छुट्टियों की कल्पना करते ही ख्वाब पलकों में तैरने लगते हैं। यदि आप भारत भ्रमण सर्दियों में करना चाहें तो थीम टूरिज्म या पैकेज टूरिज्म से बेहतर और कुछ नहीं। घूमने जाने का प्रोग्राम यदि आप दोस्तों, रिश्तेदारों के साथ निकट सम्बन्धियों के साथ मनाएं तो आप बोर नहीं होंगे, विविधता रहेगी और भोजन की आवश्यकताएं भी पूरी हो जाएगी। तो तैयारी कीजिए इन सर्दियों में थीम टूरिज्म की –

बीच डेस्टिनेशन
गहरे नीले समुद्र की अठखेलियां और खुला आकाश यदि आपकी पसंद है तो सैर कीजिए अंडमान निकोबार, लक्षद्वीप या दमन दीव की।

अंडमान निकोबार द्वीप समूह
अंडमान निकोबार द्वीप समूह टूरिज्म के लिए विख्यात है। प्रकृति के साये में रहकर यदि आप रोमांस के साथ समुद्री जंतुओं के क्रिया-कलाप देखना चाहे तो अंडमान निकोबार बेहतरीन है।

क्या देखें
किंक द्वीप, हैवलौक द्वीप, रॉस द्वीप, वाइपर द्वीप और रेड स्किन द्वीप। अंडमान के प्रसिद्व बीच हैं- राधानगर बीच, हरमिन्दर बे बीच, रामनगर बीच, सेल्युलर जेल बाराबाग, बैरन आइलैण्ड माउण्टहेरियट, हैवलौक आइलैण्ड। समुद्र के तट पर घूमें या वाटर स्पॉट का मजा लें। समुद्री जीवों को निहारें अथवा सनसेट देखें, वाइल्ड लाइफ टूरिज्म भी कर सकते हैं।

कैसे जाएं
बोट से या एयर से। चेन्नई कोलकत्ता और विशाखापट्टनम से रेग्यूलर पैसेन्जर शिप सर्विस भी है।

लक्षद्वीप द्वीप समूह
केरल के तट से करीब 200-300 किलोमीटर दूर अरब सागर में स्थित 36 छोटे-छोटे द्वीप। केरल रीफ से आच्छादित स्वच्छ गहरे नीले पानी, बड़े लम्बे नारियल के पेड़ों से लदे इन द्वीपों में से सिर्फ कुछ पर ही बसावट है।

क्या देखें
बंगारम और कदमट द्वीप, अगाटी द्वीप। ड्राइविंग के शौकीनों का तो यह स्वर्ग है। आप लक्षद्वीप क्रूज़ भी ले सकते हैं। इसके अलावा स्पीड बोटिंग, सेलिंग, केनोइंग कयाकिंग और येचिंग वहां के प्रमुख एडवेंचर हैं। स्कूबा डाइविंग भी है। जून से अक्टूबर यानी यहां के मानसून में न जाएं क्योंकि इन महीनों में समुद्र अशांत रहता है।

कैसे जाएं
शिप एवं पैसेंजर प्लेन से जा सकते हैं। अगाती और बगारम द्वीप वायु सर्विस से कनैक्टेड है।

 

 

 दमन और दीव

अरब सागर के तट पर बसे दमन और दीव पर्यटकों के लिए आकर्षण हैं। पुरातन और वर्तमान परंपराओं का बेजोड़ मिश्रण यह क्षेत्र अपने ऐतिहासिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है।

क्या देखें
दीव में बुदेर चौक, फोर्ट पनीकोटा, सेंट पॉल चर्च, आईएनएस खुकरी। नागोआ बीच, जालंधर बीच, घोगला बीच। दमन में पुरातन फोर्ट लाईट हाउस उद्यान, गोयिक कलाकृतियां, नानी दमन फोर्ट चर्च जमपोर बीच। रोकिग टॉवर। लोक कथाओं के से माहौल में शान्ति से कुछ दिन जीवनयापन करना चाहें तो दमन दीव से अच्छा कुछ भी नहीं।

कैसे जाएं
रेल रोड या एयर तीनों से आप दमन दीव पहुंच सकते हैं। वापी नजदीकी रेलवे स्टेशन है। रोड से आप नेशनल हाइवे द्वारा कनैक्ट हो सकते हैं। मुम्बई एयरपोर्ट से फ्लाइट भी ले सकते हैं। 

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बैकवाटर डेस्टिनेशन- केरल

यदि आप बैकवाटर डेस्टिनेशन यदि आपकी पसंद हैं तो गॉड्स ओन कंट्री केरल से बेहतर कुछ भी नहीं। 44 नदियों की नेटवकिंग से घिरा, खूबसूरत मौसम, हरे-भरे हिल स्टेशनों, सुरम्य वन्य सम्पदा वन्य जीवों और झरनों से आच्छादित यह राज्य परीलोक सा है।

