फलतः सांसारिक महत्त्व के कार्यों को सम्पन्न करके उनमें सफलता अर्जित करते हैं। इनमें कार्य करने की क्षमता प्रबल होती है तथा यही इनकी सफलता का रहस्य होता है। समाज एवं देशसेवा के प्रति ये उद्यत रहते हैं। ये साहसी एवं संघर्षशील होते हैं तथापि मन में यदा-कदा उदासीनता के भाव उत्पन्न होते हैं, जिससे सुख-दुःख में समान भाव की अनुभूति करते हैं। परिश्रमी एवं अध्ययनशील होने के कारण ये अनुसंधान विज्ञान या शास्त्रीय विषयों का ज्ञान अर्जित करके एक विद्वान के रूप में सामाजिक पहचान प्राप्त करते हैं। आप स्वस्थ एवं बलशाली पुरुष होंगे। आप में आदर्शवादिता का भाव होगा तथा अपने आदर्शों पर चलने के लिए आप स्वतंत्र होंगे। देश-सेवा का भाव भी आप में विद्यमान रहेगा तथा शत्रु एवं प्रतिद्वन्द्वियों से भी उदारता का व्यवहार करेंगे। फलतः वे भी आपसे प्रभावित होंगे।
आप बुद्धिमत्तापूर्वक अपने कार्यकलापों को सम्पन्न करके धनैश्वर्य, वैभव एवं सुख अर्जित करेंगे। संगीत के प्रति आपकी विशेष रुचि रहेगी तथा इस क्षेत्र में परिश्रमपूर्वक कोई विशिष्ट उपलब्धि भी अर्जित कर सकते हैं। आप श्रेष्ठ कार्यों को करने में रुचि लेंगे तथा एक चतुर व्यक्ति के रूप में जाने जाएंगे। आपकी पुत्र संतति प्रसिद्ध रहेगी तथा उनसे आपको इच्छित सुख एवं सहयोग मिलता रहेगा।
पिता के प्रति आपके मन में पूर्ण सम्मान तथा आदर की भावना होगी तथा उनकी सेवा करने में हमेशा तत्पर रहेंगे। आपकी आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होगी तथा प्रचुर मात्रा में धन एवं लाभ अर्जित करके एक धनवान के रूप में सामाजिक प्रतिष्ठा प्राप्त करेंगे। आप युवावस्था में संघर्षशील रहेंगे और वृद्धावस्था में सुख एवं शांति प्राप्त करेंगे।
धर्म में आस्था होने के कारण समयानुसार धार्मिक कार्यकलापों को भी सम्पन्न करेंगे। इससे आपको मानसिक शांति प्राप्त होगी। मित्र एवं बंधु वर्ग के आप प्रिय होंगे तथा इनसे आपको पूर्ण लाभ एवं सहयोग प्राप्त होगा। आप किसी बात पर निर्णय सोच-विचार कर धीरे-धीरे लेंगे। आप ऊंची-ऊंची योजनाएं बनाने में सदा तत्पर रहते हैं। कमाते बहुत हैं पर धन पास में टिकता नहीं, हर समय द्रव्य का अभाव महसूस करते हैं। पत्नी व आपके विचारों में असमानताएं, आपके वैवाहिक सुख को कटुतर बनाने में सहायक हैं। आपकी राशि का चिह्न ‘मगरमच्छ’ है। ‘मगरमच्छ के आंसू’ वाली कहावत लोक-प्रसिद्ध है। ऐसे व्यक्ति दीन स्वरूप व दयनीय स्थिति का बोध कराते हैं, लेकिन कपटी होते हैं। ये बहुभोगी व विषयवासना में आसक्त रहने वाले व्यक्ति होते हैं। भोजन के बाद शीघ्र आराम करने की इच्छा रहती है। ये कहते कुछ हैं व करते कुछ हैं।
यदि आपका जन्म मकर राशि के ‘उत्तराषाढ़ा नक्षत्र’ के (भो, जा, जी) चरणों में हुआ है, तो आपका जन्म 6 वर्ष की सूर्य की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-नकुल, गण-मनुष्य, वर्ण-क्षत्रिय, हंसक-अग्नि, नाड़ी-अन्त्य, पाया-तांबा है। इस नक्षत्र का द्वितीय चरण का वर्ग-मूषक, अन्य दोनों चरणों का वर्ग-सिंह है। इस नक्षत्र में जन्मा जातक बहुत नम्र, बहुत मित्रों वाला, धार्मिक, कृतज्ञ, भाग्यशाली होता है। उत्तराषाढ़ा सूर्य का नक्षत्र है, जो कि चंद्रमा का मित्र है, इसलिए यह शुभ फल कहा जाता है।
यदि आपका जन्म मकर राशि के ‘श्रवण नक्षत्र’ (जू, जे, जो, खा) में हुआ है, तो आपका जन्म 10 वर्ष की चंद्रमा की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-कपि, गण-देव, वर्ण-वैश्य, हंसक-भूमि, नाड़ी-अन्त्य, पाया-तांबा तथा प्रथम तीन चरण का वर्ग-सिंह एवं अन्तिम चरण का वर्ग-बिलाव है। श्रवण नक्षत्र में जन्मे लोग अपने कार्यक्षेत्र में ऊंचा नाम कमाते हैं। परोपकार व धार्मिक कार्यों में धन, समय व श्रम का समुचित उपयोग करेंगे।
यदि आपका जन्म मकर राशि के ‘धनिष्ठा नक्षत्र’ के प्रथम व द्वितीय चरण (गा, गी) में हुआ है, तो आपका जन्म 7 वर्ष की मंगल की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-सिंह, गण-राक्षस, हंसक-भूमि, नाड़ी-मध्य, पाया-तांबा एवं वर्ग-बिलाव है। धनिष्ठा नक्षत्र में जन्मा व्यक्ति निडर व निर्भीक होता है। ये संगीत प्रेमी होते हैं और समाज में इनकी प्रतिष्ठा होती है।
मकर राशि वाले व्यक्ति प्रायः एकांतप्रिय व भीड़-भाड़ से दूर रहना पसन्द करते हैं। इनमें स्वार्थ की प्रवृत्ति कुछ विशेष रहने के कारण इनको धार्मिक व राजनैतिक क्षेत्र में सफलताएं कम मिलती हैं। ये अत्यधिक गोरे होंगे या काले। इसी प्रकार या तो ये कट्टर आस्तिक होंगे या फिर एकदम नास्तिक। आपके अनुकूल फलदायक रत्न ‘नीलम’ है।
मकर राशि वालों के लिए उपाय
आपकी राशि का अधिपति शनि है। अतः 7 प्रकार के अनाज व दालों को मिलाकर पक्षियों को चुगाएं। काले कुत्ते को रोटी खिलाना भी आपके लिए लाभप्रद रहेगा। गहरे रंग के कपड़ों का प्रयोग करें। बैंगनी रंग व नीला रंग उपयुक्त रहता है। नीलम, नीली या शनि यंत्र धारण करें। शनिवार का व्रत करें।
मकर राशि की प्रमुख विशेषताएं
- राशि ‒ मकर
- राशि चिह्न ‒ मगरमच्छ
- राशि स्वामी ‒ शनि
- राशि तत्त्व ‒ पृथ्वी तत्त्व
- राशि स्वरूप ‒ चर
- राशि दिशा ‒ दक्षिण
- राशि लिंग व गुण ‒ स्त्री, तमोगुणी
- राशि जाति ‒ वैश्य
- राशि प्रकृति व स्वभाव ‒ सौम्य स्वभाव, वात प्रकृति
- राशि का अंग ‒ घुटना (टखने)
- अनुकूल रत्न ‒ नीलम
- अनुकूल उपरत्न ‒ कटेला
- अनुकूल धातु ‒ लोहा, त्रिलोह
- अनुकूल रंग ‒ नीला, आसमानी, काला
- शुभ दिवस ‒ शनिवार
- अनुकूल देवता ‒ शनिदेव
- व्रत, उपवास ‒ शनिवार
- अनुकूल अंक ‒ 8
- अनुकूल तारीख़ें ‒ 8/17/26
