कन्या राशिफल – Kanya Rashifal 2023- 1 August To 7 August
Virgo Horoscope 2023

टो, पा, पी उत्तराफाल्गुनी‒3

पू, ष, ण, ठ हस्त‒4

पे, पो चित्रा‒3


8 अगस्त से 15 अगस्त तक

दिनांक 8 को समय अच्छा नहीं है। कोई दुर्घटना घटित हो सकती है। कुछ चिंता या दबाव की स्थिति बन सकती है। धन की कमी से महत्त्वपूर्ण कार्य अटक सकते हैं। 9 से 11 के मध्य समय अच्छा आ जाएगा। अच्छी शुरुआत से आधी जंग जीती जा सकती है। शुरुआत आप पूरे जोशो-खरोश के साथ करेंगे। मित्र खुशियां और उम्मीद लेकर आएंगे। कार्यालय में कठिन परिश्रम तथा विरोध और परेशानियों के बावजूद आप आगे बढ़ेंगे। 12, 13 को आप अचानक ही कुछ हासिल कर लेंगे। साथ ही बोनस के रूप में आपको बेहतर माहौल भी मिलने की सम्भावना है। नए सम्बन्ध या करार हो सकते हैं। आप अपने दृढ़ मनोबल के जरिये किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार रहेंगे। 14, 15 को कमाने के नए अवसर मिलेंगे। आप लोगों को प्रभावित करेंगे। देशभक्ति से ओत-प्रोत रहेंगे।


ग्रह स्थिति

मासारंभ में केतु तुला राशि का द्वितीय भाव में, चन्द्रमा मकर राशि का पंचम भाव में, शनि कुम्भ राशि का षष्ठम भाव में, राहु+बृहस्पति मेष राशि का अष्ठम भाव में, सूर्य कर्क राशि का ग्यारहवें भाव में, मंगल+बुध+शुक्र सिंह राशि का बारहवें भाव में चलायमान रहेंगे।

कन्या राशि की शुभ-अशुभ तारीख़ें

2023शुभ तारीख़ेंसावधानी रखने योग्य अशुभ तारीख़ें
जनवरी8, 9, 13, 14, 17, 181, 2, 11, 12, 20, 21,
27, 28, 29
फरवरी4, 5, 9, 10, 11, 14, 157, 8, 16, 17, 24, 25, 26
मार्च3, 4, 5, 9, 10, 13, 14,
30, 31
6, 7, 15, 16, 17, 23,
24, 25
अप्रैल1, 5, 6, 9, 10, 27, 282, 3, 12, 13, 20, 21, 30
मई2, 3, 4, 6, 7, 24, 25, 26,
30, 31
1, 9, 10, 17, 18, 19,
27, 28
जून3, 4, 20, 21, 22, 26, 27,
30
5, 6, 13, 14, 15, 23,
24
जुलाई1, 18, 19, 23, 24, 25, 27,
28, 29
3, 4, 10, 11, 12, 21,
22, 30, 31
अगस्त14, 15, 19, 20, 21, 24, 257, 8, 17, 18, 26, 27, 28
सितम्बर10, 11, 12, 16, 17, 20, 213, 4, 5, 13, 14, 23, 24
अक्टूबर7, 8, 9, 13, 14, 17, 181, 2, 10, 11, 20, 21,
28, 29, 30
नवम्बर4, 5, 9, 10, 11, 14, 157, 8, 16, 17, 24, 25, 26
दिसम्बर12, 3, 7, 8, 11, 12, 28, 29, 304, 5, 14, 15, 22, 23, 31

कन्या राशि का वार्षिक भविष्यफल

Kanya Rashifal 2023
कन्या राशि

कन्या राशि के जातकों के लिए यह साल शानदार उपलब्धियों को देने वाला रहेगा। बृहस्पति की वर्षारंभ में आपकी राशि परदृष्टि स्वास्थ्य में सुधार लाएगी। हालांकि अप्रैल के पश्चात आठवें गुरु के कारण स्वास्थ्य में कुछ दिक्कतें व परेशानियां पेश आ सकती हैं। व्यापार व कारोबार में नित नई उपलब्धियां आपकी प्रतीक्षा कर रही हैं। बॉस व अधिकारी आपके काम से संतुष्ट रहेंगे। फलतः प्रमोशन व इन्क्रीमेंट के योग बन रहे हैं। कार्यक्षेत्र में आपका महत्त्व पहले से अधिक बढ़ जाएगा। हालांकि चन्द्रमा+राहु के योग के कारण शत्रुओं से कुछ परेशानियां रह सकती हैं। हालांकि आप हर बाधा-हर मुश्किल व परेशानी का डटकर मुकाबला कर पाएंगे। इस वर्ष आरम्भ में देवगुरु बृहस्पति सातवें स्थान में स्वगृही हैं। अतः पति-पत्नी में आपसी तालमेल गजब का रहेगा। दोनों एक दूसरे की परिस्थिति व भावनाओं को समझ कर आचरण व व्यवहार करेंगे। पारिवारिक सुख शांति में बढ़ोतरी होगी।
इस वर्ष आर्थिक रूप से आप सक्षम व सुदृढ़ स्थिति में रहेंगे। कहीं से रुका हुआ रुपया प्राप्त होगा। पिछले काफी समय से रुका हुआ रुपया प्राप्त हो जाएगा। पराक्रम में वृद्धि होगी। नए-नए लोगों से मुलाकात होगी। व्यापार व कारोबार में आप अपनी योग्यता व क्षमताओं को बढ़ाकर अपने मुनाफे को बढ़ा लेंगे। व्यापार व कारोबार में आप कुछ ठोस व महत्त्वपूर्ण निर्णय लेंगे। जिससे आपकी धाक, दबदबा व रुतबा बरकरार रहेगा।
किसी जरूरतमंद या मित्र की तरफ आप मदद का हाथ बढ़ाएंगे। व्यापार कारोबार में विस्तार की योजना पर काम होगा। जिसका लाभ आगे चलकर मिलेगा। शत्रु व विरोधी लाख चाहकर भी कुछ भी अहित नहीं कर पाएंगे। 17 जून से 4 नवम्बर के मध्य वक्री शनि के कारण कोई अप्रिय घटना या अशुभ घटना घटित हो सकती है। वाहन सावधानीपूर्वक चलाएं। स्वास्थ्य में चल रही ढिलाई के चिंता स्वरूप अस्पताल के चक्कर काटने पड़ सकते हैं। 22 अप्रैल तक पढ़ाई में अनुकूल फल प्राप्त होंगे। विद्यार्थी सारी चीजें भूलकर अपने अध्ययन पर ध्यान केन्द्रित करेंगे। फेसबुक, व्हाटसएप्प, सोशल मीडिया से दूरी बनाकर रखें। अन्यथा उसका प्रभाव आपके करियर पर भी पड़ेगा। लक्ष्य पर पैनी नजर आपको सफलता की राह में दूर तक ले जाएगी। 4 सितम्बर से 31 सितम्बर के मध्य किसी मित्र या रिश्तेदार के साथ कोई अनहोनी हो जाएगी। रुपयों-पैसों के मामले में किसी पर भरोसा नहीं करें। आपके मित्र ही आपके साथ कोई धोखा या विश्वासघात कर सकते हैं। लॉटरी, जुआ, सट्टे, एनसीडीईएक्स व तेजीमंदी से जुड़े जातकों को अधिक सावधान व सतर्क रहने की जरूरत है। भागीदार व पार्टनर सहित, कर्मचारियों की हर गतिविधि व कार्यकलाप पर पूरी नजर रखें। नौकरी में वातावरण अनुकूल रहेगा। हालांकि पीठ पीछे लोग आपकी बुराई या आलोचना करेंगे। आप आलोचना व बुराई से विचलित होने वाले नहीं हैं। इस वर्ष भूमि, भवन, वाहन आदि के खरीद के योग बने हुए हैं तथा 17 जून से पूर्व इस प्रकार की ग्रह स्थिति व योग बनेंगे। अगर आप राजकीय सेवा में हैं तो शब्दों व क्रोध पर नियंत्रण रखें। आपकी बातचीत रिकोर्ड की जा सकती है। जिससे आपको कभी न कभी कानूनी पेचीदगी का सामना करना पड़ सकता है।

