Solah Shringar(
Solah Shringar(

हर महिला को खूबसूरत दिखने का हक है। हमारी हिंदू परम्परा में सुहागिन महिला का सोलह श्रृंगार करना सबसे महत्वपूर्ण माना गया है। एक सुहागिन का श्रृंगार तभी पूरा होता है जब वो पूरा सोलह हो। पुराणों में सोलह श्रृंगार का बहुत महत्व माना गया है, जिसका हर एक चीज का अपना प्रतीक है। सोलह श्रृंगार ना सिर्फ सुंदरता और दिव्यता को बया करता है बल्कि कई मान्यताओं को भी दर्शाते हैं जिसके बारे में अमूमन सभी को पता होगा लेकिन इनसे जुड़े वैज्ञानिक महत्व के बारे में शायद ही आपको पता है। तो आज इस लेख के जरिये आपको हम बताएंगे इससे जुड़ी ख़ास बातें।

shaadi ka jodha
shaadi ka jodha

शादी का जोड़ा

1. शादी का जोड़ा– शादी का जोड़ा हर महिला के लिए महत्व रखता है। पारम्परिक परिधान होने के नाते ये साड़ी, सूट, लहंगा कुछ भी हो सकता है। इससे जुड़े वैज्ञानिक महत्व की बात करें तो इसमें कोई भी कारण नहीं है। लाल रंग शुभ माना जाता है। जिससे पहनने वाले का चेहरा खिल जाता है।

2.

gajra
gajra

गजरा- बालों के श्रृंगार के लिए दुल्हनों के बालों में गजरे को सजाया जाता है। इससे जुड़ा कोई खास वैज्ञानिक महत्व तो नहीं है लेकिन चमेली के फूल के बने गजरे लंबे समय तक अपनी खुशबू बरकरार रखता है।

3.

maang tika
maang tika

मांग टीका– मांग के बीचो बीच माथे पर मांग टिके को लगाया जाता है। जो आप ख़ास तौर पर सोने का या किसी एनी धातु का बनाकर पहन सकती हैं। इससे जुड़ा वैज्ञानिक महत्व ये है कि मांग टीका हमारे शरीर की गर्मी को नियंत्रित करता है। 

4.

sindur
sindur

 सिंदूर– 16 श्रृंगार महिलाओं की मांग में सिंदूर भरकर ही पूरा माना जाता है। महिलाओं द्वारा सिंदूर लगाने की परंपरा को बेहद शुभ माना जाता है और सदियों से इसे निभाया जा रहा है। इसे जुड़े वैज्ञानिक महत्व की बात करें तो सिंदूर से हेल्थ अच्छी रहती है। और शरीर का तापमान ठंडा रखता है।

5. बिंदी

bindi
bindi

– भौंहों के बीच माथे पर लगाई गयी बिंदी महिला के पूरे रूप को उभार देती है। इसे जुड़ा वैज्ञानिक महत्व ये है कि जिस जगह पर बिंदी लगाई जाती है। उस जगह पर  तंत्रिका बिंदु होता है। यह फोकस को बेहतर बनाता है और ऊर्जा का उत्सर्जन करता है। इससे मानसिक संतुलन को बनाए रखने में मदद मिलती है।

6.

kajal
kajal

 काजल- काजल का इस्तेमाल से आंखों के आकार और आकार को बढ़ाने के लिए किया जाता है। इससे जुड़े वैज्ञानिक महत्व की बात करें तो काजल आंखों को ठंडक पहुंचाता है। काजल हमारी आंखों को धूल के कणों से बचाता है। यह हमारी आंखों को सक्रिय और चमकदार बनाए रखता है। काजल लगाने से हम अपनी आंखों में लाल धब्बे कम कर सकते हैं।

7.

nath
nath

नथ– नाक में फनी जाने वाली नथ का सुहाग में विशेष स्थान है। बात अगर इससे जुड़े वैज्ञानिक महत्व की करें तो नाक को बायीं ओर छिदवाक्र उसमें नथ पहनती हैं तो, उनके मासिक धर्म और प्रसव पीड़ा कम झेलनी पड़ती है।

jhumke
jhumke

8. झुमके– कानों में पहने जाने वाले झुमके अपने आप में खूबसूरती और भी बढ़ जाती है। इससे जुड़े वैज्ञानिक महत्व की बात करें तो कानों के बाहरी हिस्से में एक्यूपंक्चर और एक्यूप्रेशर बिंदु होते हैं। कान में झुमके या बाली मासिक धर्म की समस्याओं को ठीक करने में मदद कर सकते हैं। इसका एक्यूप्रेशर प्रभाव भी है जो किडनी और ब्लैडर को स्वस्थ रखता है।

