Breastfeeding Techniques
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बच्चे को किस तरह से दूध पिलाना है सबसे सेफ

अगर आप प्रेग्नेंट है या फिर अभी अभी एक नयी माँ बनी है तो आपके मन में ये सवाल जरुर होगा कि आखिर आप अपने बच्चें को किस तरह से दूध पिलाये जो सबसे सेफ होगा। बच्चें को दूध का पूरा प्रोटीन मिलें और उसे किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत न हों। ऐसे में आज हम आपको बताएँगे कि बच्चे को किस तरह से दूध पिलाना सबसे सेफ है।

Breastfeeding Techniques: बच्चे का जन्म होने के बाद बच्चे के लिए सबसे जरुरी होता है माँ का दूध। माँ का पहला दूध शिशु के लिए सबसे जरुरी माना जाता है। वहीं 6 महीने तक बच्चे को माँ का ही दूध पिलाने की सलाह दी जाती है। लेकिन काई बार किसी कारण की वजह से माँ का दूध नहीं होता है तो उसे बोतल का दूध दिया जाता है। अगर आप प्रेग्नेंट है या फिर अभी अभी एक नयी माँ बनी है तो आपके मन में ये सवाल जरुर होगा कि आखिर आप अपने बच्चें को किस तरह से दूध पिलाये जो सबसे सेफ होगा। बच्चें को दूध का पूरा प्रोटीन मिलें और उसे किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत न हों। ऐसे में आज हम आपको बताएँगे कि बच्चे को किस तरह से दूध पिलाना सबसे सेफ है।

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baby breastfeeding

एक नवजात बच्चे के लिए 8 से 12 बार दूध पिलाना जरुरी होता है। इस समय में बच्चों का शरीर रात में प्रोलैक्टिन, लैकटेशन हार्मोन ज्यादा बनाता है जिसकी वजह से उन्हें बार भोजन की जरूरत होती है और इसी लिए आपको रात में भी उठकर बच्चें को बार बार दूध पिलाने की जरूरत होती है।

बच्चे के जन्म के बाद बच्चे के मूहं को माँ के निप्पल के पास ले जाएँ। बच्चे की छाती को माँ के पेट से चिपकाएँ। बच्चा जब जीभ से निप्पल को दबाएँ और होठों को बंद करके सक करना शुरू कर दें। ऐसे में बाचे के सर पर हाथ फेरें। इस प्रक्रिया में माँ पीठ का सहारा लेकर ही बैठे।

best position for breastfeeding

स्तन से पीने वाले बच्चों को माँ को बार बार दोनों ही स्तनों से दूध पिलाना चाहिए। लेकिन यहां प्रश्न ये भी होगा कि बच्चे को कितनी देर दूध पिलाना चाहिए क्योंकि बच्चा बहुत छोटा होता है और बता सकता नहीं। तो इसके लिए डॉक्टर बताते है कि एक स्तन से दूध खत्म होने में 10 मिनट का समय लगता है और इस तरह दोनों स्तनों में से 20 मिनट में दूध खत्म हो जाता है। इसलिए स्तनों को बदल बदलकर दोनों ही स्तनों में से बच्चे को दूध पिलायें।

डॉक्टर के अनुसार बच्चे को दूध पिलाने के लिए बैठकर दूध पिलाने की पोजीशन सबसे सेफ मानी जाती है क्योंकि इस तरह की पोजीशन से दूध पूरी तरह से स्तन से निकल पाता है और बच्चा पेट भर के दूध पी पाता है। वहीं अगर आप लेटकर दूध पिलाती है तो बच्चे के कान में दूध जाने का डर रहता है। इसलिए कोशिश करें कि बच्चे को बैठकर ही दूध पिलायें।

Breast feeding

बच्चे को ब्रेस्ट फीड कराने के बाद बच्चे को पेट की समस्या न हो या फिर दूध वापस मूहं से न निकले इसके लिए बच्चे को कंधे पर रखकर उसके पीठ पर थोड़ी देर थपथपी करें जिससे दूध पेट तक पहुँच जाए और बच्चा दूध अच्छे से डाइजेस्ट कर पायें उसे गैस की दिक्कत न हों।

ब्रेस्ट फीड कराने वाली महिलाओं को पौष्टिक खाने का ही सेवन करना चाहिए वहीं उन्हें बाहर के जंक फ़ूड से दूरी बना लेनी चाहिए। ब्रेस्ट फीड कराने वाली महिलाओं को एक दिन में 5 सौ कैलोरी के साथ आयरन, फाइबर, प्रोटीन, मिनरल्स और कैल्शियम की जरूरत होती है इसलिए अच्छा सेहतमंद भोजन एक माँ के लिए बहुत जरूरी होता है। इसके साथ ही माँ को एक अच्छी और पूरी नींद की भी जरूरत होती है। नींद न पूरी होने पर माँ को कई तरह की परेशानी हो सकती है जिसका असर बच्चें पर भी पड़ता है।   

गायत्री वर्मा को मीडिया क्षेत्र में 7 वर्षों का अनुभव है। वे पिछले तीन वर्षों से गृहलक्ष्मी के साथ बतौर डिजिटल कंटेंट राइटर फ्रीलांस रूप में जुड़ी हुई हैं। विभिन्न विषयों पर प्रभावशाली लेखन की दक्षता रखने वाली गायत्री, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स...