कन्या राशि-कैसी रहेगी 2023 में आपकी सेहत

स्वास्थ्य की दृष्टि से यह साल अच्छा है, हालांकि कभी-कभार मौसमी बीमारियों का प्रकोप रह सकता है। आप अपनी दिनचर्या, खानपान की ओर अधिक ध्यान केन्द्रित करेंगे। दीर्घकालिक बीमारियों हार्ट डिजीज, ब्लड प्रेशर, शुगर आदि में नियमित स्वास्थ्य परीक्षण करवाते रहें। 17 जून से 4 नवम्बर के मध्य शनि छठे में आकर उदर विकार, पाचनतंत्र आदि के रोग दे सकते हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आएगी। स्वास्थ्य में लाभ के लिए ‘ॐ हौं जू सः’ इस मंत्र का नित्य जाप करें।

कन्या राशिव्यापार, व्यवसाय व धनके लिए कैसा रहेगा आने वाला साल 2023 ?

इस वर्ष व्यापार व कारोबार में सफलता के संकेत मिल रहे हैं। इस साल दीर्घकालिक धन लाभ की योजनाएं आप आरम्भ करेंगे। इस समय आपको व्यापार व कारोबार को पटरी पर लाने के लिए भरसक कोशिश करनी पड़ेगी। काम-काज में विस्तार की जो योजना बन रही थी, उस पर जोर-शोर से काम शुरू होगा। मशीनरी व तकनीक से आप अपने उत्पादन को बढ़ा देंगे। आय का बहुत बड़ा हिस्सा आपको टैक्स के रूप में देना पड़ सकता है। चीजों को सही नजरिए व दृष्टिकोण से देखें। उधारी से परहेज करें किसी को भी माल उधार नहीं दें। देना भी पड़े तो पैसे की गारंटी लें। अपने काम को पूरी संजीदगी व गम्भीरता से अंजाम दें। छोटी से छोटी लापरवाही घातक हो सकती है। व्यापार व कारोबार में नए-नए प्रयोगों को अमल में लाएंगे। आपको यह बात अच्छी तरह से गांठ बांध लेनी चाहिए कि व्यापार में भावनाओं का कोई स्थान नहीं है। भावुकता में लिए गए निर्णय कहीं न कहीं धन हानि का कारण बन सकते हैं। संयम व धैर्य से आप मुश्किल से मुश्किल समस्या का हल निकाल लेंगे। भूमि, भवन वाहन की खरीद के योग बन रहे हैं। 17 जून से 4 नवम्बर के मध्य शनि के वक्रत्व आर्थिक नुकसान का कारण बन सकता है। कोई मशीनरी ब्रेकडाउन हो सकती है। किसी राजकीय विभाग से सम्बन्धित कोई परेशानी या अड़चन खड़ी हो सकती है। शत्रु व व्यावसायिक प्रतिद्वंद्वी आपसे उलझ सकते हैं आपके सामने बड़ा लक्ष्य रख देंगे, जिसे पूरा करने में आप दबाव में आ जाएंगे। बिना पढ़े किसी भी कागज पर हस्ताक्षर नहीं करें। व्यापार में कोई बड़ा ऑर्डर आपके हाथ से निकल सकता है या कोई बड़ा ऑर्डर कैंसिल हो सकता है। व्यापारिक समस्या का हल विवेक व बुद्धि से निकाल लेंगे। अपने काम को पूरी संजीदगी व गंभीरता से करें।

जानिए कैसा रहेगा 2023 में आपका घर-परिवार, संतान व रिश्तेदार के साथ सम्बन्ध ?

इस वर्ष बृहस्पति वर्षारम्भ में सातवें स्थान में है। 22 अप्रैल तक सातवें बृहस्पति के कारण दाम्पत्य संबंधों में मधुरता का रस घुलेगा। पति-पत्नी में आपसी तालमेल बहुत ही बढ़िया रहेगा। जीवन साथी से भरपूर सहयोग मिलेगा। माता-पिता का आशीर्वाद व स्नेह मिलेगा। हालांकि माता का स्वास्थ्य जरूर वर्षारम्भ में चंद्रमा+राहु की युति के कारण कमजोर रहेगा। वर्ष पर्यंत छठे भाव में शनि की स्थिति के कारण घर के किसी वरिष्ठ सदस्य का स्वास्थ्य गड़बड़ा सकता है। संतान की शिक्षा, अध्ययन को लेकर चिन्ता जरूर रहेगी, लेकिन संतान का मन अध्ययन में लगा रहेगा। स्त्री जातकों की सास-बहू, ननद-भोजाई व देवरानी-जेठानी से नहीं बन पाएगी। रिश्तेदार आपकी निन्दा या आलोचना कर सकते हैं, हालांकि आप रिश्तेदारों की हर संभव सहायता के लिए तैयार रहेंगे। भाइयों से बंटबारे व सम्पत्ति सम्बन्धी विवाद किसी की मध्यस्थता से सुलझ जाएगा।

जानिए कैसा रहेगा 2023 में आपका विद्याध्ययन, पढ़ाई व करियर ?

इस वर्ष विद्यार्थियों को पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है, हालांकि करियर व शिक्षा के लिहाज से यह वर्ष उपलब्धियों का वर्ष है। फिर भी 22 अप्रैल के बाद आठवें गुरु के कारण आपको अध्ययन व करियर पर पहले से ज्यादा फोकस करने की जरूरत है। विभागीय परीक्षा, प्रमोशन व नौकरी से जुड़ी परीक्षा में 22 अप्रैल से पूर्व सफलता मिल जाएगी। प्रेम-प्रसंगों से दूरी बनाकर रखें, अन्यथा आपका अध्ययन व करियर उससे प्रभावित होगा। उच्च शिक्षा व विदेश में जाकर अध्ययनरत विद्यार्थियों को कागजाद सम्बन्धी परेशानी हो सकती है। नौकरी में पूरी ईमानदारी, मेहनत व संजीदगी से काम करें, किसी गुप्त योजना या साजिश के शिकार हो सकते हैं। लक्ष्यों को हासिल करने का दबाव तो रहेगा, परन्तु आप मेहनत से लक्ष्यों को हासिल कर ही लेंगे।

जानिए कैसा रहेंगे 2023 में आपके प्रेम-प्रसंग व मित्रता सम्बन्घ ?