- मित्र राशियां ‒ कुंभ
- शत्रु राशियां ‒ सिंह
- व्यक्तित्व ‒ परोपकारी, दयालु, प्रशासक
- सकारात्मक तथ्य ‒ व्यावहारिक धरातल पर चलने वाला कठोर परिश्रमी, सही सलाह देने वाला
- नकारात्मक तथ्य ‒ सन्देहास्पद प्रवृत्ति, कठिनता से मानने वाला
भो, जा, जी उत्तराषाढ़ा‒3
जू, जे, जो, खा अभिजित-4
खा खी, खू, खे, खो श्रवण‒4
गा, गी धनिष्ठा‒2
ग्रह स्थिति
मासारम्भ में शनि+मंगल कुंभ राशि का द्वितीय भाव में, शुक्र+बृहस्पति मीन राशि का तृतीय भाव में, सूर्य+राहु+चंद्रमा मेष राशि का चतुर्थ भाव में, बुध वृषभ राशि का पंचम भाव में, केतु तुला राशि का दशम भाव में चलायमान है।
1 मई से 7 मई तक
1 मई को आप बिना बात किसी से उलझ पड़ेंगे। प्रतिस्पर्धी व प्रतिद्वंद्वी आपसे कहीं आगे निकल जाएंगे। घर के किसी वरिष्ठ सदस्य का स्वास्थ्य डांवाडोल रहेगा। 2 से 4 मई के मध्य मेहमानों का आगमन होगा। संतान के करियर, विवाह सम्बंधी महत्त्वपूर्ण निर्णय हो सकता है। विद्यार्थियों के लिए यह समय एकदम उपयुक्त है। अध्ययन, शोध, अनुसंधान आदि में प्रवृत्त होंगे। कोई रोचक व ज्ञानवर्धक साहित्य का अध्ययन करेंगे। 5 व 6 मई को शत्रु व विरोधी परास्त होंगे। कोर्ट-केस आदि में स्थितियां आपके पक्ष में बनेंगी। किसी रिश्तेदार या परिचित से सम्बंधित शुभ समाचार प्राप्त होगा। 7 को परिवार आपकी प्राथमिकता पर रहेगा। जीवन साथी का सहयोग मिलेगा। भागीदार व पार्टनर से सम्बंधों में प्रगाढ़ता आएगी।
मकर राशि की शुभ-अशुभ तारीख़ें
| 2021 | शुभ तारीख़ें | सावधानी रखने योग्य अशुभ तारीख़ें |
| जनवरी | 17, 18, 22, 23, 25, 26 | 1, 2, 10, 11, 12, 20, 28, 29 |
| फरवरी | 14, 15, 18, 19, 22, 23 | 6, 7, 8, 16, 17, 24, 25, 26 |
| मार्च | 13, 14, 18, 19, 21, 22 | 6, 7, 8, 15, 16, 24, 25 |
| अप्रैल | 9, 10, 11, 14, 15, 18, 19 | 2, 3, 4, 12, 20, 21, 29, 30 |
| मई | 6, 7, 11, 12, 15, 16 | 1, 9, 10, 11, 18, 19, 27, 28, 29 |
| जून | 3, 4, 7, 8, 11, 12, 30 | 5, 6, 14, 15, 23, 24, 25 |
| जुलाई | 1, 5, 6, 8, 9, 27, 28, 29 | 3, 11, 12, 20, 21, 22, 30, 31 |
| अगस्त | 1, 2, 5, 6, 24, 25, 29, 30 | 7, 8, 16, 17, 18, 26, 27 |
| सितम्बर | 1, 2, 20, 21, 25, 26, 28, 29, 30 | 4, 5, 13, 14, 15, 23 |
| अक्टूबर | 17, 18, 22, 23, 26, 27 | 1, 2, 10, 11, 12, 20, 21 |
| नवम्बर | 14, 15, 18, 19, 20, 22, 23 | 6, 7, 8, 16, 17, 25, 26 |
| दिसम्बर | 11, 12, 16, 17, 19, 20, 21 | 4, 5, 6, 14, 22, 23, 31 |
मकर राशि का वार्षिक भविष्यफल

मकर राशि के जातकों के लिए | यह साल कुछ मिला-जुला रहेगा। शनि की साढ़ेसाती अंतिम चरण में है। अतः | यात्राओं का दौर चलेगा। यात्राओं से कुछ उपलब्धियां तो कुछ परेशानियां भी रहेंगी। वर्षारम्भ में शनि आपकी राशि में स्वग्रही हैं। जो कि खूब मेहनत कराएगा। 17 जनवरी से दूसरे स्थान में धन भाव में आ जाएंगे। अतः धन आगम के स्रोत भी प्रबल होंगे। आर्थिक रूप से आप सक्षम व सुदृढ़ स्थिति में रहेंगे। आपकी राशि स्वामी शनि बलवान होने के कारण आत्मबल व मनोबल मजबूत रहेगा। आप इस साल जमकर पैसा कमाएंगे। वहीं खुले दिल से पैसा खर्च भी करेंगे। मित्र व सहयोगी आपको हर प्रकार से सहयोग करेंगे। 22 अप्रैल के पश्चात् चौथे स्थान में गुरु राहु की युति के कारण कोई एक्सीडेंट या दुर्घटना घटित हो सकती है। व्यापार में जल्दबाजी में किये गए निर्णय के परिणाम घातक रह सकते हैं। अतः हर निर्णय बहुत ही सोच-समझकर बहुत विचार करने के बाद लें। जिस काम को एक बार करने की ठान लेते हैं। उसे पूरा करके ही दम लेते हैं। रिश्तेदारों को काम में सहयोग करेंगे। आपकी जान-पहचान व संपर्कों का दायरा बढ़ेगा।
इस वर्ष स्वास्थ्य का पाया भी ठीक ही रहेगा। किसी गंभीर व घातक बीमारी की आशंका नहीं है। खान-पान का विशेष रूप से ध्यान रखें। इस साल पैसा जितनी तेजी से आएगा, उतनी तेजी से खर्चा भी होगा। इस साल चौथे स्थान पर शनि की दृष्टि रहेगी। अतः भूमि, भवन, वाहन आदि की खरीद का योग बनेगा। पिछले काफी समय से जो काम लंबित चल रहा था, वह पूरे होने के योग बन गए हैं। नौकरी में अफसरों व अधिकारियों से सम्बन्ध अच्छे बनेंगे। आप उनके लिए कई काम ऐसे ही कर देंगे।
प्रशंसा करेंगे। आप सहकर्मियों को उनके काम में उनका हाथ बटाएंगे। घन भाव में शनि के प्रभाव से पैसा तीव्रता से आएगा, परन्तु जितनी तीव्रता से आएगा उतनी तीव्रता से खर्चा भी होगा। धन संचय में बाधा है। आमदनी व आय के हालात कोई खास अच्छे नहीं रहेंगे। आप खर्चों में नियंत्रण करके अपने बजट को व्यवस्थित व संतुलित कर सकते हैं। शत्रु व विरोधी सक्रिय तो रहेंगे, परन्तु अनिष्ट कुछ नहीं कर पाएंगे। आपके विरुद्ध कोई गुप्त योजना या षड्यंत्र बना सकते हैं। अनजान व अपरिचित लोगों से आपको सावधान व सतर्क रहना चाहिए। __धन के लेन-देन में बहुत सतर्कता व सावधानी आवश्यक है। अपरिचित व अजनबी व्यक्तियों के साथ रुपयों-पैसों का व्यवहार बिलकुल सावधानी से करें। 17 जून से 4 नवम्बर के मध्य शनि की वक्रगति आपके स्वास्थ्य में हानि का कारण बन सकती है। खान-पान का, पथ्य-अपथ्य का विशेष ध्यान रखें। नौकरी में अपने काम को पूरी संजीदगी व गंभीरता से अंजाम दें। छोटी-से-छोटी लापरवाही आपके लिए नुकसान का, हानि का कारण बन सकती है। वाणी व क्रोध पर नियंत्रण रखें। कोई बड़ा ऑर्डर या बिग डील आपके हाथों से निकल सकती है। कोई आरोप-प्रत्यारोप आप पर लग सकता है। ऐसा कोई काम आपके हाथों से हो सकता है, जो कि कहीं न कहीं बदनामी व अपयश का कारण बनेगा।
कैसी रहेगी 2022 में आपकी सेहत?
