Tips for Child’s Better Sleep : अक्सर कच्ची नींद में उठ जाने की वजह से हम काफी चिढ़चिढ़े और इरिटेटेड हो जाते हैं। नींद बीच में खुलने के बाद अक्सर हमारा बर्ताव बदल जाता है और हम गुस्सैल भी हो जाते हैं। यहां तक कि बीच में ही नींद टूट जाए तो हमारे सिर में भी दर्द होने लगता है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हमारी बॉडी की एक अहम नीड्स में नींद भी शुमार है।
दरअसल नींद शरीर की थकान को मिटाने का वो जरिया है, जिसकी कमी से किसी का भी दिन बर्बाद हो सकता है। क्या आपने सोचा है, कभी दो तीन रात बिना सोए लगातार आपको काम करना पड़े, तो आपका क्या हाल होगा? अगर आप लंबे समय तक बिना नींद पूरी करे, काम करते रहेंगे, तो एक समय के बाद आपकी बॉडी पूरी तरह से एक्जास्ट हो जाएगी।
थकान और सिर दर्द के कारण आप आगे कुछ भी करने की स्थिति में नहीं बचेंगे और सिर्फ इतना नहीं, शायद इसके बाद आपको मेडिकल एसिस्टेंस की भी जरूरत पड़े। ये कंडीशन आपकी बॉडी के लिए आपकी नींद की जरूरत को सिद्ध करने के लिए काफी है। ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं, कि न्यू बॉर्न बेबीज़ के लिये उनकी नींद पूरी होना कितना जरूरी है। इस आर्टिकल में आप विस्तार से इस टॉपिक के बारे में जान सकेंगी।
कितनी नींद है बच्चों के लिए जरूरी

- अगर हम शोधों पर ध्यान दें तो अलग अलग उम्र के शिशुओं के लिए अलग अलग स्लीपिंग पैटर्न जरूरी होते हैं। आइए डिटेल में जानते हैं कि किस उम्र के बच्चे के लिए कितनी नींद है जरूरी।
अगर आपका बच्चा तीन महीने से कम उम्र का है, तो उसके लिए कम से कम 11 और ज्यादा से ज़्यादा 19 घंटे सोना आवश्यक है। वैसे तो कहा जाता है, कि तीन महीने तक के बच्चों को लगभग 17 घंटे की नींद पूरी करनी चाहिए। हालांकि इस उम्र वर्ग के बच्चे एक साथ केवल चार घंटो तक के लिए ही सो पाते हैं। - तीन से ग्यारह महीने की उम्र के बच्चों के लिए कम से कम 12 से 15 घंटे तक की नींद जरूरी है। इस उम्र के बच्चे लगातार पूरी रात सो सकते हैं, हालांकि रात में एक दो बार भूख लगने पर उठना स्वाभाविक है।
- एक साल से दो साल तक की उम्र के बच्चों का स्लीपिंग पैटर्न घट जाता है। बता दें ऐसे बच्चे लगभग 11 से 14 घंटे तक सोते हैं। जिसमे 2 से 4 घंटे की एक झपकी वे दिन में ही ले लेते हैं।
यह भी पढ़ें | पुरानी चूड़ियों से कीजिए होम डेकोर, 5 अमेजिंग आइडियाज़
ये हैं नींद के फायदे

एक्सपर्ट्स बताते हैं कि अगर बच्चे ठीक ढंग से अपनी नींद पूरी करते हैं तो इससे उनके विकास और बढ़त में काफी आसानी होती है। अच्छी और गहरी नींद से बच्चों के शरीर में एक हार्मोन पैदा होता है जो बच्चे के प्राकृतिक विकास को बढ़ावा देकर बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को सुदृढ़ करता है। अगर आपका बच्चा पूरी नींद लेता है तो उसकी सीखने की क्षमता बढ़ जाती है, साथ ही उसमे समस्या हल करने का कौशल भी विकसित होता है। बता दें अच्छी नींद से बच्चों में एकाग्रता, निर्णय लेने की क्षमता और रचनात्मकता भी बढ़ती है। अगर आपका बच्चा अपनी नींद पूरी नहीं करेगा तो उसका स्वभाव चिड़चिड़ा बना रहेगा।
बच्चों को ऐसे सुलाएं

अगर आपका बच्चा सो नहीं रहा है, तो ये आपकी जिम्मेदारी है, कि आप किसी भी तरह उसको सुला दें। इसके लिये आप अपने नन्हे बच्चे को लोरी गाकर सुला सकती हैं। अक्सर लोरी सुनकर बच्चों को जल्दी नींद आ जाती है। साथ ही हल्की थपकी और सिर पर हाथ फेरने से भी बच्चों के लिए सोना आसान हो जाता है। आपके बच्चे के लिए ढंग से नींद पूरी करना जरूरी है। इसके लिये आपको अपने बच्चे को सही समय से सुलाना और जगाना होगा।