प्रेम सम्बन्धों के मामले में इस साल सफलता दृष्टिगोचर नहीं हो रही है। प्रेम-प्रसंगों में प्रेमी-प्रेमिका में तनाव रहेगा। मतभेद व गलतफहमियां किसी तीसरे व्यक्ति के कारण हो सकती हैं। बाद में उन गलतफहमियों का निराकरण हो जाएगा। जहां तक मित्रों की बात है मित्रों की संख्या में इजाफा होगा। परन्तु इसमें आपको सही व गलत मित्र का चुनाव करना पड़ेगा। कुछ लोग अवसरों व लाभ की आशा में आपसे मित्रवत जुड़ सकते हैं। आप किसी जरूरतमंद मित्र की तरफ मदद का हाथ बढ़ाएंगे।

जानिए कैसा रहेंगे 2023 में आपकेवाहन, खर्च व शुभ कार्य?

वर्षारम्भ में बृहस्पति की दृष्टि आपकी राशि पर है। अतः वर्ष के पूर्वार्द्ध में किसी शुभ कार्य की स्थिति बन सकती है। घर में कोई मांगलिक व शुभ प्रसंग की गूंज सुनाई दे रही है तथा उस पर खर्चा भी होगा। मंगल नवम स्थान में है। अतः वाहन पर खर्च होगा। आप वाहन के रखरखाव, मैंटेनेंस पर राशि खर्च करेंगे, नया वाहन खरीदने की भी योजना बना सकते हैं। फिजूलखर्ची पर नियंत्रण रखें, सन्तान की शिक्षा, करियर, नौकरी आदि पर खर्च के योग बने हुए हैं। 17 जून से 4 नवम्बर के मध्य वाहन द्वारा क्षति की सम्भावना है। अतः वाहन सावधानीपूर्वक चलायें। सीट बेल्ट, हेलमेट जैसे सुरक्षा उपकरणों का पूरा-पूरा ध्यान रखें।

कन्या राशि वाले कैसे बचेहानि, कर्ज व अनहोनी से?

भूमि, भवन, वाहन आदि की खरीद फरोख्त में सावधानी रखें। कागजाद को अच्छी से निरीक्षण-परीक्षण विशेषज्ञ से करवा लें। 4 सितम्बर से 31 दिसम्बर के मध्य वक्री शनि के कारण व्यापार में कोई तगड़ा नुकसान हो सकता है। एक-एक कदम फूंक-फूंक कर रखना चाहिए रुपयों-पैसों के मामले में किसी पर भी भरोसा नहीं करें। ऑनलाइन ठगी या फॉड के शिकार हो सकते हैं। कोई व्यावसायिक सूचना या जानकारी लीक को सकती है। शत्रु और विरोधी के साथ-साथ व्यावसायिक प्रतिद्वंद्वी भी येन-केन-प्रकारेण आपको नुकसान पहुंचाने की चेष्टा करेंगे। किसी की चिकनी-चुपड़ी बातों में नहीं आएं। किसी रिश्तेदार या मित्र के साथ कोई अनहोनी 17 जून से 4 नवम्बर के मध्य में हो सकती है। भूमि, भवन, वाहन आदि की खरीद के लिए या व्यापार विस्तार के लिए आप ऋण लेंगे तथा समय-समय पर किश्तें अदा करते रहेंगे।

जानिए कैसा रहेंगे 2023 मेंआपका यात्रा योग?

इस वर्ष 23 जुलाई से 4 सितम्बर के मध्य शुक्र के वक्रत्व काल में यात्राएं होंगी तथा धार्मिक यात्राओं व पारिवारिक यात्राओं की सम्भावना है। जहां तक व्यापारिक यात्राओं का प्रश्न है, यात्राएं तो होंगी, परन्तु यात्राएं सफल कम ही होंगी

कैसे बनाये कन्या राशि वाले 2023 को लाभकारी ?

वर्ष की शुभता बढ़ाने के लिए बुधबार को गाय को घास या पालक खिलायें। बुधवार को गणेश मंदिर के दर्शन करें। बुधवार को 3 मुट्ठी मूंग पक्षियों को अपने ऊपर से 7 बार उसार कर चुगाएं। ओनेक्स युक्त बुधयंत्र गले में धारण करें।