व्यापार, व्यवसाय व धनके लिए कैसा रहेगा आने वाला साल 2022 ?
जानिए कैसा रहेगा 2022 में आपका घर-परिवार, संतान व रिश्तेदार के साथ सम्बन्ध ?
जानिए कैसा रहेगा 2022 में आपका विद्याध्ययन, पढ़ाई व करियर ?
जानिए कैसा रहेंगे 2022 में आपके प्रेम-प्रसंग व मित्रता सम्बन्घ ?
जानिए कैसा रहेंगे 2022 में आपकेवाहन, खर्च व शुभ कार्य?
मकर राशि वाले कैसे बचेहानि, कर्ज व अनहोनी से?
जानिए कैसा रहेंगे 2022 मेंआपका यात्रा योग?
कैसे बनाये मेष राशि वाले 2022 को लाभकारी ?
मकर राशि की चारित्रिक विशेषताएं
मकर राशि का स्वामी शनि है। शनि प्रधान व्यक्ति मेहनत से नहीं घबराते हैं। मकर राशि के जातक व्यावहारिक (प्रैक्टिकल) तथा बलवान होते हैं, परंतु पैरों में कभी-कभार तकलीफ रहती है।
शनि पाप ग्रह है तथा उनका रंग काला है। इस राशि वाले व्यक्ति प्रायः काले, नाक चपटी, पैनी आंखें, शरीर से ये पतले, फुर्तीले तथा कुछ लम्बे कद के होते हैं। यह चर संज्ञक व पृथ्वी तत्त्व प्रधान राशि है। इसका प्राकृतिक भाव उच्च पदाभिलाषी प्रकृति की होती है। क्रोध इनको धीरे-धीरे आता है व शांत भी ये देरी से होते हैं। जहां ये अपना पक्ष कमजोर देखते हैं, वहां पर ये नम्र हो जाते हैं।
मकर राशि में उत्पन्न जातक शान्त तथा उदार प्रवृत्ति के होते हैं तथा अन्य जनों के प्रति उनके मन में प्रेम तथा सहानुभूति का भाव विद्यमान रहता है। इनके मुखमंडल पर विचारशीलता, शांति एवं गंभीरता सदैव बनी रहती है। ये अत्यंत ही कर्मशील एवं परिश्रमी होते हैं। फलतः सांसारिक महत्त्व के कार्यों को सम्पन्न करके उनमें सफलता अर्जित करते हैं। इनमें कार्य करने की क्षमता प्रबल होती है तथा यही इनकी सफलता का रहस्य होता है। समाज एवं देशसेवा के प्रति ये उद्यत रहते हैं। ये साहसी एवं संघर्षशील होते हैं तथापि मन में यदा-कदा उदासीनता के भाव उत्पन्न होते हैं, जिससे सुख-दुःख में समान भाव की अनुभूति करते हैं। परिश्रमी एवं अध्ययनशील होने के कारण ये अनुसंधान विज्ञान या शास्त्रीय विषयों का ज्ञान अर्जित करके एक विद्वान के रूप में सामाजिक पहचान प्राप्त करते हैं। आप स्वस्थ एवं बलशाली पुरुष होंगे। आप में आदर्शवादिता का भाव होगा तथा अपने आदर्शों पर चलने के लिए आप स्वतंत्र होंगे। देश-सेवा का भाव भी आप में विद्यमान रहेगा तथा शत्रु एवं प्रतिद्वन्द्वियों से भी उदारता का व्यवहार करेंगे। फलतः वे भी आपसे प्रभावित होंगे।
आप बुद्धिमत्तापूर्वक अपने कार्यकलापों को सम्पन्न करके धनैश्वर्य, वैभव एवं सुख अर्जित करेंगे। संगीत के प्रति आपकी विशेष रुचि रहेगी तथा इस क्षेत्र में परिश्रमपूर्वक कोई विशिष्ट उपलब्धि भी अर्जित कर सकते हैं। आप श्रेष्ठ कार्यों को करने में रुचि लेंगे तथा एक चतुर व्यक्ति के रूप में जाने जाएंगे। आपकी पुत्र संतति प्रसिद्ध रहेगी तथा उनसे आपको इच्छित सुख एवं सहयोग मिलता रहेगा।
पिता के प्रति आपके मन में पूर्ण सम्मान तथा आदर की भावना होगी तथा उनकी सेवा करने में हमेशा तत्पर रहेंगे। आपकी आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होगी तथा प्रचुर मात्रा में धन एवं लाभ अर्जित करके एक धनवान के रूप में सामाजिक प्रतिष्ठा प्राप्त करेंगे। आप युवावस्था में संघर्षशील रहेंगे और वृद्धावस्था में सुख एवं शांति प्राप्त करेंगे।
धर्म में आस्था होने के कारण समयानुसार धार्मिक कार्यकलापों को भी सम्पन्न करेंगे। इससे आपको मानसिक शांति प्राप्त होगी। मित्र एवं बंधु वर्ग के आप प्रिय होंगे तथा इनसे आपको पूर्ण लाभ एवं सहयोग प्राप्त होगा। आप किसी बात पर निर्णय सोच-विचार कर धीरे-धीरे लेंगे। आप ऊंची-ऊंची योजनाएं बनाने में सदा तत्पर रहते हैं। कमाते बहुत हैं पर धन पास में टिकता नहीं, हर समय द्रव्य का अभाव महसूस करते हैं। पत्नी व आपके विचारों में असमानताएं, आपके वैवाहिक सुख को कटुतर बनाने में सहायक हैं। आपकी राशि का चिह्न ‘मगरमच्छ’ है। ‘मगरमच्छ के आंसू’ वाली कहावत लोक-प्रसिद्ध है। ऐसे व्यक्ति दीन स्वरूप व दयनीय स्थिति का बोध कराते हैं, लेकिन कपटी होते हैं। ये बहुभोगी व विषयवासना में आसक्त रहने वाले व्यक्ति होते हैं। भोजन के बाद शीघ्र आराम करने की इच्छा रहती है। ये कहते कुछ हैं व करते कुछ हैं।
यदि आपका जन्म मकर राशि के ‘उत्तराषाढ़ा नक्षत्र’ के (भो, जा, जी) चरणों में हुआ है, तो आपका जन्म 6 वर्ष की सूर्य की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-नकुल, गण-मनुष्य, वर्ण-क्षत्रिय, हंसक-अग्नि, नाड़ी-अन्त्य, पाया-तांबा है। इस नक्षत्र का द्वितीय चरण का वर्ग-मूषक, अन्य दोनों चरणों का वर्ग-सिंह है। इस नक्षत्र में जन्मा जातक बहुत नम्र, बहुत मित्रों वाला, धार्मिक, कृतज्ञ, भाग्यशाली होता है। उत्तराषाढ़ा सूर्य का नक्षत्र है, जो कि चंद्रमा का मित्र है, इसलिए यह शुभ फल कहा जाता है।
यदि आपका जन्म मकर राशि के ‘श्रवण नक्षत्र’ (जू, जे, जो, खा) में हुआ है, तो आपका जन्म 10 वर्ष की चंद्रमा की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-कपि, गण-देव, वर्ण-वैश्य, हंसक-भूमि, नाड़ी-अन्त्य, पाया-तांबा तथा प्रथम तीन चरण का वर्ग-सिंह एवं अन्तिम चरण का वर्ग-बिलाव है। श्रवण नक्षत्र में जन्मे लोग अपने कार्यक्षेत्र में ऊंचा नाम कमाते हैं। परोपकार व धार्मिक कार्यों में धन, समय व श्रम का समुचित उपयोग करेंगे।
