Summary:तुलसी की कंठी माला धारण करने की विधि
कंठी माला धारण करते समय “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें। इससे माला की पवित्रता और प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।
Tulsi Kanthi Mala Rules: हिन्दू धर्म में तुलसी को काफी पूजनीय माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि तुलसी माँ लक्ष्मी का स्वरुप है, इसी वजह से तुलसी भगवान विष्णु को भी अति प्रिय है। धार्मिक दृष्टिकोण से तुलसी की लकड़ी से बनी कंठी माला को धारण करना बेहद शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि तुलसी की कंठी माला पहनने से मनुष्य को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है, साथ ही जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। आइए जानते हैं तुलसी की कंठी माला पहनने के नियम के बारे में।
क्या है तुलसी की कंठी माला का महत्व

- तुलसी की कंठी माला भक्त और भगवान के बीच पवित्र बंधन का प्रतीक होता है।
- कंठी माला पहनने से मनुष्य का झुकाव भक्ति, सत्य और धर्म की तरफ बढ़ने लगता है।
- यह माला बुरी शक्तियों और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा प्रदान करती है।
क्या हैं तुलसी की कंठी माला पहनने के नियम
शुद्धता का विशेष ध्यान रखना
तुलसी की कंठी माला धारण करने से पहले व्यक्ति को स्नान करके शरीर को शुद्ध करना चाहिए। इसके बाद साफ वस्त्र पहनकर इसे साफ और पवित्र मन से धारण करना चाहिए।
मंत्रोच्चारण के साथ करें धारण
तुलसी की कंठी माला को धारण करते समय भगवान विष्णु या कृष्ण के नाम का जाप करते हुए “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करना काफी शुभ माना जाता है।
हमेशा गले में पहनें रखना

तुलसी की कंठी माला को धारण करने का एक नियम है कि इसे हमेशा गले में ही धारण करें। इसे कभी भी अपने हाथ या बाजु पर धारण ना करें।
अपवित्र स्थान पर न पहनें तुलसी की कंठी माला
तुलसी की कंठी माला हमेशा ही शौच, स्नान, दाह संस्कार या किसी अपवित्र कार्य के दौरान इसे गले से उतार कर एक उचित स्थान पर रखना चाहिए। इसे कभी भी वैसे स्थान पर नहीं रखना चाहिए, जहाँ से इस पर पैर लगे या किसी भी तरह से यह अपवित्र हो जाए। तुलसी की माला शुद्ध होने के बाद ही धारण करना चाहिए।
दूसरों को कभी ना दें अपनी कंठी माला
अपनी तुलसी की कंठी माला कभी भी किसी और को नहीं देना चाहिए और ना ही कभी किसी और की कंठी माला पहनानी चाहिए।
कंठी माला टूट जाने पर करें उचित विधि
अगर कभी तुलसी की कंठी माला टूट जाए तो उसे कहीं भी ना फेंक दें, बल्कि उचित विधि से नदी, तालाब या किसी भी पवित्र स्थान पर जल में इसे प्रवाहित कर दें। कभी भी टूटी हुई कंठी माला का उपयोग न करें।
अभक्ष्य भोजन या पेय का सेवन ना करें
तुलसी की माला धारण करने के बाद कभी भी गलती से भी अभक्ष्य भोजन, जैसे मांस, शराब, लहसुन-प्याज आदि का सेवन ना करें। ऐसा करने से पाप लगता है।
तुलसी की कंठी माला पहनने के फायदे
- तुलसी की कंठी माला से मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है।
- इस माला से भक्ति और ध्यान में एकाग्रता बढ़ती है।
- यह माला रोगों बचाती है।