9.

neckless
neckless

हार– हार या मंगलसूत्र काले मोतियों का बना होता है। जैसा कि शादी का प्रतीक है।एक दुल्हन इसे शादी के बाद पहनती है। इससे जुदा वैज्ञानिक महत्व ये है कि मंगलसूत्र जैसे हार ब्लडप्रेशर के स्तर को नियंत्रित करने और रक्त परिसंचरण को नियमित करने में मदद करता है।

10.

bajuband
bajuband

बाजूबंद- बाजूबंद को दुल्हन द्वारा बांह के ऊपरी हिस्से में पहना जाता है। इससे जुड़े वैज्ञानिक महत्व की बात करें तो बाजूबंद आपकी बाहों में रक्त परिसंचरण को नियंत्रित करता है और सही मात्रा में प्रतिरोधक क्षमता बनाता है, जिससे आपकी बांह को आराम मिलता है।

11.

chudhiya
chudhiya

चूड़ियां– चूड़ियों को सोलह श्रृंगार में विशेष महत्व दिया गया है। चूड़ियां सौभाग्य और समृद्धि का संकेत देती हैं। इससे जुड़ा वैज्ञानिक महत्व ये है कि चूड़ियों की आवाज अनुग्रह को बढ़ाती है। जबकि आयुर्वेद के अनुसार चूड़ियां हाथ की हड्डियों को मजबूत करती है।

12. अंगूठी– अंगूठी ना सिर्फ दुल्हन का लुक पूरा करती है बल्कि ये एक विवाहित जोड़ा प्रतीकात्मक रूप से एक दूसरे के लिए अपने प्रेम को दर्शाता भी है। इससे जुड़े वैज्ञानिक महत्व की बात करें तो अंगूठी को अंगूठे से चौथी उंगली पर बाएं हाथ में पहना जाता है। इस उंगली से गुजरने वाली नसें मस्तिष्क की गतिविधि को उत्तेजित करती हैं।

ring
ring

13. मेहंदी- आमतौर पर शादी के दौरान दूल्हा और दुल्हन दोनों के हाथों और पैरों पर मेहंदी लगाई जाती है। जिसका रंग एक दूसरे के प्रति प्रेम को दर्शाता है। इससे जुड़े वैज्ञानिक महत्व की बात करें तो महेंदी में कई औषधीय गुण होते हैं। इससे शरीर को थैंक मिलती है। यह शरीर के घावों में मदद करती है।

14.

kamarband
kamarband

कमरबंद– महिलाएं अपनी कमर में कमरबंद पहनती हैं। इससे जुड़े वैज्ञानिक महत्व की बात करें तो इससे मासिक धर्म को नियमित करने में मदद मिलती है। और दर्द से भी राहत मिलती है।

15.

payal
payal

पायल– महिलाओं के पैरों में खूबसूरती बढ़ाने वाली पायल सोलह श्रृंगार में गिनी जाती है। चांदी की पायल पहनना सबसे शुभ होता है। इससे जुड़े वैज्ञानिक महत्व की बात करें तो पायल पहनने से पैरों में दर्द, मरोड़, कमजोरी, सूजन कम होता है। इसके अलावा मासिक धर्म, बांझपन, हार्मोनल असंतुलन और प्रसूति की असामान्य स्थितियों को ठीक करने में मदद मिलती है।

16.

bechiya
bechiya

 बिछिया– पैर की अंगुली में महिलाएं अपने सुहाग के नाम की बिछिया पहनती हैं। इससे जुड़ा वैज्ञानिक महत्व ये है कि इससे जिस ऊँगली में इसे पहनते हैं उससे जुडी नसों के जरिये ब्लड सर्क्युलेशन सही रहता है। और गर्भपात की संभावना कम हो जाती है। 

भारतीय मान्यताओं के मुताबिक सोलह श्रृंगार का खास महत्व है। अगर वैज्ञानिक तौर पर देखा जाए तो हर प्रतीक कुछ खास फायदा भी पहुंचाता है। जिससे हेल्थ सही रहती है।

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