यदि आपका जन्म मकर राशि के ‘धनिष्ठा नक्षत्र’ के प्रथम व द्वितीय चरण (गा, गी) में हुआ है, तो आपका जन्म 7 वर्ष की मंगल की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-सिंह, गण-राक्षस, हंसक-भूमि, नाड़ी-मध्य, पाया-तांबा एवं वर्ग-बिलाव है। धनिष्ठा नक्षत्र में जन्मा व्यक्ति निडर व निर्भीक होता है। ये संगीत प्रेमी होते हैं और समाज में इनकी प्रतिष्ठा होती है।
मकर राशि वाले व्यक्ति प्रायः एकांतप्रिय व भीड़-भाड़ से दूर रहना पसन्द करते हैं। इनमें स्वार्थ की प्रवृत्ति कुछ विशेष रहने के कारण इनको धार्मिक व राजनैतिक क्षेत्र में सफलताएं कम मिलती हैं। ये अत्यधिक गोरे होंगे या काले। इसी प्रकार या तो ये कट्टर आस्तिक होंगे या फिर एकदम नास्तिक। आपके अनुकूल फलदायक रत्न ‘नीलम’ है।
मकर राशि वालों के लिए उपाय
आपकी राशि का अधिपति शनि है। अतः 7 प्रकार के अनाज व दालों को मिलाकर पक्षियों को चुगाएं। काले कुत्ते को रोटी खिलाना भी आपके लिए लाभप्रद रहेगा। गहरे रंग के कपड़ों का प्रयोग करें। बैंगनी रंग व नीला रंग उपयुक्त रहता है। नीलम, नीली या शनि यंत्र धारण करें। शनिवार का व्रत करें।
मकर राशि की प्रमुख विशेषताएं
- राशि ‒ मकर
- राशि चिह्न ‒ मगरमच्छ
- राशि स्वामी ‒ शनि
- राशि तत्त्व ‒ पृथ्वी तत्त्व
- राशि स्वरूप ‒ चर
- राशि दिशा ‒ दक्षिण
- राशि लिंग व गुण ‒ स्त्री, तमोगुणी
- राशि जाति ‒ वैश्य
- राशि प्रकृति व स्वभाव ‒ सौम्य स्वभाव, वात प्रकृति
- राशि का अंग ‒ घुटना (टखने)
- अनुकूल रत्न ‒ नीलम
- अनुकूल उपरत्न ‒ कटेला
- अनुकूल धातु ‒ लोहा, त्रिलोह
- अनुकूल रंग ‒ नीला, आसमानी, काला
- शुभ दिवस ‒ शनिवार
- अनुकूल देवता ‒ शनिदेव
- व्रत, उपवास ‒ शनिवार
- अनुकूल अंक ‒ 8
- अनुकूल तारीख़ें ‒ 8/17/26
- मित्र राशियां ‒ कुंभ
- शत्रु राशियां ‒ सिंह
- व्यक्तित्व ‒ परोपकारी, दयालु, प्रशासक
- सकारात्मक तथ्य ‒ व्यावहारिक धरातल पर चलने वाला कठोर परिश्रमी, सही सलाह देने वाला
- नकारात्मक तथ्य ‒ सन्देहास्पद प्रवृत्ति, कठिनता से मानने वाला
दी पूर्वाभाद्रपद-1
दू, थ, झ, ञ उत्तराभाद्रपद-4
दे, दो, चा, ची रेवती-4
ग्रह स्थिति
मासारम्भ में गुरु मीन राशि का लग्न में, राहु मेष राशि का द्वितीय भाव में, मंगल मिथुन राशि के चतुर्थ भाव में, केतु+शुक्र+सूर्य+बुध तुला राशि का अष्टम भाव में, चंद्रमा+शनि मकर राशि का ग्यारहवें भाव में चलायमान है।
8 नवम्बर से 15 नवम्बर तक
दिनांक 8 को मानसिक संतुष्टि की प्राप्ति होगी। किए गए कार्यों के मनोरूप परिणाम प्राप्त होने से चित्त प्रसन्न रहेगा। समय की चाल सामान्य रहेगी। तमाम चीजों में अपनों का साथ रहेगा। 9, 10, 11 को आधा दिन शुभ फलदायक है। अपने घर, अपने अजीजों और स्वयं के लिए खूब खरीददारी करेंगे। मन में उत्साह व जोश का संचार होगा। आप अपनी समस्या का हल ढूंढ़ने में सफल रहेंगे।
मीन राशि की शुभ-अशुभ तारीख़ें
| 2022 | शुभ तारीख़ें | सावधानी रखने योग्य अशुभ तारीख़ें |
| जनवरी | 2, 3, 4, 21, 22, 26, 27, 30, 31 | 5, 6, 7, 15, 16, 17, 24 |
| फरवरी | 18, 19, 22, 23, 26, 27 | 2, 3, 11, 12, 13, 20, 21 |
| मार्च | 17, 18, 22, 23, 25, 26, 27 | 1, 2, 3, 10, 11, 12, 20, 28, 29, 30 |
| अप्रैल | 13, 14, 18, 19, 22, 23 | 7, 8, 16, 17, 25, 26 |
| मई | 11, 12, 15, 16, 19, 20, 21 | 4, 5, 6, 13, 14, 22, 23, 31 |
| जून | 7, 8, 12, 13, 15, 16, 17 | 1, 2, 9, 10, 18, 19, 20, 28, 29, 30 |
| जुलाई | 4, 5, 9, 13, 14 | 7, 16, 17, 25, 26, 27 |
| अगस्त | 1, 2, 5, 6, 9, 10, 28, 29 | 3, 4, 12, 13, 21, 22, 23, 31 |
| सितम्बर | 2, 3, 5, 6, 7, 24, 25, 29, 30 | 8, 9, 10, 18, 19, 20, 27 |
| अक्टूबर | 3, 4, 22, 23, 26, 27, 30, 31 | 5, 6, 7, 15, 16, 17, 24, 25 |
| नवम्बर | 18, 19, 23, 24, 26, 27, 28 | 2, 3, 11, 12, 13, 21, 29, 30 |
| दिसम्बर | 15, 16, 20, 21, 24, 25 | 1, 9, 10, 18, 27, 28 |
मीन राशि का वार्षिक भविष्यफल

मीन राशि को इस वर्ष शनि की साढ़ेसाती 17 जनवरी के बाद आरम्भ हो जाएगी। अतः यह साल आपके लिए मुश्किलों व कठिनाइयों से भरा हुआ हो सकता है। बारहवें स्थान में शनि के परिभ्रमण के कारण तनाव कुछ अधिक रहेंगे, व्यर्थ की यात्राएं होंगी। चन्द्रमा+राहु की युति वर्षारम्भ में द्वितीय भाव में है, अतः आजीविका व काम-काज में दिक्कतें रहेंगी। आर्थिक पक्ष डावांडोल रहेगा। धन प्राप्ति के कामों में रुकावटें व अड़चने आएंगी। हालांकि 22 अप्रैल तक आपकी राशि के अधिपति बृहस्पति आपकी राशि में ही गतिशील हैं, अतः 22 अप्रैल तक आप उत्तम स्वास्थ्य का आनन्द लेंगे, स्वास्थ्य में परेशानियां नहीं रहेंगी। नए रोगों से भी आराम मिलेगा। दीर्घकालिक बीमारियों में सावधानी रखनी चाहिए। खान-पान व पथ्य-अपथ्य का ध्यान रखें। 22 अप्रैल के बाद स्वास्थ्य में परेशानियां आरम्भ हो जाएंगी। बृहस्पति दूसरे भाव में राहु के साथ युति करेंगे। अतः पैरों की तकलीफ, पेट से सम्बन्धित तकलीफ, स्त्रीजनित रोगों से स्त्री जातकों को परेशानी, माइग्रेन, सिरदर्द व कमर से सम्बन्धित रोगों से दिक्कतें रहेंगी। स्वास्थ्य का निरंतर व नियमित परीक्षण करवाते रहें।जहां तक व्यापार व काम-काज की स्थितियों का प्रश्न है, चुनौतियां व मुश्किलें रहेंगी, परन्तु आप हर मुश्किल व परेशानी का हल मजबूती के साथ, दृढ़ता से निकालेंगे। व्यापार में विस्तार की योजना एक बार टल जाएगी। मुनाफे में कमी आएगी, जिससे आर्थिक पक्ष डावांडोल होगा। व्यापार में नए-नए अनुबन्ध व करार करने के लिए प्रयासरत रहेंगे, लेकिन नहीं हो पाएंगे। साधनों के अभाव में धनभाव के कारण योजना कागजों में ही अटक कर रह जाएगी। दूसरे स्थान में राहु के कारण व्यावसायिक प्रतिद्वन्द्वी व प्रतिस्पर्धी आपसे आगे निकल जाएंगे। रुपयों-पैसों के मामले में किसी पर भी भरोसा नहीं करें, भुगतान के प्रति आश्वस्त होने पर ही माल व ऑर्डर रवाना करें। फिजूलखर्ची पर नियंत्रण करें, आय व आमदनी को बढ़ाना आपके वश में नहीं है, परन्तु अपने खर्चों को कम करके आप आर्थिक पक्ष में संतुलन बना लेंगे। जीवनसाथी से भरपूर सहयोग मिलेगा। पति-पत्नी, सास, ननद, देवरानी, जेठानी के बीच चले आ रहे मतभेदों व गलतफहमियों का निराकरण होगा। बटवारे व सम्पति से सम्बन्धित विवाद का निपटारा किसी