कन्या राशि की चारित्रिक विशेषताएं

कन्या राशि का स्वामी बुध है। यह बुद्धि व ज्ञान का परिचायक ग्रह है तथा वाणी का ओज, वाक् चातुर्यता को परिलक्षित करता है।
कन्या राशि में उत्पन्न जातक अध्ययनशील होते हैं तथा कई विषयों के ज्ञानार्जन में उनकी रुचि रहती है। अतः समाज में सामान्यतया विद्वान के रूप में इनकी छवि रहती है। ये गुणवान व्यक्ति होते हैं, परन्तु स्त्रियों के प्रति इनके मन में अधिक आकर्षण रहता है। इनका भाग्य प्रबल रहता है तथा अल्प परिश्रम से ही इनके सांसारिक महत्त्व के कार्य सफल हो जाते हैं, जिससे भौतिक सुख-संसाधन एवं धनैश्वर्य की इनके पास प्रचुरता रहती है। ये अत्यंत बुद्धिमान होते हैं तथा अपनी तीक्ष्ण बुद्धि के द्वारा कठिन-से-कठिन समस्या का समाधान करने में समर्थ रहते हैं। अतः सरकारी कार्यों में प्रशासन के क्षेत्र में ये अपना योगदान प्रदान करते हैं तथा वहां सम्मानित एवं आदरणीय रहते हैं। ये भावुकता की अपेक्षा बुद्धि से कार्य लेते हैं, जिससे इनकी उन्नति का मार्ग सर्वदा प्रशस्त रहता है।
पिता के प्रति आपके मन में पूर्ण श्रद्धा होगी तथा उनकी सेवा करने में सर्वदा तत्पर रहेंगे। बाल्यावस्था में आपका समय संघर्षपूर्ण रहेगा। परन्तु मध्य अवस्था के बाद आप पूर्ण सुखी रहेंगे। पुत्र संतति से आप युक्त होंगे तथा इनसे आपको पूर्ण सुख सहयोग प्राप्त होगा। आप एक पराक्रमी पुरुष होंगे तथा स्वपराक्रम एवं योग्यता से सांसारिक कार्यों में सफलता अर्जित करेंगे। आप में तेजस्विता का भाव भी विद्यमान रहेगा। अतः अवसरानुकूल आपको उग्रता के भाव का यत्नपूर्वक परित्याग करना चाहिए। अन्य जनों के प्रति आपके मन में उदारता का भाव भी रहेगा। लेखन या कला संबंधी कार्यों में आपको सफलता मिलेगी।
धर्म के प्रति आपकी सामान्य श्रद्धा रहेगी तथा अल्प मात्रा में ही धार्मिक कार्यकलापों को संपन्न करेंगे। मित्र वर्ग में आपका प्रभाव रहेगा तथा सभी लोग आपको सहयोग प्रदान करेंगे। आप अपने पराक्रम, तेजस्विता, बुद्धिमत्ता तथा योग्यता से इच्छित मान-सम्मान प्राप्त करेंगे तथा सुखपूर्वक जीवन व्यतीत करेंगे। कन्या राशि पिंगल वर्ण व स्त्रीसंज्ञक राशि है। (कन्या राशि वाले पुरुषों में स्त्रियोचित, सुंदरता, कोमलता, लज्जा एवं वाणी माधुर्यता पाई जाती है।)
बुध एक साम्यवादी ग्रह है, अतः इस राशि वाले व्यक्ति पर सोहबत व वातावरण का असर पड़े बिना नहीं रहता। बुरी संगति इनको बुरा बना देती है व अच्छी संगति में ये अच्छे बन जाते हैं। आप गन्दे, बदचलन मित्र-मण्डली से बचें। क्योंकि दूसरे लोगों के प्रभाव, आकर्षण केन्द्र में आ जाना, आपकी सबसे बड़ी कमज़ोरी है।
कन्या राशि द्विस्वभाव, द्विपद व वायु तत्त्व प्रधान राशि है। इसका प्राकृतिक गुण विद्याध्ययन व शिल्पकला है। इनकी विशेषता है कि ये अपनी उन्नति व मान का पूर्ण ध्यान रखने की कोशिश करते हैं। कन्या राशि का स्वभाव व मूल गुण मिथुन जैसे ही हैं, परन्तु यदि जन्म कुण्डली में बुध की स्थिति ख़राब है तथा हाथ में बुध पर्वत पदच्युत हो, कनिष्ठिका कुछ टेढ़ी-मेढ़ी हो, तो ऐसे जातक में पुरुषार्थ शक्ति की न्यूनता पाई जाती है। ऐसे जातकों में शुक्राणुओं की कमी रहती है तथा इनकी दाढ़ी कभी भरपूर नहीं आती।
यदि आपका जन्म कन्या राशि में ‘उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र’ के (टो, पा, पी) अक्षरों में है, तो आपका जन्म छः वर्ष की सूर्य की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-गौ, गण-मनुष्य, वर्ण-वैश्य, हंसक-भूमि, नाड़ी-आद्य, पाया-चांदी, प्रथम चरण का वर्ग-श्वान एवं अंतिम दो चरण का वर्ग-मूषक है। इस नक्षत्र में जन्मे जातक धनी व सुखी होते हैं। जातक आकर्षक व्यक्तित्व का धनी एवं शत्रुओं का नाश करने में दक्ष होता है। ‘उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र’ में जन्मे व्यक्ति की पुरुषार्थ शक्ति तेज़ रहेगी। आप मूलतः समझौतावादी व्यक्ति हैं। झगड़े व व्यर्थ के तर्क-वितर्क में आपका विश्वास नहीं, अपितु आप प्रेम व शांति से किसी विवाद को सुलझाना पसंद करेंगे।
यदि आपका जन्म कन्या राशि में ‘हस्त नक्षत्र’ के (पू, ष, ण, ठ) अक्षरों में है, तो आपका जन्म 10 वर्ष की चंद्र की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-भैंस, गण-देव, वर्ण-वैश्य, हंसक-भूमि, नाड़ी-मध्य, पाया-चांदी, प्रथम चरण का वर्ग-मूषक, द्वितीय चरण का वर्ग-मेढ़ा और अंतिम दो चरणों का वर्ग-श्वान है। हस्त वाले महत्त्वाकांक्षी होते हैं तथा अपनी बुद्धि एवं विद्याबल से ख़ूब सम्पत्ति अर्जित करते हैं।
यदि आपका जन्म कन्या राशि में ‘चित्रा नक्षत्र’ के प्रथम, द्वितीय चरण (पे, पो) में है, तो आपका जन्म सात वर्ष की मंगल की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-व्याघ्र, गण-राक्षस, वर्ण-वैश्य, नाड़ी-मध्य, हंसक-भूमि, पाया-चांदी, वर्ग-मूषक है। चित्रा नक्षत्र के जातक विचित्र वेशभूषा पहनते हैं। इनमें स्त्रियोचित वस्त्राभूषण पहनने का शौक होता है। ये लोग बहुत बुद्धिमान होते हैं तथा अपनी सुविधाओं में कटौती स्वीकार नहीं करते।
बुध सूर्य का सर्वाधिक निकटवर्ती ग्रह है। उदीयमान व अस्तांचल की ओर जाते हुए सूर्यकाल के समय ही इसके दर्शन संभव हैं। सूर्य के निकट होने से इनमें सूर्य के समान तेजस्विता होती है। कन्या राशि वाले जातक बहुत ही सुंदर व चतुर होते हैं। बुध कन्या राशि में उच्च का होता है। प्रायः कन्या राशि वाले व्यक्ति उच्च कोटि के विद्वान व लेखक होते हैं।

कन्या राशि वालों के लिए उपाय

4 1/4 रत्ती का ‘ओनेक्स’ रत्न ‘बुध यंत्र’ में जड़वाकर धारण करें। संकटनाशन गणेश स्तोत्र का पाठ करें। तुलसी के पौधे को रोज़ाना सींचे। गणपति जी को प्रत्येक बुधवार 11 दूर्वा चढ़ाएं। ‘ॐ गं गणपतये नमः’ का जाप करते हुए प्रत्येक दूर्वा गणपति जी को अर्पित करें।

कन्या राशि की प्रमुख विशेषताएं

  1. राशि ‒ कन्या
    1. राशि चिह्न ‒ हाथ में धान व अग्नि लिए हुए कुंवारी कन्या
    2. राशि स्वामी ‒ बुध
    3. राशि तत्त्व ‒ पृथ्वी तत्त्व
    4. राशि स्वरूप ‒ द्विस्वभाव
    5. राशि दिशा ‒ दक्षिण
    6. राशि लिंग व गुण ‒ स्त्री
    7. राशि जाति ‒ वैश्य
    8. राशि प्रकृति व स्वभाव ‒ सौम्य स्वभाव, वात प्रकृति
    9. राशि का अंग ‒ उदर (पेट)
    10. अनुकूल रत्न ‒ पन्ना
    11. अनुकूल उपरत्न ‒ मरगज, जबरजद
    12. अनुकूल रंग ‒ हरा
    13. शुभ दिवस ‒ बुधवार, रविवार
    14. अनुकूल देवता ‒ गणपति
    15. व्रत, उपवास ‒ बुधवार
    16. अनुकूल अंक ‒ 5
    17. अनुकूल तारीख़ें ‒ 5/14/23
    18. मित्र राशियां ‒ मेष, मिथुन, सिंह, तुला
    19. शत्रु राशियां ‒ कर्क
    20. शुभ धातु ‒ सोना
    21. व्यक्तित्व ‒ दोहरा व्यक्तित्व, विद्वान, युद्धभीरु, आलोचक, लेखक
    22. सकारात्मक तथ्य ‒ निरन्तर क्रियाशीलता, व्यावहारिक ज्ञान
    23. नकारात्मक तथ्य ‒ अतिछिद्रान्वेषी, बुराई ढूंढना, कलहप्रियता, अशुभ चिन्तन, नपुंसकता

