रिश्तेदारों की कुछ गलतियों से ना लाएं नए शादीशुदा कपल अपने जीवन में खटास
यही स्थिति दूल्हे के लिए भी हो सकती है, क्योंकि रिश्तेदारों की उम्मीदें होती हैं कि वह अपनी पत्नी का पूरी तरह से ख्याल रखें।
Newly Wed Couple Advice: शादी दो लोगों को जोड़ती है , उनके बीच प्यार और समझ को बढ़ावा देती है, अलग अलग तरह के विचार रखने वाले दो लोग जब शादी कर के एक दूसरे के साथ रहते हैं तो उन्हें एक दूसरे को समझने के लिए काफी समय चाहिए होता है। शादी सिर्फ दो लोगों के बीच ही नहीं बल्कि दो परिवारों के बीच भी एक नई शुरुआत को बढ़ावा देती है। किसी भी नए कपल के लिए शादी के बाद का समय प्यार, मस्ती और खुशी से भरा होता है। लेकिन कई बार रिश्तेदारों की दखलंदाज़ी नए जोड़े के रिश्ते की ख़ुशियों को ख़राब करने लगती है। नई नयी शादीशुदा जिंदगी में दोनों एक-दूसरे के साथ समय बिता रहे होते हैं,
एक दूसरे को समझने की कोशिश करते हैं और अपने रिश्ते को मजबूत बनाने की पूरी कोशिश करते हैं।
बेकार की सलाह

शादी के बाद रिश्तेदारों की तरफ से अनचाही सलाहें और अपेक्षाए होना बहुत ही आम बात है। हर कोई यह सोचता है कि वह दूल्हा-दुल्हन के जीवन को बेहतर बना सकता है, क्यूंकि उन्हें कई सालों का शादीशुदा जीवन का अनुभव है। कई लोगों का कहना होता है “तुम्हें शादी के बाद ज्यादा समय परिवार के साथ बिताना चाहिए,” इस प्रकार की बातें नए जोड़े के जीवन में परेशानी पैदा करती हैं और उनके सुखमय जीवन को ख़राब करती हैं।
निजी नियम क़ानून
कभी-कभी रिश्तेदार परिवार में चले आ रहे पुराने रीति रिवाज और नियम परंपराओं को नए जोड़े पर लादने की लगातार कोशिश करते रहते हैं। जैसे, एक निश्चित समय पर खाना खाने की आदत बना लो , पूजा-पाठ का भी एक निश्चित समय है या किसी दिन ख़ास तरह से पूजा करो या फिर किसी खास फंक्शन में हिस्सा जरूर बनो चाहे आपका मन हो या नहीं। इस तरह की बातें नए जोड़े के लिए तनाव से भरी हो सकती हैं।
घर के काम , पत्नी का ख्याल

कई रिश्तेदारों का यह मानना होता है कि शादी के बाद दुल्हन को हर तरह की घरेलू जिम्मेदारियों का ख्याल अच्छे से रखना चाहिए, ये एक आम समस्या है। कभी-कभी यह दबाव दुल्हन पर बहुत अधिक पड़ता है, जिससे उसकी मानसिक स्थिति पर असर पड़ता है। यही स्थिति दूल्हे के लिए भी हो सकती है, क्योंकि रिश्तेदारों की उम्मीदें होती हैं कि वह अपनी पत्नी का पूरी तरह से ख्याल रखें। इससे नए जोड़े का मानसिक शांति भंग होती है और वे अपनी निजी ज़िंदगी में कोई भी बदलाव करने के लिए खुद को असमर्थ पाते हैं।
नकारात्मक व्यवहार
रिश्तेदारों की नए जोड़े की किसी से तुलना करना भी एक बड़ी समस्या होती है। “हमारे घर की शादी में तो बहुत लोग आते हैं , पर तुम्हारी शादी में क्यों नहीं?” या “तुम्हारे रिश्ते में उतना प्यार नहीं है जितना हमने अपने या किसी और के रिश्ते में देखा था,” इस तरह की बातें दूल्हा-दुल्हन को मानसिक रूप से परेशान करती हैं।
कुछ अपने लिए

नए शादीशुदा जोड़े को शादी के बाद कुछ वक्त एक-दूसरे के साथ अकेले बिताने की बहुत जरूरत होती है। ये ख़ास समय उनके रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए बहुत मायने रखता है। रिश्तेदारों का ज्यादा दखल देना नए जोड़े के इस समय को ख़राब कर सकता है। नए जीवन की शुरुआत में थोड़ी आजादी और कुछ निजी समय जरूर मिलना चाहिए।