की मध्यस्थता से हो जाएगा।
इस साल दिल से नहीं दिमाग से सोचने की जरूरत है। भावुकता में आकर कई बार आप गलत निर्णय ले सकते हैं। शत्रु हावी होंगे। आपको नुकसान पहुंचाने की चेष्टा करेंगे, परन्तु कुछ भी अहित नहीं कर पाएंगे। बॉस व अधिकारियों से सम्बन्धों में मधुरता तो रहेगी, परन्तु वे भी आपका भला नहीं कर पाएंगे। सहकर्मियों से सम्बन्ध अच्छे रहेंगे। 22 अप्रैल के बाद नौकरी में काम बेतहाशा बढ़ जाएगा। पोस्टिंग या तबादला ईच्छा के विपरीत हो सकता है। योग्यता व काबिलियत के मामले में आप ऊंचे पायदान पर रहेंगे, परन्तु लाभ के मामले में आप अंतिम पंक्ति में रहेंगे। अगर आप चल-अचल सम्पति भूमि, भवन, वाहन आदि की खरीद के योग बना रहे हैं तो कागजाद का भली प्रकार परीक्षण कर लें, उसमें धोखाधड़ी की संभावना है। विद्यार्थियों के लिए नौकरी से सम्बन्धित परीक्षा, विभागीय परीक्षा, करियर ओरियेटेंड परीक्षा में इस वर्ष सफलता मिल जाएगी, हालांकि उसके लिए मेहनत खासी करनी पड़ेगी। व्यावसायिक प्रतिद्वन्द्वी व प्रतिस्पर्धी येन-केन-प्रकारेण आपको नीचा दिखाने की कोशिश करेंगे।
मीन राशि–कैसी रहेगी 2022 में आपकी सेहत?
मीन राशि–व्यापार, व्यवसाय व धनके लिए कैसा रहेगा आने वाला साल 2022 ?
जानिए कैसा रहेगा 2022 में आपका घर-परिवार, संतान व रिश्तेदार के साथ सम्बन्ध ?
जानिए कैसा रहेगा 2022 में आपका विद्याध्ययन, पढ़ाई व करियर ?
जानिए कैसा रहेंगे 2022 में आपके प्रेम-प्रसंग व मित्रता सम्बन्घ ?
जानिए कैसा रहेंगे 2022 में आपकेवाहन, खर्च व शुभ कार्य?
मीन राशि वाले कैसे बचेहानि, कर्ज व अनहोनी से?
जानिए कैसा रहेंगे 2022 मेंआपका यात्रा योग?
कैसे बनाये मीन राशि वाले 2022 को लाभकारी ?
मीन राशि की चारित्रिक विशेषताएं
मीन राशि का अधिपति गुरु ज्ञान व बुद्धि का कारक ग्रह है। ऐसे जातकों में शासन करने की क्षमता व बुद्धिमत्ता विशेष श्रेणी की होती है। गुरु धर्म व अध्यात्म का सूचक है, गुरुता (बड़प्पन) का परिचायक है, अतः ऐसे व्यक्ति विशाल हृदय के धनी होते हैं, भावुक प्रवृत्ति के होते हैं।
आपका राशि स्वामी बृहस्पति है। बृहस्पति के प्रभाव से मीन राशि के जातक धार्मिक व आध्यात्मिक प्रवृत्ति के होते हैं।
मीन राशि में उत्पन्न जातक स्वस्थ, बुद्धिमान तथा सौम्य स्वभाव के होते हैं। ये नवीन विचारों का सृजन करने में समर्थ होते हैं। इनके विचारों से लोग प्रभावित रहते हैं। भौतिक सुख-साधनों का उपभोग करने की इनमें प्रबल इच्छा रहती है। ये
धनैश्वर्य से युक्त रहते हैं एवं विभिन्न स्रोतों से धनार्जन करके आर्थिक रूप से सुदृढ़ रहते हैं। साथ ही चिंतन एवं मननशीलता का भाव भी इनमें रहता है।
प्राकृतिक दृश्यों का अवलोकन करना इन्हें अच्छा लगता है। प्रेम के क्षेत्र में सरल एवं भावुक रहते हैं, परंतु व्यवहार कुशल होते हैं। अतः सांसारिक कार्यों में उचित सफलता अर्जित करके अपने उन्नति मार्ग को प्रशस्त करने में सफल रहते हैं। इसके अतिरिक्त नवीन वस्तुओं का उत्पादन करने आदि में इनकी रुचि का योगदान रहता है।
देवगुरु बृहस्पति के प्रभाव से आप स्वस्थ एवं बलवान रहेंगे। आपकी बुद्धि अत्यंत ही तीक्ष्ण रहेगी। अतः विभिन्न शास्त्रीय विषयों का ज्ञानार्जन करके आप एक विद्वान के रूप में समाज में अपनी प्रतिष्ठा एवं आदर बढ़ाने में समर्थ होंगे। एक विचारक के रूप में भी आप सम्माननीय होंगे। यद्यपि ब्रह्मादि के विषय में चिंतनशील रहेंगे, परंतु भौतिकता के प्रति भी आकर्षण रहेगा।
आपका स्वरूप दर्शनीय एवं व्यक्तित्व आकर्षक होगा। साहित्य, कला एवं लेखन के प्रति आपकी रुचि होगी। अभिमान के भाव की आपमें अल्पता होगी तथा सबके साथ विनम्रता का व्यवहार होगा। आप सरकार या समाज से सम्मान प्राप्त करने में सफल होंगे। आप में दयालुता का भाव भी विद्यमान होगा तथा अवसरानुकूल अन्य जनों की सेवा तथा सहायता करने में भी तत्पर होंगे। इसके अतिरिक्त साहित्य एवं कला के प्रति भी आपकी अभिरुचि रहेगी।
पिता की सेवा करने में तत्पर रहेंगे। बाल्यावस्था में आपको संघर्ष करना पड़ेगा, परंतु युवावस्था के बाद भौतिक सुख-संसाधनों को अर्जित करके सुख एवं शांतिपूर्वक अपना समय व्यतीत करेंगे। पुत्र संतति से आप युक्त रहेंगे तथा इनसे आपको इच्छित सुख एवं सहयोग प्राप्त होगा।
ऐसे व्यक्ति गौर वर्ण, कंचन देह, मछली के समान आकर्षक व सुन्दर नेत्र वाले, ललाट चौड़ी व भरा-पूरा चेहरा, लम्बे कद के मालिक होते हैं। यह राशि दिवाबली, जलतत्व प्रधान व सत्वगुणी है। ‘पूर्वाभाद्रपद’ के अंतिम चरण में जन्मे व्यक्ति धार्मिक बुद्धि से ओत-प्रोत, मेहमानप्रिय, सामाजिक अच्छाईयों व नियमों का पालन करने वाले, बातचीत में प्रवीण होते हैं। मीन राशि वाले व्यक्ति कूटनीति, रणनीति व षड्यंत्रकारी मामलों में एक प्रतिशत भी रुचि नहीं लेते। इनका प्राकृतिक स्वभाव उत्तम, दयालु व इनमें दानशीलता होती है।
