किसी-किसी के मत में सामने की छींक प्राण-घातक होती है। धन नाश, लड़ाई-झगड़े, आत्मसम्मान पर चोट, निंदा आदि की प्राप्ति भी संभव है। दायीं ओर की छींक भी शुभ नहीं होती, किंतु बायीं ओर की छींक शुभ समझी जाती है। उसका अर्द्ध शुभ फल होना चाहिए। यदि पीठ पीछे छींक हुई हो तो शुभ होती है। इसके फलस्वरूप धन, सुयश आदि की प्राप्ति हो सकती है। राज-सम्मान की संभावना बढ़ जाती है।
एक साथ अनेक छींक
- यदि एक साथ अनेक छींक हों, तो उनका कोई फल नहीं होता। चाहे मनुष्य एक बार छींके अथवा या कई बार।
- यदि पहले कोई अन्य अशुभ शकुन हुआ हो और बाद में पीठ पीछे की छींक हुई हो तो शुभ समझी जाती है और अशुभ शकुन का फल समाप्त हो जाता है।
- यदि पहले शुभ शकुन हुआ हो और उसके पश्चात सामने की या दायीं ओर की छींक हो तो उस शुभ शकुन का कोई लाभ नहीं होता, वरन छींक का अशुभ फल अपना प्रभाव व्यक्त करने में प्रबल होता है।
- छींक और जुकाम
- यदि किसी को जुकाम हो रहा हो और वह सामने से या दायीं ओर से छींक दे तो इसका कोई फल नहीं होता।
- यदि भय के कारण या हंसी-मजाक में कोई छींके तो वह भी व्यर्थ है और शकुन के अंतर्गत नहीं आता। यदि कोई वृद्ध पुरुष अथवा बालक छींक दे तो निष्फल होता है।
- यदि खोई हुई वस्तु खोजने के लिए निकलते समय छींक हो तो उसका अर्थ खोजी जाने वाली वस्तु का न मिलना ही समझा जाता है। यदि कोई वस्तु खरीदते समय छींक हो, तो उस वस्तु के व्यापार में अधिक लाभ हो सकता है। यदि नवीन वस्त्र धारण के समय सहसा छींक आ जाए तो वह अशुभ नहीं मानी जाती।
- यदि व्यापार आरंभ करने पर छींक हो, तो व्यापार में प्रचुर लाभ होने का शकुन है।
- किसी भी कार्य के लिए गमन करते समय छींक होने पर कार्य के बिगड़ने की आशंका रहती है।
वारानुसार छींक विचार
- रविवार के दिन अग्निकोण में जाते समय छींक हो तो कार्य में देर से सिद्धि, वायव्य कोण में जाते समय छींक हो तो सज्जन से भेंट, नैऋत्य कोण में जाते समय छींक हो तो मृत्यु भय का कारण और ईशान कोण में हो तो शुभ होती है।
- यदि सोमवार के दिन पूर्व दिशा में जाते समय छींक हो तो शुभ, पश्चिम में जाते समय हो तो लाभप्रद, उत्तर में हो तो सज्जन से भेंट कराने वाली और दक्षिण में हो तो घातक होती है।
- यदि मंगलवार के दिन पूर्व दिशा में जाते समय छींक हो तो शुभ, पश्चिम दिशा में घातक तथा दक्षिण दिशा में और उत्तर दिशा में फल वाली होती है।
- यदि बुधवार के दिन जाते समय छींक हो तो पूर्व दिशा में हानिकारक, पश्चिम में कलहप्रद, उत्तर में सज्जन से भेंट कराने वाली, किंतु दक्षिण में शुभ होती है।
- यदि गुरुवार को जाते समय छींक हो, तो पूर्व दिशा में शत्रु को मारने वाली होती है। पश्चिम में जातक के लिए अशुभ, उत्तर में धन क्षय का कारण तथा दक्षिण दिशा में कार्य की सिद्धि में विलंब करने वाली समझी जाती है।
- यदि शुक्रवार के दिन किसी कार्य से जाते समय छींक हो, तो पूर्व दिशा में शुभ तथा लाभ देने वाली होगी। पश्चिम में लाभकारी, कितु उत्तर दिशा में धन को नाश करने वाली हो सकती है। दक्षिण दिशा में जाते समय हो तो शुभ समझनी चाहिए।
- यदि शुक्रवार को अग्निकोण में जाते समय छींक हो, तो लाभकारी होगी। वायव्य कोण में क्षतिप्रद समझी जाएगी। नेत्रात्य कोण में अर्थदायक, किंतु ईशान कोण में हानिकारक हो सकती है।
- यदि शनिवार के दिन घर से बाहर जाते समय या कार्यारम्भ के समय छीक हो तो पूर्व दिशा में धन नष्ट करने वाली, पश्चिम में हानिकारक तथा उत्तर की ओर दक्षिण में शुभ होगी।
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