टो, पा, पी उत्तराफाल्गुनी‒3

पू, ष, ण, ठ हस्त‒4

पे, पो चित्रा‒3


1 जनवरी से 7 जनवरी तक

वर्षारम्भ के प्रथम दो दिवस ठीक नहीं कहे जा सकते हैं। 1, 2 को समय कष्टप्रद रहेगा। आपका स्वास्थ्य गड़बड़ हो सकता है। आप कार्य करना चाहेंगे, किन्तु बाधाएं बहुत आएंगी। कार्य करने की गति कम हो जाएगी। 3, 4 को समय पूर्णतया पक्ष में रहेगा। अपनी लम्बी समय से संजोई इच्छा, सपने पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं। कार्यालय में कठिन परिश्रम तथा विरोध और परेशानियों के बावजूद आप आगे निकलने में कामयाब रहेंगे। 5, 6, 7 को समय पूर्ण रूप से अनुकूल रहेगा। समाज की जिम्मेदारियों के प्रति आप सचेत रहेंगे या उसे बहुत अच्छी तरह से निभाएंगे। भाइयों से मेलजोल बढ़ेगा। प्रेम-प्रसंगों में सफलता की प्राप्ति करेंगे। वहीं दम्पत्ति वर्ग अपना रोमांटिक वक्त किसी बगीचे या होटल में मनाएंगे।


ग्रह स्थिति

मासारम्भ में केतु कन्या राशि का लग्न में, शुक्र+बुध वृश्चिक राशि का तृतीय भाव में, सूर्य+मंगल धनु राशि का चतुर्थ भाव में, शनि कुंभ राशि का षष्टम भाव में, राहु मीन राशि का सप्तम भाव में, बृहस्पति मेष राशि का अष्टम भाव में, चन्द्रमा सिंह राशि का बारहवें भाव में चलायमान है।

कन्या राशि की शुभ-अशुभ तारीख़ें

2023शुभ तारीख़ेंसावधानी रखने योग्य अशुभ तारीख़ें
जनवरी3, 4, 7, 8, 9, 25, 26, 30, 311, 10, 11, 18, 19, 20, 28, 29
फरवरी1, 4, 5, 21, 22, 26, 27, 286, 7, 8, 14, 15, 16, 24, 25
मार्च2, 3, 19, 20, 21, 25, 26, 29,30,315, 6, 12, 13, 14, 22, 23
अप्रैल15, 16, 17, 21, 22, 23, 25, 26, 271, 2, 18, 19, 20, 28, 29, 30
मई13, 14, 18, 19, 20, 23, 246, 7, 8, 16, 17, 26, 27
जून9, 10, 11, 15, 16, 19, 203, 4, 12, 13, 22, 23, 30
जुलाई7, 8, 12, 13, 16, 17, 181, 2, 9, 10, 19, 20, 27, 28, 29
अगस्त3, 4, 8, 9, 10, 13, 14, 30, 316, 7, 16, 17, 23, 24, 25
सितम्बर1, 5, 6, 9, 10, 26, 27, 282, 3, 12, 13, 20, 21, 29, 30
अक्टूबर2, 3, 6, 7, 8, 24, 25, 29, 30, 319, 10, 11, 17, 18, 19, 27, 28
नवम्बर3, 4, 20, 21, 25, 26, 27, 306, 7, 14, 15, 23, 24
दिसम्बर1, 17, 18, 19, 23, 24, 27, 28, 293, 4, 11, 12, 13, 20, 21, 30, 31

कन्या राशि का वार्षिक भविष्यफल

Kanya Rashifal 2024
कन्या राशि

यह साल कन्या राशि के जातकों के लिए उपलब्धियों से परिपूर्ण है, छठे भाव में शनि का परिभ्रमण रोग व शत्रु का शमन करेगा। पुराने रोग व कष्ट से मुत्तिफ़ मिलेगी। राशि का अधिपति

बुध वर्षारंभ में पराक्रम स्थान में स्थित है। अतः इस साल पराक्रम के संकेत हैं, स्वास्थ्य में सुधार आयेगा। लेकिन दीर्घकालिक बीमारियों ब्लड प्रेशर, सुगर, हार्ट डिजीज आदि में सावधानी आवश्यक है, आप कन्या राशि के व्यत्तिफ़ हों, तथा कन्या राशि के व्यत्तिफ़ बौद्धिक क्षमताओं से परिपूर्ण होते हैं, आप अपनी बुद्धि के बल पर कई असंभव से असंभव कार्य कर जायेंगे। इस साल किसी गम्भीर व घातक बीमारी की संभावना आशंका नहीं है। 1 मई से पूर्व आठवें गुरु के कारण पेट से सम्बन्धित व्याधि, एसीडिटी, गैस, कब्ज या पाचनतंत्र के रोग रह सकते हैं, व्यापार व कारोबार में आप ठोस व महत्वपूर्ण निर्णय लेंगे, जिससे आपकी धाक बनेगी। जो योजना पिछले काफी समय से व्यापार व काम-काज को लेकर अटकी हुई थी, उसके पूरे होने का समय अब आ गया है। समझदारी, होशियारी, बुद्धि व विवेक से आप कई विषयों को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लेंगे। जिससे आने वाले समय की दशा व दिशा का निर्धारण होगा। पैसा तो पास में आयेगा, परंतु खर्चा भी जोरदार होगा।

इस साल वर्षारंभ में देवगुरु बृहस्पति आठवें स्थान में चलायमान है। अतः विद्यार्थियों को इतने अनुकुल परिणाम नहीं मिल पायेंगे। कैरियर में अवरोध आयेंगे नौकरी सम्बन्धी बात रुक व अटक जायेगी। कई बार अध्ययन में

एकाग्रचित्तता का अभाव रहेगा, इसका प्रभाव परिणाम व प्रतिफल पर भी रहेगा। मंगल सूर्य की चौथे स्थान में युति

