क्या आपका बच्चा कभी स्कूल से या अपने काम से वापिस लौट कर आप को बिना कुछ बताए चुप चाप अपने कमरे में उदास हो कर बैठा है? क्या आपने कभी यह जानने की कोशिश की कि वह ऐसा क्यों करता है? हो सकता है वह बुलिंग का शिकार हो? लेकिन यह बुलिंग होती क्या है? यदि आप का बच्चा अपने दोस्तो के ग्रुप में उनकी अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरता है तो उसके दोस्त उसका मजाक उड़ाने लग जाते हैं जिसकी वजह से उसे बूरा लगता है और वह आप को यह सब बताना भी ठीक नहीं समझता। 

इसे ही बुलिंग या बेइज्जत करना कहते हैं। ऐसे समय में आप को अपने बच्चे को समझाना चाहिए कि वह किसी से भी कम नहीं है। आप को अपने बच्चे को यह महसूस करवाना है कि वह जो भी कर रहा है वह उसमें बहुत अच्छा है और उसे किसी की भी बात सुन कर खुद को उदास नहीं होने देना है।

कैसे पता करें 

यदि आप को पता करना है कि आप का बच्चा किस वजह से परेशान है तो उस में आप को बहुत से लक्षण देखने को मिलेंगे। यदि आपका बच्चा भी निम्नलिखित लक्षण दिखा रहा है तो हो सकता है वह बुलिंग का शिकार हो?

  • यदि वह खुद को नुकसान पहुंचाता है।

  • उसके दोस्त बहुत कम हैं।

  • आपका बच्चा स्कूल नहीं जाना चाहता।

  • उसका हर समय सिर या पेट में दर्द रहना।

  • पैसे चुराने की कोशिश करना।

  • स्कूल में पहले के मुकाबले कम प्रदर्शन करना। 

आप क्या कर सकते हैं? 

1.स्कूल में जाएं: आप स्कूल में जा कर अपने बच्चे के अध्यापक या प्रिंसिपल से बात कर सकते हैं। आप उनके साथ एक मीटिंग आयोजित करके उन्हें समझा सकते हैं कि बुलीइंग एक बहुत ही गंभीर मामला है। इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। बुलिंग से एक बच्चे के दिमाग पर कितना गहरा असर पड़ता है उसके बारे में सभी बच्चो को भी समझाना चाहिए ताकि वह किसी के साथ बुरा व्यवहार न करें।

2.बुलीइंग करने वाले बच्चे को न डांटे: यदि आप इस बच्चे को डांटते या मारते हैं जिस ने आपके बच्चे को परेशान किया है तो यह एक सॉल्यूशन नहीं है। इससे वह आपके बच्चे को और अधिक परेशान करना शुरू कर सकता है। आप उसे समझा सकते हैं यदि वह फिर भी नहीं मानता है तो आप अपने बच्चे का उस के साथ सेक्शन बदलवा सकते हैं ताकि वे दोनों दूर दूर रहें। आप उसके पैरेंट्स या स्कूल स्टाफ को भी इसके बारे में बता सकते हैं। 

3.स्कूल बदलवा दें: यदि उस स्कूल के स्टाफ से भी आपको किसी प्रकार की मदद नहीं मिलती है तो आप अपने बच्चे का स्कूल बदलवा सकती हैं और आप नए स्कूल के टीचर व प्रिंसिपल के अपने बच्चे के पिछले अनुभवों के बारे में बता सकते हैं ताकि उसे दोबारा से यह सब अनुभव न करना पड़े। यदि पहले ही सब कुछ बता देंगे तो आप के बच्चे पर स्कूल का स्टाफ भी पूरी तरह ध्यान रखेगा। 

4.अपने बच्चे से बात करते रहें: यदि आप चाहते हैं कि आप का बच्चा बिना किसी संकोच के आप को सब कुछ बता दे तो आप को अपने बच्चे का अच्छा दोस्त बनना होगा। आप उसे विश्वास दिलाएं की आप उसे किसी अनजाने में हुई गलती की वजह से नहीं दाटेंगे। इस तरह वह आप पर भरोसा करेगा और आप को अपनी हर तकलीफ के बारे में बता देगा। 

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