धर्म के प्रति आपके मन में श्रद्धा होगी तथा आप समय-समय पर धार्मिक कार्य-कलापों एवं अनुष्ठानों को सम्पन्न करेंगे। इससे आपको आत्मिक शांति की प्राप्ति होगी। साथ ही बंधु एवं मित्र वर्ग में भी आप प्रिय एवं आदरणीय होंगे। इनसे आपको इच्छित लाभ एवं सहयोग मिलता रहेगा। आपके असली मित्र बहुत थोड़े हैं। एक मित्र जो किसी कारणवश आपका शत्रु हो जाए, उसके द्वारा भारी आघात पहुंचाने का खतरा है, सतर्क रहें।
यदि आपका जन्म मीन राशि के ‘पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र’ (दो) के चतुर्थ चरण में हुआ है, तो आपका जन्म 16 वर्ष की बृहस्पति की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-सिंह, गण-मनुष्य, वर्ण-विप्र, हंसक-जल, नाड़ी-आद्य, पाया-लोहा तथा वर्ग-सर्प है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाला जातक क्षुब्ध मन वाला, धनी, निरोगी, स्त्री के वश में रहने वाला तथा कंजूस होता है।
यदि आपका जन्म मीन राशि ‘उत्तराभाद्रपद नक्षत्र’
(दू, थ, झ, य) में है, तो आपका जन्म 19 वर्ष की शनि की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-गौ, गण-मनुष्य, वर्ण-विप्र, हसंक-जल, पाया-लोहा, प्रथम दो चरण का वर्ग-सर्प तथा अंतिम दो चरण का वर्ग-सिंह है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक कुशल वक्ता, परम धार्मिक, धनी व सुखी होते हैं। प्रायः जीवन में शत्रु न बनाकर मित्रों की संख्या बढ़ाने में विश्वास रखते हैं।
यदि आपका जन्म मीन राशि के ‘रेवती नक्षत्र’ (दे, दो, चा, ची) में हुआ है, तो आपका जन्म 17 वर्ष की बुध की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-गज, गण-देव, वर्ण-विप्र, हंसक-जल, नाड़ी-अत्य, पाया-सुवर्ण, प्रथम दो चरण का वर्ग-सर्प तथा अंतिम दो चरण का वर्ग-सिंह है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाला जातक प्रायः आमदनी से अधिक खर्च करता है तथा समझौते वाले दृष्टिकोण में विश्वास रखता है।
मीन राशि का चिन्ह ‘मुख-पूंछ मिलित दो मछली’ हैं। आपको जल से निकली हुई वस्तु-नमक, हीरे-जवाहरात, समुद्र पार देशों से माल मंगाने तथा भेजने से तथा नवीन वस्तुओं का उत्पादन करने से विशेष धन लाभ हो सकता है। स्त्रियों के सम्पर्क से भी आपका भाग्योदय संभव है। 32 वर्ष पश्चात् आपको पुत्र एवं नौकरी का योग बनता है। शत्रु आपसे हार जाएंगे। भाग्योदय हेतु गुरु रत्न ‘पुखराज’ को स्वर्ण मुद्रिका में धारण करें।
मीन राशि वालों के लिए उपाय
मीन राशि का स्वामी बृहस्पति है, अतः पुखराज या सुनैला रत्न धारण करें। गुरुवार को थोड़ा-सा गुड़ व चना दाल एक आटे की लोई में डालकर गाय को खिलाएं। रविवार व मंगलवार के अलावा पीपल को सींचना भी मीन राशि वालों के लिए फायदेमंद है। पीले रंग का सुगन्धित रुमाल पास में रखें। गुरुवार को हल्दी युक्त दूध का सेवन करें।
मीन राशि की प्रमुख विशेषताएं
- राशि ‒ मीन
- राशि चिह्र ‒ पूंछ और मुख मिली हुई दो मछलियां
- राशि स्वामी ‒ गुरु
- राशि तत्त्व ‒ जल तत्त्व
- राशि स्वरूप ‒ द्विस्वभाव
- राशि दिशा ‒ उत्तर
- राशि लिंग व गुण ‒ स्त्री, सतोगुणी
- राशि जाति ‒ ब्राह्मण
- राशि प्रकृति व स्वभाव ‒ सौम्य स्वभाव, कफ प्रकृति
- राशि का अंग ‒ चरण युगल
- अनुकूल रत्न ‒ पुखराज
- अनुकूल उपरत्न ‒ सुनैला, पुखराज मार्का
- अनुकूल धातु ‒ सोना
- अनुकूल रंग ‒ पीला
- शुभ दिवस ‒ गुरुवार/वीरवार
- अनुकूल देवता ‒ विष्णु
- व्रत, उपवास ‒ गुरुवार, रविवार
- अनुकूल अंक ‒ 3
- अनुकूल तारीख़ें ‒ 3/12/21/30
- मित्र राशियां ‒ कर्क, वृश्चिक
- शत्रु राशियां ‒ मेष, सिंह, धनु
- व्यक्तित्व ‒ अध्यात्म प्रेमी, भावुक, अध्ययनशील मनोवृत्ति
- सकारात्मक तथ्य ‒ विनम्रता, सज्जनशीलता, कल्पनाप्रिय
- नकारात्मक तथ्य ‒ अधैर्यशीलता, लापरवाही, अनिश्चिन्तता
भो, जा, जी उत्तराषाढ़ा‒3
जू, जे, जो, खा अभिजित-4
खा खी, खू, खे, खो श्रवण‒4
गा, गी धनिष्ठा‒2
ग्रह स्थिति
मासारम्भ में शनि+मंगल कुंभ राशि का द्वितीय भाव में, शुक्र+बृहस्पति मीन राशि का तृतीय भाव में, सूर्य+राहु+चंद्रमा मेष राशि का चतुर्थ भाव में, बुध वृषभ राशि का पंचम भाव में, केतु तुला राशि का दशम भाव में चलायमान है।
1 मई से 7 मई तक
1 मई को आप बिना बात किसी से उलझ पड़ेंगे। प्रतिस्पर्धी व प्रतिद्वंद्वी आपसे कहीं आगे निकल जाएंगे। घर के किसी वरिष्ठ सदस्य का स्वास्थ्य डांवाडोल रहेगा। 2 से 4 मई के मध्य मेहमानों का आगमन होगा। संतान के करियर, विवाह सम्बंधी महत्त्वपूर्ण निर्णय हो सकता है। विद्यार्थियों के लिए यह समय एकदम उपयुक्त है। अध्ययन, शोध, अनुसंधान आदि में प्रवृत्त होंगे। कोई रोचक व ज्ञानवर्धक साहित्य का अध्ययन करेंगे। 5 व 6 मई को शत्रु व विरोधी परास्त होंगे। कोर्ट-केस आदि में स्थितियां आपके पक्ष में बनेंगी। किसी रिश्तेदार या परिचित से सम्बंधित शुभ समाचार प्राप्त होगा। 7 को परिवार आपकी प्राथमिकता पर रहेगा। जीवन साथी का सहयोग मिलेगा। भागीदार व पार्टनर से सम्बंधों में प्रगाढ़ता आएगी।
मकर राशि की शुभ-अशुभ तारीख़ें
| 2021 | शुभ तारीख़ें | सावधानी रखने योग्य अशुभ तारीख़ें |
| जनवरी | 17, 18, 22, 23, 25, 26 | 1, 2, 10, 11, 12, 20, 28, 29 |