है। अतः वाहन सावधानीपूर्वक चलावें। माता का स्वास्थ्य भी कमजोर रह सकता है। इस साल सातवें स्थान में राहु की स्थिति में जीवन साथी का स्वास्थ्य कुछ कमजोर रह सकता है, व्यापार में विस्तार की योजना पर आप जोर-शोर से लग जायेंगे। लेन-देन संबंधी मामलों में पूरी सावधानी रखें, मैं यह सलाह दूंगा कि रुपया किसी को भी उधार नहीं दें, आवश्यक परिस्थितियों में देना पडे़ तो वापसी की गारन्टी को जरूर सुनिश्चित कर लें। हिम्मत व हौसले से आप मुश्किल से मुश्किल हालात को अपने पक्ष में कर लेंगे। आपकी योग्यता व काबिलियत खुलकर लोगों के सामने आयेगी, सामाजिक

रूप से कुछ ऐसे काम होंगे, जिससे आपकी प्रतिष्ठा व ख्याति बढे़गी। कोर्ट-कचहरी व अन्य राजकीय मामलों में स्थितियां आपके पक्ष में बनेंगी। हालांकि झूठी गवाही व किसी प्रकार के

घालमेल से आपको बचना चाहिए। 30 जून से 15 नवम्बर के मध्य शनि के वक्रत्वकाल में कुछ अप्रत्याशित खर्चे का योग बनेगा। आपको अस्पताल के चक्कर काटने पड़ सकते हैं। हाथ में आता-आता रुपया रुक व अटक जायेगा। इस समय में किसी को भी अपना उधार नहीं दें, अन्यथा वापस निकलवाने में आपके पसीने छूट सकते हैं। इंटरव्यू, साक्षात्कार, आदि में सफलता मिल जायेगी। यात्रओं पर काफी जोर रहेगा।

शारीरिक सुख एवं स्वास्थ्यः- कन्या राशि के जातकों के लिए यह साल शारीरिक सुख एवं स्वास्थ्य की दृष्टि से अच्छा रहेगा। मौसमी बीमारियों, क्रोनिकल डीजीज से साचेत रहें। हाईपरटेंशन, रक्तचाप, डाइबिटीज आदि में सावधानी आवश्यक है। जीवन साथी का स्वास्थ्य जरूर गिरेगा। शारीरिक, व्यायाम,

योग जैसी चीजों को अपनी दिनचर्या जीवन चर्चा का हिस्सा बना लें। मैं आपको यह सलाह दूँगा कि खान-पान का पूरा ध्यान रखें। 30 जून से 15 नवम्बर के मध्य शनि के वक्री होने के कारण किसी अप्रिय घटना की आशंका है, वाहन सावधानीपूर्वक चलावें। नियमित स्वास्थ्य परीक्षण करवाते रहें। महामृत्युंजय मंत्र का भी नियमित जप करें।

व्यापार व्यवसाय व धनः- इस साल आप मेहनत करके व्यापार व कारोबार की गाड़ी को पटरी पर ले आयेंगे, लेकिन

आपको चीजों को मैनेज करने की आवश्यकता है। अपने ग्राहकों के निरंतर व नियमित सम्पर्क में रहें। व्यावसायिक प्रतिद्वन्दी आपके सामने बडा लक्ष्य रख देंगें, जिसे आप काफी हद तक पार भी कर लेंगे। काम- काज में जो आर्डर आपको मिला है, उसे पूरी संजीदगी व गंभीरता से करें। नौकरी में लक्ष्यों को हासिल करने का दबाव बना रहेगा। लेकिन आप पूरी मेहनत, ईमानदारी से अपने काम को अंजाम तक पहुँचायेंगे। इस वर्ष अचल सम्पत्ति की खरीददारी के योग हैं। भूमि, भवन, प्लाट आदि की खरीद कर सकते हैं। सम्पति

खरीद के पूर्व कागजाद की पड़ताल अच्छे से कर लें तथा सारी चीजों को देखभाल कर ही करें, बिना पढ़े किसी भी कागजाद पर हस्ताक्षर करना आपकी भूल होगी। नई तकनीक, नए हुनर व नए लोगों को साथ लेकर आप व्यापार में कुछ प्रयोग कर सकते हैं, जो काफी हद तक आपके लिए लाभप्रद रहेगा। 30 जून से 15 नवम्बर के मध्य शनि की वक्र गति के कारण आपका पैसा कहीं पर फंस सकता है, व्यापार में कोई षड्यंत्र आपके साथ कारित हो सकता है। भागीदार, सहकर्मी व कर्मचारियों की गतिविधियों पर पूरी नजर रखें। व्यापार सम्बन्धी जानकारी लीक हो सकती है। हालांकि इस साल आप संपर्को के मामले में धनवान रहेंगे। यही संपर्क व संबंध कहीं न कहीं व्यापार में वृद्धि के लिए सहायक साबित होंगे। सम्पति के रख रखाव पर खर्चा होगा। टैक्स की चोरी नहीं करें, अन्यथा उसमें सम्बन्धित मुसीबत आपको घेर लेगी।

घर, परिवार, संतान व रिश्तेदारः- व्यापारिक व व्यावसायिक भागदौड़ व दौड़धूप के बीच में आपको यह समझ में आ जायेगा कि आपका असली धन आपका परिवार है। अतः तमाम व्यस्तताओं के बाबजूद आप परिवार के लिए तथा अपनों के लिए समय निकाल लेंगे। माता-पिता व घर के बड़े-बुजुर्गाें की सेवा का अवसर प्राप्त होगा। जीवन साथी का स्वास्थ्य जरूर डावाडोल रहेगा। हालांकि जीवन साथी से आपको भावनात्मक व नैतिक सम्बल जरूर मिलेगा। पति-पत्नी में दोनों

एक-दूसरे की भावनाओं को समझकर आचरण व व्यवहार करेंगे। भाईयों से सम्पति संबन्धी विवाद अनबन का कारण

बन सकते हैं, आपके लचीले रुख व उदारवादी दृष्टिकोण से सम्पति संबन्धी मामले में नुकसान हो सकता है। संतान आपकी आज्ञा में रहेगी। व संतान के कैरियर, विवाह, अध्ययन आदि से समस्या से राहत मिलेगी। जहाँ तक रिश्तेदारों का प्रश्न है, आप किसी मुसीबत जदा रिश्तेदार की मदद के लिए आगे आयेंगे, लेकिन उस चक्कर में हो सकता है आपको आलोचना का सामना करना पड़े।

विद्याध्यन, पढ़ाई व कैरियरः- इस वर्ष वर्षारंभ में, देवगुरु आठवें स्थान में है। अतः 1 मई तक तो विद्यार्थियों को कोई

