Positive Parenting Advice
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बेटियों के आत्मविश्वास को बढ़ाने में माता-पिता कि भूमिका हो कुछ ख़ास

हमेशा ही बेटियों को यह महसूस कराना जाना चाहिए कि वे किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूरी तरह से सक्षम हैं

Positive Parenting Advice: हर बच्चे और माता-पिता के बीच एक गहरा रिश्ता होता है। खासतौर से बेटियों के साथ माता-पिता का संबंध बहुत ही संवेदनशील माना जाता है, क्योंकि समाज में बेटियों के जन्म से ही उन्हें लेकर ना जाने कितने ही तरह की उम्मीदें लगा ली जातीं हैं। इसलिए माता-पिता का सबसे बड़ा कर्तव्य अपनी बेटियों को सशक्त बनाने और उनके आत्म-सम्मान को मजबूत करने का होता है। हमेशा ही बेटियों को यह महसूस कराना जाना चाहिए कि वे किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूरी तरह से सक्षम हैं और उन्हें समाज के बेवजह के दबाव से मुक्त रहना चाहिए। हमेशा अपनी बेटियों को प्रेरित और प्रोत्साहित करते रहें,  ताकि वो अपनी क्षमता पर यकीन बनाएं रखें और उसका भरपूर उपयोग कर सकें, इस तरह आपकी बेटियां जल्द ही अपने सपनों की मंजिल तक पहुंच पाएंगी।

बेटियों को हर तरह के भेदभाव और नकारात्मक सोच से लड़ने की ताकत सिर्फ माता-पिता का प्यार ही दे सकता है।

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Pamper your little bundle of joy

इस तरह की बात एक बेटी के आत्मविश्वास को पूरी तरह से खत्म कर देती है। इस तरह की बातें कहने से बेहतर है, माता-पिता अपनी बेटियों को उनके जीवन के अलग-अलग पहलुओं को अपनाने के लिए प्रेरित करें। उन्हें यह एहसास दिलातें रहें कि उनका करियर, इच्छाएं और उनके सपने भी मायने रखतें हैं।

Stay connected
Stay connected with your girl

ऐसे तीखे शब्द किसी भी बेटी के आत्म-सम्मान को चोट पहुंचा सकता है। इस तरह की बातें उन्हें यह संदेश देती हैं कि लड़कियां लड़कों से हर मायने में कम ही हैं। बेटियां और बेटे समान रूप से सक्षम हैं, और उनके पास भी लड़कों जितनी ही ताकत, बुद्धिमत्ता और क्षमता है।

जिन घरों में महिलाओं को घर की सारी जिम्मेदारियों में बांधकर रख दिया जाता है। उन्हीं घरों के लोग इस तरह की गलत सोच अपने मन में बैठा लेते हैं। इस तरह की सोच बेटियों के सपनों और उनके करियर के रास्ते को पूरी तरह से ख़राब कर देती है। हर बेटी को शिक्षा और करियर के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, ताकि वो अपनी पसंद के क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकें।

Comparison
Comparison is useless

बहनों के बीच तुलना करना बेटियों को मानसिक रूप से दबाव में ले आता है। हर बच्चे की अपनी खूबी  और योग्यता होती है। बाकी भाई-बहनों से तुलना करने पर आपकी बेटी में असुरक्षा की भावन आ जाती है।  

ये वाक्य निराशाजनक सोच को बढ़ावा देता है। इस तरह के अपमानजनक शब्द बेटी को उसकी क्षमता पर संदेह करने के लिए मजबूर करतें हैं। ऐसी सोच बेटी के आत्मविश्वास को पूरी तरह से खत्म कर देती  है।

अगर आप अपने बच्चों से बहुत ज्यादा उम्मीदें रखते हैं, तो ऐसे में बच्चे के ऊपर काफी मानसिक दबाव होता हैं। अपनी बेटियों को एहसास दिलाएं कि हर स्तिथि का सामना धैर्य और सूझबूझ के साथ करें, गलती करना गलत नही है, बस अपनी गलतियों पर काम करें ताकि आगे कोई परेशानी ना आए।

feel special
Make them feel special

बेटियों से कभी ये न कहें कि उन्हें अपनी भावनाओं को दबा कर खुश रहना सीख लेना चाहिए, माता-पिता के ऐसा कहने पर बेटियों के मानसिक स्वास्थ को गंभीर नुक़सान होता है। बल्कि बच्चियों को सिखाएं कैसे उन्हें अपनी भावनाओं को सही तरीके से व्यक्त करना जरूर आना चाहिए।

उत्तराखंड से ताल्लुक रखने वाली तरूणा ने 2020 में यूट्यूब चैनल के ज़रिए अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद इंडिया टीवी के लिए आर्टिकल्स लिखे और नीलेश मिश्रा की वेबसाइट पर कहानियाँ प्रकाशित हुईं। वर्तमान में देश की अग्रणी महिला पत्रिका...