| फरवरी | 14, 15, 18, 19, 22, 23 | 6, 7, 8, 16, 17, 24, 25, 26 |
| मार्च | 13, 14, 18, 19, 21, 22 | 6, 7, 8, 15, 16, 24, 25 |
| अप्रैल | 9, 10, 11, 14, 15, 18, 19 | 2, 3, 4, 12, 20, 21, 29, 30 |
| मई | 6, 7, 11, 12, 15, 16 | 1, 9, 10, 11, 18, 19, 27, 28, 29 |
| जून | 3, 4, 7, 8, 11, 12, 30 | 5, 6, 14, 15, 23, 24, 25 |
| जुलाई | 1, 5, 6, 8, 9, 27, 28, 29 | 3, 11, 12, 20, 21, 22, 30, 31 |
| अगस्त | 1, 2, 5, 6, 24, 25, 29, 30 | 7, 8, 16, 17, 18, 26, 27 |
| सितम्बर | 1, 2, 20, 21, 25, 26, 28, 29, 30 | 4, 5, 13, 14, 15, 23 |
| अक्टूबर | 17, 18, 22, 23, 26, 27 | 1, 2, 10, 11, 12, 20, 21 |
| नवम्बर | 14, 15, 18, 19, 20, 22, 23 | 6, 7, 8, 16, 17, 25, 26 |
| दिसम्बर | 11, 12, 16, 17, 19, 20, 21 | 4, 5, 6, 14, 22, 23, 31 |
मकर राशि का वार्षिक भविष्यफल

मकर राशि के जातकों के लिए | यह साल कुछ मिला-जुला रहेगा। शनि की साढ़ेसाती अंतिम चरण में है। अतः | यात्राओं का दौर चलेगा। यात्राओं से कुछ उपलब्धियां तो कुछ परेशानियां भी रहेंगी। वर्षारम्भ में शनि आपकी राशि में स्वग्रही हैं। जो कि खूब मेहनत कराएगा। 17 जनवरी से दूसरे स्थान में धन भाव में आ जाएंगे। अतः धन आगम के स्रोत भी प्रबल होंगे। आर्थिक रूप से आप सक्षम व सुदृढ़ स्थिति में रहेंगे। आपकी राशि स्वामी शनि बलवान होने के कारण आत्मबल व मनोबल मजबूत रहेगा। आप इस साल जमकर पैसा कमाएंगे। वहीं खुले दिल से पैसा खर्च भी करेंगे। मित्र व सहयोगी आपको हर प्रकार से सहयोग करेंगे। 22 अप्रैल के पश्चात् चौथे स्थान में गुरु राहु की युति के कारण कोई एक्सीडेंट या दुर्घटना घटित हो सकती है। व्यापार में जल्दबाजी में किये गए निर्णय के परिणाम घातक रह सकते हैं। अतः हर निर्णय बहुत ही सोच-समझकर बहुत विचार करने के बाद लें। जिस काम को एक बार करने की ठान लेते हैं। उसे पूरा करके ही दम लेते हैं। रिश्तेदारों को काम में सहयोग करेंगे। आपकी जान-पहचान व संपर्कों का दायरा बढ़ेगा।
इस वर्ष स्वास्थ्य का पाया भी ठीक ही रहेगा। किसी गंभीर व घातक बीमारी की आशंका नहीं है। खान-पान का विशेष रूप से ध्यान रखें। इस साल पैसा जितनी तेजी से आएगा, उतनी तेजी से खर्चा भी होगा। इस साल चौथे स्थान पर शनि की दृष्टि रहेगी। अतः भूमि, भवन, वाहन आदि की खरीद का योग बनेगा। पिछले काफी समय से जो काम लंबित चल रहा था, वह पूरे होने के योग बन गए हैं। नौकरी में अफसरों व अधिकारियों से सम्बन्ध अच्छे बनेंगे। आप उनके लिए कई काम ऐसे ही कर देंगे।
प्रशंसा करेंगे। आप सहकर्मियों को उनके काम में उनका हाथ बटाएंगे। घन भाव में शनि के प्रभाव से पैसा तीव्रता से आएगा, परन्तु जितनी तीव्रता से आएगा उतनी तीव्रता से खर्चा भी होगा। धन संचय में बाधा है। आमदनी व आय के हालात कोई खास अच्छे नहीं रहेंगे। आप खर्चों में नियंत्रण करके अपने बजट को व्यवस्थित व संतुलित कर सकते हैं। शत्रु व विरोधी सक्रिय तो रहेंगे, परन्तु अनिष्ट कुछ नहीं कर पाएंगे। आपके विरुद्ध कोई गुप्त योजना या षड्यंत्र बना सकते हैं। अनजान व अपरिचित लोगों से आपको सावधान व सतर्क रहना चाहिए। __धन के लेन-देन में बहुत सतर्कता व सावधानी आवश्यक है। अपरिचित व अजनबी व्यक्तियों के साथ रुपयों-पैसों का व्यवहार बिलकुल सावधानी से करें। 17 जून से 4 नवम्बर के मध्य शनि की वक्रगति आपके स्वास्थ्य में हानि का कारण बन सकती है। खान-पान का, पथ्य-अपथ्य का विशेष ध्यान रखें। नौकरी में अपने काम को पूरी संजीदगी व गंभीरता से अंजाम दें। छोटी-से-छोटी लापरवाही आपके लिए नुकसान का, हानि का कारण बन सकती है। वाणी व क्रोध पर नियंत्रण रखें। कोई बड़ा ऑर्डर या बिग डील आपके हाथों से निकल सकती है। कोई आरोप-प्रत्यारोप आप पर लग सकता है। ऐसा कोई काम आपके हाथों से हो सकता है, जो कि कहीं न कहीं बदनामी व अपयश का कारण बनेगा।
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मकर राशि की चारित्रिक विशेषताएं
मकर राशि का स्वामी शनि है। शनि प्रधान व्यक्ति मेहनत से नहीं घबराते हैं। मकर राशि के जातक व्यावहारिक (प्रैक्टिकल) तथा बलवान होते हैं, परंतु पैरों में कभी-कभार तकलीफ रहती है।
शनि पाप ग्रह है तथा उनका रंग काला है। इस राशि वाले व्यक्ति प्रायः काले, नाक चपटी, पैनी आंखें, शरीर से ये पतले, फुर्तीले तथा कुछ लम्बे कद के होते हैं। यह चर संज्ञक व पृथ्वी तत्त्व प्रधान राशि है। इसका प्राकृतिक भाव उच्च पदाभिलाषी प्रकृति की होती है। क्रोध इनको धीरे-धीरे आता है व शांत भी ये देरी से होते हैं। जहां ये अपना पक्ष कमजोर देखते हैं, वहां पर ये नम्र हो जाते हैं।
मकर राशि में उत्पन्न जातक शान्त तथा उदार प्रवृत्ति के होते हैं तथा अन्य जनों के प्रति उनके मन में प्रेम तथा सहानुभूति का भाव विद्यमान रहता है। इनके मुखमंडल पर विचारशीलता, शांति एवं गंभीरता सदैव बनी रहती है। ये अत्यंत ही कर्मशील एवं परिश्रमी होते हैं। फलतः सांसारिक महत्त्व के कार्यों को सम्पन्न करके उनमें सफलता अर्जित करते हैं। इनमें कार्य करने की क्षमता प्रबल होती है तथा यही इनकी सफलता का रहस्य होता है। समाज एवं देशसेवा के प्रति ये उद्यत रहते हैं। ये साहसी एवं संघर्षशील होते हैं तथापि मन में यदा-कदा उदासीनता के भाव उत्पन्न होते हैं, जिससे सुख-दुःख में समान भाव की अनुभूति करते हैं। परिश्रमी एवं अध्ययनशील होने के कारण ये अनुसंधान विज्ञान या शास्त्रीय विषयों का ज्ञान अर्जित करके एक विद्वान के रूप में सामाजिक पहचान प्राप्त करते हैं। आप स्वस्थ एवं बलशाली पुरुष होंगे। आप में आदर्शवादिता का भाव होगा तथा अपने आदर्शों पर चलने के लिए आप स्वतंत्र होंगे। देश-सेवा का भाव भी आप में विद्यमान रहेगा तथा शत्रु एवं प्रतिद्वन्द्वियों से भी उदारता का व्यवहार करेंगे। फलतः वे भी आपसे प्रभावित होंगे।