खास सफलता मिलती दिखाई नहीं पड़ रही है। मई के उपरांत कन्या राशि के जातकों का अध्ययन में प्रदर्शन बेहतर रहेगा। बृहस्पति का आठवाँ परिभ्रमण मन में थोड़ा भटकाव रखेगा। कैरियर व नौकरी में 1 मई तक कदम-कदम पर सावधानी की आवश्यकता है_ अपने काम को पूरी संजीदगी, गम्भीरता से अंजाम दें, एक-एक कदम फूंक-फूंक कर रखें। बॉस व अधिकारी की डांट फटकार सुननी पड़ सकती है। अगर आप तकनीकी शिक्षा, मैकेनिकल, इंजीनियरींग पॉलटेक्निक आदि विषय को लेकर प्रयासरत हैं, तो सफलता आपके कदम चूमेगी। ध्यान करें, मेडिटेशन करें, परेशानियों व मुश्किलों से घबराए नहीं। नौकरी से सम्बन्धित परीक्षा, विभागीय परीक्षा, इंटरव्यू में सफलता मिल जायेगी। फेसबुक व्हाट्सएप्प, सोशल मीडिया आदि से दूरी बनाकर रखें। अपने कैरियर व अध्ययन के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करें। 1 मई तक कॉलेज में दािखला, विषय का चयन, आदि को लेकर असमंजस रहेगा। जो 1 मई के बाद गुरु के नवम स्थान में आने पर हट जायेगा। प्रेम-प्रसंग व मित्रः- प्रेम प्रसंगों व सम्बन्धों के लिहाज

से यह साल उत्तम है। कभी-कभार छठे शनि के कारण प्रेम सम्बन्धों में गलतफहमियों की दीवार खड़ी हो सकती। अमर्यादित व असंयमित प्रेम सम्बन्धों से बचने की आवश्यकता है। 30 जून से 15 नवम्बर के मध्य शनि की वक्र गति के कारण प्रेम सम्बन्ध उजागर हो सकते हैं, जिससे परिवार में थोड़ा सा तनाव उत्पन्न हो सकता है। प्रेम सम्बन्ध को गोपनीय रखना सबसे बडी चुनौती होगी। मित्रें की संख्या बढ़ेगी। किसी

विशेष मित्र के कारण व्यापार में मदद मिलेगी तथा कोई बड़ा आर्डर मिल सकता है।

वाहन, खर्च व शुभ कार्यः- बार-बार वाहन खराब हो सकता है। इससे परेशान होकर आप नया वाहन खरीदारी का कार्यक्रम बना सकते हैं, इस साल आप घर में किसी नवीन वस्तु की खरीदारी विशेषकर इलेक्ट्रिक उत्पाद, फ्रीज, टी- वी- वाशिंग मशीन, मोबाइल, लैपटाप आदि खरीद सकते हैं। इस वर्ष भूमि, भवन, वाहनादि की खरीद का भी कार्यक्रम बन सकता है। 30 जून से 15 नवम्बर के मध्य शनि की गति छठे भाव में टेड़ी है। अतः इस समय आपको वाहन सावधानीपूर्वक चलाना चाहिए। जहाँ तक शुभ कार्य व शुभ प्रसंग का विषय है। संतान की सगाई, विवाह आदि से सम्बन्धित किसी मांगलिक कार्य की रूपरेखा अप्रैल से सितम्बर के मध्य बन सकती है। फिजूल खर्ची पर जरूर नियंत्रण रखें।

हानि, कर्ज व अनहोनीः- इस साल कोई धन हानि की संभावना तो नहीं है। चंद्रमा बारहवें स्थान में वर्षारंभ में होने के कारण खर्चाें की प्रबलता रहेगी साथ ही आपका पैसा कहीं पर फंस सकता है। व्यापार में जो योजना आपने नई बनाई है, उसमें शुरुआत में परिणाम इतने पक्ष में नहीं रहेगा। 30 जून से 15 नवम्बर के मध्य किसी घनिष्ठ मित्र या रिश्तेदार से विछोह हो सकता है। जहाँ तक अनहोनी की बात है। बच्चों के हाथ में वाहन नहीं दें, अन्यथा कोई अनहोनी हो सकती है।

यात्रएंः- इस वर्ष गुरु वर्षारंभ के आठवें स्थान में है, अतः वर्ष के पूर्वाद्ध में की गई यात्रयें कष्टप्रद रहेंगी। स्वास्थ्य तथा खान-पान का ध्यान रखें। परिवार के साथ धार्मिक यात्र भी हो सकती है।

17 जून से पूर्व इस प्रकार की ग्रह स्थिति व योग बनेंगे

आपकी बातचीत रिकोर्ड की जा सकती है। जिससे आपको कभी न कभी कानूनी पेचीदगी का सामना करना पड़ सकता है।