क्या देखें
सेंट फ्रांसिस चर्च, राजामलाई, नीलगिरी, थार, पेरियार वाइल्ड लाइफ सैक्चुरी, कोवलम बीच, श्री पद्मनाभ स्वामी मंदिर, पुथन मलिगा पैलेस, नेपीयर म्यूजियम। पेरियर लेक में बोटक्रूज वायानाद अगस्त इडूकी में कैनोइंग, पैरा ग्लाइडिंग, कायाकिंग, ट्रेकिंग या स्पा की सुविधा लेकर आप अपने माइंड और बॉडी को रिफ्रैश कर सकते हैं। हाउस बोट में रहने का अनुभव भी प्राप्त कर सकते हैं।

कैसे जाएं
केरल आप हवाई यात्रा, रेल व सड़क मार्ग से जा सकते हैं। कोच्चि और त्रिवेन्द्रम में 2 अन्तरिक्ष हवाई अड्डे हैं और कोझीकोड में एक डोमेस्टिक एयरपोर्ट है। सड़क मार्ग से नेशनल हाइवे 47, 17 और 49 से केरल कनैक्टेड है।

हिल डेस्टिनेशन
अगर आपको पहाड़ों की ऊंचाई व ठंडक पसंद है तो हिल स्टेशन पर जाइए। कश्मीर, कुल्लू मनाली, शिमला के अलावा कई हिल स्टेशन हैं, जो आपकी यात्रा को ताजगी से भर देंगे।

कूर्ग
कूर्ग में बिताया हर पल आपको अविस्मरणीय यादों से भर देगा। कर्नाटक में बैंगलोर से करीब 252 किलोमीटर दूर कुर्ग को भारत का स्कॉटलैण्ड कहते हैं। अक्टूबर से फरवरी के बीच यहां जाना उपयुक्त रहता है।

क्या देखें
तालकावेरी कावेरी नदी का उद्गम स्थल है। यहां ब्रहा मंदिर, ब्रहा  मंदिर, विसर्गधाम पिकनिक स्पॉट  स्थित है। विसर्गधाम पिकनिक स्पॉट, इरूप्पु फाल्स, ऐबे फाल्स, हुबारे हाथी कैम्प, दरगाह शरीफ, मागमण्डला, मण्डलापट्टी, मलाली फाल्स, ओंकारेश्वर मंदिर है। यहां इलरफेंट कैम्प में रहें। साइट सीइंग, ट्रेकिंग करें, कॉफी खेतों में घूमें।

कैसे जाएं
सड़क मार्ग से मैंगलोर, बैंगलोर, मैसूर से जा सकते हैं। नजदीकी रेलवे स्टेशन केरल और मैंगलौर के थाला सेरी और कन्नूर हैं। मैसूर और मैंगलौर हवाई अड्डे सबसे निकट हैं। पानम्बूर में न्यू मैंगलौर पोर्ट है।

ऊटी
नीले पहाडों के बीच दूर तक खड़े ऊटी के पाइन ट्रीज आपको रोमांच से भर देंगे।

क्या देखें
ऊटी के बोटेनिकल गार्डन प्रसिद्ध है। यहां के ताल भी मनभावन है। अपर भवानी लेक, प्यकारा लेक, एमेरल्ड लेक, प्यकारा फॉल्स, डोडबेट्टा पीक, सैंक्चूरी ऐवेलांच, रोज़ गार्डन, ऊटी लेक, नोडल रोक व्यू पॉइन्ट, थ्रेड गार्डन, मुकूर्ती पीक, होली ट्रीनिटि चर्च नयनाभिराम है। नीलगिरी माउन्टेन रेलवे जो ऊटी की टॉय ट्रेन है और हैरिटेज ट्रेन भी है। इसमें बैठ कर प्राकृतिक सौन्दर्य का लुत्फ लें। शूटिंग प्वाइन्ट पर हॉर्स राइडिंग कीजिए। ऊटी और कुन्नूर के बीच की केट्टी वेली व्यू घाटी अक्टूबर से फरवरी मार्च तक कोहरे से ढ़की होती है। हाथ से बने छोटे फूलों के थ्रेड गार्डन को निहारिये जो असली जैसे ही लगते है। इसके अलावा ट्रेकिंग, हाईकिंग, बोटिंग, बर्ड वाचिंग, फिशिंग इत्यादि भी कर सकते हैं।

कैसे जाएं
ऊटी से लगभग 88 किलोमीटर दूर कोयम्बटूर हवाई अड्डा है। 295 किलोमीटर दूर बैंगलोर से भी फ्लाईट ली जा सकती है। हवाई अड्डे से बस या टैक्सी ऊटी के लिए कर सकते हैं। ऊटी के लिए सरकारी और लग्जरी बसे उपलब्ध हैं जो बैंगलोर, मैसूर और चेन्नई से चलती है। केलीकट से एक विशेष सरकारी बस उपलब्ध है जो कुछ घंटों में ऊटी पहुंचा देती है। मेटूपालयम ऊटी का निकटतम रेलवे स्टेशन है जो यहां से 40 किलोमीटर दूर है। यहां चेन्नई, कोयम्बटूर, मैसूर, बैंगलोर से रेल आती है। 

 

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