आप बुद्धिमत्तापूर्वक अपने कार्यकलापों को सम्पन्न करके धनैश्वर्य, वैभव एवं सुख अर्जित करेंगे। संगीत के प्रति आपकी विशेष रुचि रहेगी तथा इस क्षेत्र में परिश्रमपूर्वक कोई विशिष्ट उपलब्धि भी अर्जित कर सकते हैं। आप श्रेष्ठ कार्यों को करने में रुचि लेंगे तथा एक चतुर व्यक्ति के रूप में जाने जाएंगे। आपकी पुत्र संतति प्रसिद्ध रहेगी तथा उनसे आपको इच्छित सुख एवं सहयोग मिलता रहेगा।
पिता के प्रति आपके मन में पूर्ण सम्मान तथा आदर की भावना होगी तथा उनकी सेवा करने में हमेशा तत्पर रहेंगे। आपकी आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होगी तथा प्रचुर मात्रा में धन एवं लाभ अर्जित करके एक धनवान के रूप में सामाजिक प्रतिष्ठा प्राप्त करेंगे। आप युवावस्था में संघर्षशील रहेंगे और वृद्धावस्था में सुख एवं शांति प्राप्त करेंगे।
धर्म में आस्था होने के कारण समयानुसार धार्मिक कार्यकलापों को भी सम्पन्न करेंगे। इससे आपको मानसिक शांति प्राप्त होगी। मित्र एवं बंधु वर्ग के आप प्रिय होंगे तथा इनसे आपको पूर्ण लाभ एवं सहयोग प्राप्त होगा। आप किसी बात पर निर्णय सोच-विचार कर धीरे-धीरे लेंगे। आप ऊंची-ऊंची योजनाएं बनाने में सदा तत्पर रहते हैं। कमाते बहुत हैं पर धन पास में टिकता नहीं, हर समय द्रव्य का अभाव महसूस करते हैं। पत्नी व आपके विचारों में असमानताएं, आपके वैवाहिक सुख को कटुतर बनाने में सहायक हैं। आपकी राशि का चिह्न ‘मगरमच्छ’ है। ‘मगरमच्छ के आंसू’ वाली कहावत लोक-प्रसिद्ध है। ऐसे व्यक्ति दीन स्वरूप व दयनीय स्थिति का बोध कराते हैं, लेकिन कपटी होते हैं। ये बहुभोगी व विषयवासना में आसक्त रहने वाले व्यक्ति होते हैं। भोजन के बाद शीघ्र आराम करने की इच्छा रहती है। ये कहते कुछ हैं व करते कुछ हैं।
यदि आपका जन्म मकर राशि के ‘उत्तराषाढ़ा नक्षत्र’ के (भो, जा, जी) चरणों में हुआ है, तो आपका जन्म 6 वर्ष की सूर्य की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-नकुल, गण-मनुष्य, वर्ण-क्षत्रिय, हंसक-अग्नि, नाड़ी-अन्त्य, पाया-तांबा है। इस नक्षत्र का द्वितीय चरण का वर्ग-मूषक, अन्य दोनों चरणों का वर्ग-सिंह है। इस नक्षत्र में जन्मा जातक बहुत नम्र, बहुत मित्रों वाला, धार्मिक, कृतज्ञ, भाग्यशाली होता है। उत्तराषाढ़ा सूर्य का नक्षत्र है, जो कि चंद्रमा का मित्र है, इसलिए यह शुभ फल कहा जाता है।
यदि आपका जन्म मकर राशि के ‘श्रवण नक्षत्र’ (जू, जे, जो, खा) में हुआ है, तो आपका जन्म 10 वर्ष की चंद्रमा की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-कपि, गण-देव, वर्ण-वैश्य, हंसक-भूमि, नाड़ी-अन्त्य, पाया-तांबा तथा प्रथम तीन चरण का वर्ग-सिंह एवं अन्तिम चरण का वर्ग-बिलाव है। श्रवण नक्षत्र में जन्मे लोग अपने कार्यक्षेत्र में ऊंचा नाम कमाते हैं। परोपकार व धार्मिक कार्यों में धन, समय व श्रम का समुचित उपयोग करेंगे।
यदि आपका जन्म मकर राशि के ‘धनिष्ठा नक्षत्र’ के प्रथम व द्वितीय चरण (गा, गी) में हुआ है, तो आपका जन्म 7 वर्ष की मंगल की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-सिंह, गण-राक्षस, हंसक-भूमि, नाड़ी-मध्य, पाया-तांबा एवं वर्ग-बिलाव है। धनिष्ठा नक्षत्र में जन्मा व्यक्ति निडर व निर्भीक होता है। ये संगीत प्रेमी होते हैं और समाज में इनकी प्रतिष्ठा होती है।
मकर राशि वाले व्यक्ति प्रायः एकांतप्रिय व भीड़-भाड़ से दूर रहना पसन्द करते हैं। इनमें स्वार्थ की प्रवृत्ति कुछ विशेष रहने के कारण इनको धार्मिक व राजनैतिक क्षेत्र में सफलताएं कम मिलती हैं। ये अत्यधिक गोरे होंगे या काले। इसी प्रकार या तो ये कट्टर आस्तिक होंगे या फिर एकदम नास्तिक। आपके अनुकूल फलदायक रत्न ‘नीलम’ है।
मकर राशि वालों के लिए उपाय
आपकी राशि का अधिपति शनि है। अतः 7 प्रकार के अनाज व दालों को मिलाकर पक्षियों को चुगाएं। काले कुत्ते को रोटी खिलाना भी आपके लिए लाभप्रद रहेगा। गहरे रंग के कपड़ों का प्रयोग करें। बैंगनी रंग व नीला रंग उपयुक्त रहता है। नीलम, नीली या शनि यंत्र धारण करें। शनिवार का व्रत करें।
मकर राशि की प्रमुख विशेषताएं
- राशि ‒ मकर
- राशि चिह्न ‒ मगरमच्छ
- राशि स्वामी ‒ शनि
- राशि तत्त्व ‒ पृथ्वी तत्त्व
- राशि स्वरूप ‒ चर
- राशि दिशा ‒ दक्षिण
- राशि लिंग व गुण ‒ स्त्री, तमोगुणी
- राशि जाति ‒ वैश्य
- राशि प्रकृति व स्वभाव ‒ सौम्य स्वभाव, वात प्रकृति
- राशि का अंग ‒ घुटना (टखने)
- अनुकूल रत्न ‒ नीलम
- अनुकूल उपरत्न ‒ कटेला
- अनुकूल धातु ‒ लोहा, त्रिलोह
- अनुकूल रंग ‒ नीला, आसमानी, काला
- शुभ दिवस ‒ शनिवार
- अनुकूल देवता ‒ शनिदेव
- व्रत, उपवास ‒ शनिवार
- अनुकूल अंक ‒ 8
- अनुकूल तारीख़ें ‒ 8/17/26
- मित्र राशियां ‒ कुंभ
- शत्रु राशियां ‒ सिंह
- व्यक्तित्व ‒ परोपकारी, दयालु, प्रशासक
- सकारात्मक तथ्य ‒ व्यावहारिक धरातल पर चलने वाला कठोर परिश्रमी, सही सलाह देने वाला
- नकारात्मक तथ्य ‒ सन्देहास्पद प्रवृत्ति, कठिनता से मानने वाला