कन्या राशि की चारित्रिक विशेषताएं

कन्या राशि का स्वामी बुध है। यह बुद्धि व ज्ञान का परिचायक ग्रह है तथा वाणी का ओज, वाक् चातुर्यता को परिलक्षित करता है।
कन्या राशि में उत्पन्न जातक अध्ययनशील होते हैं तथा कई विषयों के ज्ञानार्जन में उनकी रुचि रहती है। अतः समाज में सामान्यतया विद्वान के रूप में इनकी छवि रहती है। ये गुणवान व्यक्ति होते हैं, परन्तु स्त्रियों के प्रति इनके मन में अधिक आकर्षण रहता है। इनका भाग्य प्रबल रहता है तथा अल्प परिश्रम से ही इनके सांसारिक महत्त्व के कार्य सफल हो जाते हैं, जिससे भौतिक सुख-संसाधन एवं धनैश्वर्य की इनके पास प्रचुरता रहती है। ये अत्यंत बुद्धिमान होते हैं तथा अपनी तीक्ष्ण बुद्धि के द्वारा कठिन-से-कठिन समस्या का समाधान करने में समर्थ रहते हैं। अतः सरकारी कार्यों में प्रशासन के क्षेत्र में ये अपना योगदान प्रदान करते हैं तथा वहां सम्मानित एवं आदरणीय रहते हैं। ये भावुकता की अपेक्षा बुद्धि से कार्य लेते हैं, जिससे इनकी उन्नति का मार्ग सर्वदा प्रशस्त रहता है।
पिता के प्रति आपके मन में पूर्ण श्रद्धा होगी तथा उनकी सेवा करने में सर्वदा तत्पर रहेंगे। बाल्यावस्था में आपका समय संघर्षपूर्ण रहेगा। परन्तु मध्य अवस्था के बाद आप पूर्ण सुखी रहेंगे। पुत्र संतति से आप युक्त होंगे तथा इनसे आपको पूर्ण सुख सहयोग प्राप्त होगा। आप एक पराक्रमी पुरुष होंगे तथा स्वपराक्रम एवं योग्यता से सांसारिक कार्यों में सफलता अर्जित करेंगे। आप में तेजस्विता का भाव भी विद्यमान रहेगा। अतः अवसरानुकूल आपको उग्रता के भाव का यत्नपूर्वक परित्याग करना चाहिए। अन्य जनों के प्रति आपके मन में उदारता का भाव भी रहेगा। लेखन या कला संबंधी कार्यों में आपको सफलता मिलेगी।
धर्म के प्रति आपकी सामान्य श्रद्धा रहेगी तथा अल्प मात्रा में ही धार्मिक कार्यकलापों को संपन्न करेंगे। मित्र वर्ग में आपका प्रभाव रहेगा तथा सभी लोग आपको सहयोग प्रदान करेंगे। आप अपने पराक्रम, तेजस्विता, बुद्धिमत्ता तथा योग्यता से इच्छित मान-सम्मान प्राप्त करेंगे तथा सुखपूर्वक जीवन व्यतीत करेंगे। कन्या राशि पिंगल वर्ण व स्त्रीसंज्ञक राशि है। (कन्या राशि वाले पुरुषों में स्त्रियोचित, सुंदरता, कोमलता, लज्जा एवं वाणी माधुर्यता पाई जाती है।)
बुध एक साम्यवादी ग्रह है, अतः इस राशि वाले व्यक्ति पर सोहबत व वातावरण का असर पड़े बिना नहीं रहता। बुरी संगति इनको बुरा बना देती है व अच्छी संगति में ये अच्छे बन जाते हैं। आप गन्दे, बदचलन मित्र-मण्डली से बचें। क्योंकि दूसरे लोगों के प्रभाव, आकर्षण केन्द्र में आ जाना, आपकी सबसे बड़ी कमज़ोरी है।
कन्या राशि द्विस्वभाव, द्विपद व वायु तत्त्व प्रधान राशि है। इसका प्राकृतिक गुण विद्याध्ययन व शिल्पकला है। इनकी विशेषता है कि ये अपनी उन्नति व मान का पूर्ण ध्यान रखने की कोशिश करते हैं। कन्या राशि का स्वभाव व मूल गुण मिथुन जैसे ही हैं, परन्तु यदि जन्म कुण्डली में बुध की स्थिति ख़राब है तथा हाथ में बुध पर्वत पदच्युत हो, कनिष्ठिका कुछ टेढ़ी-मेढ़ी हो, तो ऐसे जातक में पुरुषार्थ शक्ति की न्यूनता पाई जाती है। ऐसे जातकों में शुक्राणुओं की कमी रहती है तथा इनकी दाढ़ी कभी भरपूर नहीं आती।
यदि आपका जन्म कन्या राशि में ‘उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र’ के (टो, पा, पी) अक्षरों में है, तो आपका जन्म छः वर्ष की सूर्य की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-गौ, गण-मनुष्य, वर्ण-वैश्य, हंसक-भूमि, नाड़ी-आद्य, पाया-चांदी, प्रथम चरण का वर्ग-श्वान एवं अंतिम दो चरण का वर्ग-मूषक है। इस नक्षत्र में जन्मे जातक धनी व सुखी होते हैं। जातक आकर्षक व्यक्तित्व का धनी एवं शत्रुओं का नाश करने में दक्ष होता है। ‘उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र’ में जन्मे व्यक्ति की पुरुषार्थ शक्ति तेज़ रहेगी। आप मूलतः समझौतावादी व्यक्ति हैं। झगड़े व व्यर्थ के तर्क-वितर्क में आपका विश्वास नहीं, अपितु आप प्रेम व शांति से किसी विवाद को सुलझाना पसंद करेंगे।
यदि आपका जन्म कन्या राशि में ‘हस्त नक्षत्र’ के (पू, ष, ण, ठ) अक्षरों में है, तो आपका जन्म 10 वर्ष की चंद्र की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-भैंस, गण-देव, वर्ण-वैश्य, हंसक-भूमि, नाड़ी-मध्य, पाया-चांदी, प्रथम चरण का वर्ग-मूषक, द्वितीय चरण का वर्ग-मेढ़ा और अंतिम दो चरणों का वर्ग-श्वान है। हस्त वाले महत्त्वाकांक्षी होते हैं तथा अपनी बुद्धि एवं विद्याबल से ख़ूब सम्पत्ति अर्जित करते हैं।
यदि आपका जन्म कन्या राशि में ‘चित्रा नक्षत्र’ के प्रथम, द्वितीय चरण (पे, पो) में है, तो आपका जन्म सात वर्ष की मंगल की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-व्याघ्र, गण-राक्षस, वर्ण-वैश्य, नाड़ी-मध्य, हंसक-भूमि, पाया-चांदी, वर्ग-मूषक है। चित्रा नक्षत्र के जातक विचित्र वेशभूषा पहनते हैं। इनमें स्त्रियोचित वस्त्राभूषण पहनने का शौक होता है। ये लोग बहुत बुद्धिमान होते हैं तथा अपनी सुविधाओं में कटौती स्वीकार नहीं करते।
बुध सूर्य का सर्वाधिक निकटवर्ती ग्रह है। उदीयमान व अस्तांचल की ओर जाते हुए सूर्यकाल के समय ही इसके दर्शन संभव हैं। सूर्य के निकट होने से इनमें सूर्य के समान तेजस्विता होती है। कन्या राशि वाले जातक बहुत ही सुंदर व चतुर होते हैं। बुध कन्या राशि में उच्च का होता है। प्रायः कन्या राशि वाले व्यक्ति उच्च कोटि के विद्वान व लेखक होते हैं।

कन्या राशि वालों के लिए उपाय

4 1/4 रत्ती का ‘ओनेक्स’ रत्न ‘बुध यंत्र’ में जड़वाकर धारण करें। संकटनाशन गणेश स्तोत्र का पाठ करें। तुलसी के पौधे को रोज़ाना सींचे। गणपति जी को प्रत्येक बुधवार 11 दूर्वा चढ़ाएं। ‘ॐ गं गणपतये नमः’ का जाप करते हुए प्रत्येक दूर्वा गणपति जी को अर्पित करें।

कन्या राशि की प्रमुख विशेषताएं

  1. राशि ‒ कन्या
    1. राशि चिह्न ‒ हाथ में धान व अग्नि लिए हुए कुंवारी कन्या
    2. राशि स्वामी ‒ बुध
    3. राशि तत्त्व ‒ पृथ्वी तत्त्व
    4. राशि स्वरूप ‒ द्विस्वभाव
    5. राशि दिशा ‒ दक्षिण
    6. राशि लिंग व गुण ‒ स्त्री
    7. राशि जाति ‒ वैश्य
    8. राशि प्रकृति व स्वभाव ‒ सौम्य स्वभाव, वात प्रकृति
    9. राशि का अंग ‒ उदर (पेट)
    10. अनुकूल रत्न ‒ पन्ना
    11. अनुकूल उपरत्न ‒ मरगज, जबरजद
    12. अनुकूल रंग ‒ हरा
    13. शुभ दिवस ‒ बुधवार, रविवार
    14. अनुकूल देवता ‒ गणपति
    15. व्रत, उपवास ‒ बुधवार
    16. अनुकूल अंक ‒ 5
    17. अनुकूल तारीख़ें ‒ 5/14/23
    18. मित्र राशियां ‒ मेष, मिथुन, सिंह, तुला
    19. शत्रु राशियां ‒ कर्क
    20. शुभ धातु ‒ सोना
    21. व्यक्तित्व ‒ दोहरा व्यक्तित्व, विद्वान, युद्धभीरु, आलोचक, लेखक
    22. सकारात्मक तथ्य ‒ निरन्तर क्रियाशीलता, व्यावहारिक ज्ञान
    23. नकारात्मक तथ्य ‒ अतिछिद्रान्वेषी, बुराई ढूंढना, कलहप्रियता, अशुभ चिन्तन, नपुंसकता