जैसे कि अब ऑनलाइन क्लासेस शुरू हो चुकी हैं तो सभी अध्यापकों व विद्यार्थियों को इस तरह ढलने में थोड़ी मुश्किल आ सकती है। ऑनलाइन पढ़ाई की कुछ अच्छाइयां हैं तो कुछ बुराइयां भी हैं जिन्हें हम आज गहनता से जानेंगे। क्या ऑनलाइन पढ़ाई के द्वारा शिक्षा पहले से बेहतर हुई है या बदतर? आइए जानते हैं। 

ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली की ताकत/अच्छाइयां

इसके पीछे बहुत से कारण हो सकते हैं जिनमें से सबसे मुख्य है दूर दूर के बच्चों का भी अपने घर पर ही बैठ कर एक साथ पढ़ाई करना। ऑनलाइन शिक्षा ने उन बच्चों को सबसे अधिक लाभ पहुंचाया है जिनके पास संसाधनों की कमी है और जो इन कमियों के कारण अपने कॉलेज या स्कूल जा कर क्लास नहीं ले सकते थे। ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली के कई सारे लाभ हैं जो नीचे बताए गए हैं।

कहीं भी: ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली का सबसे बड़ा लाभ यही है कि इसमें स्थान या दूरी आपकी पढ़ाई को प्रभावित नहीं करते हैं। आप दुनिया के किसी भी कोने में बैठ कर अपनी क्लास ले सकते हैं। परंतु बशर्ते आपके पास फोन व इंटरनेट उपलब्ध होना चाहिए। आप अपने बिजी टाइम टेबल से कुछ समय निकाल कर कहीं भी क्लास ले सकते हैं। 

किसी भी समय: जैसा कि हम जानते हैं कि इंटरनेट की सुविधा हमारे पास 24 घंटे उपलब्ध रहती है। अतः हम अपने शेड्यूल के हिसाब से किसी भी समय अपनी क्लास ले सकते हैं। हम कई बार व्यस्त रहने के कारण कॉलेज जाना कैंसल कर देते थे परन्तु घर बैठ कर हम किसी भी समय क्लास ले सकते हैं। यदि आप एक समय पर व्यस्त हैं तो आप उससे अगली क्लास ले सकते हैं। आप की सारी क्लासें नहीं छूटेंगी। 

तालमेल: इस प्रणाली का एक मुख्य लाभ यह भी है कि बच्चों व अध्यापक के बीच सही तालमेल बैठता है। अध्यापक अपने विद्यार्थियों को सही से जान पाएंगे व जो विद्यार्थी बाकी बच्चों के डर से बोलने में हिचकते थे अब वह भी अपने अध्यापक के सामने अपनी समस्याओं को रख सकेंगे। 

संसाधनों की पूर्ति होना: जब हम स्कूल या कॉलेज में जाते थे तब अक्सर हमारे पास कुछ संसाधनों की कमी जैसे किताबो की कमी या फिर पहुंचने के लिए बस, ऑटो आदि का खर्चा आदि की कमी होती थी। परंतु ऑनलाइन क्लासों में आप को इन सब की कमी महसूस नहीं होगी। आपके अध्यापक आप को पढ़ने के लिए स्वयं से ही मटेरियल उपलब्ध कराएंगे। 

अधिक गुणवत्ता वाली पढ़ाई: यदि हमें किसी टॉपिक में कोई डाउट होता है तो हम फेस टू फेस उसे अपने अध्यापक के सामने बोलने में थोड़ी बहुत हिचक रखते हैं और हम अपने अध्यापकों को कोई रेस्पॉन्स भी नहीं देते हैं। परंतु ऑनलाइन शिक्षा में सभी बच्चे अध्यापक के हर प्रश्न का रेस्पॉन्स करते हैं और एक डिबेट टाइप के हालात हो जाते हैं जिससे पढ़ने व पढ़ाने में आनंद आता है। 

ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली की कमियां

टेक्नोलॉजी से सम्बन्धी परेशानी: हो सकता है कुछ अध्यापक या बच्चों को टेक्नोलॉजी की ज्यादा समझ न हो और वह इसलिए ऑनलाइन क्लास लेने में सक्षम न हो। अतः उनकी पढ़ाई या तो अच्छे से नहीं हो पाती है या हो ही नहीं पाती है। यह इस शिक्षा प्रणाली की सबसे बड़ी कमी है।

कंप्यूटर या फोन का न होना: कई बच्चे उनके घर की वित्तीय कमी के कारण लैपटॉप या फोन आदि लेने में सक्षम नहीं होते हैं तो हो सकता है इसकी कमी के कारण उन्हें पढ़ाई करने में दिक्कत हो। या फिर यदि उनके पास होते भी हैं तो उन्हें उनका प्रयोग करने में कठिनाई महसूस होती है। 

इंटरनेट सुविधाओं कि कमी: भारत में कुछ राज्य ऐसे हैं जहां के कुछ स्थानों में इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध ही नहीं है या फिर बहुत धीमी है जैसे कि ग्रामीण इलाके और जम्मू कश्मीर। यहां से आने वाले विद्यार्थी या अध्यापकों को ऑनलाइन पढ़ने या पढ़ाने में बहुत तकलीफ़ होती होगी। 

ऑनलाइन क्लासों के लिए आप को किस प्रकार तैयार रहना चाहिए?

अब जबकि कोरोना के केस लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं तो ऐसे हालातों में स्कूल व कॉलेजों को खोलने बच्चों की जिंदगियों से खेलने वाला कदम हो सकता है। परिस्थितियों के ठीक हो जाने के इंतजार में सरकार ने नए स्तर को बार बार आगे भी खिसकाया है परन्तु हालातों में कोई सुधार नहीं है। इसलिए अब ऑनलाइन कक्षाओं का ही रास्ता हमें आगे बढ़ा सकता है। परंतु यह विद्यार्थियों के लिए बहुत मुश्किल भी हो सकता है। उन्हें अब अपने घर के कामों के साथ साथ ऑनलाइन कक्षाएं भी लेनी पड़ेंगी। ऐसे में वे स्वयं की मानसिक स्थिति के बारे में बिल्कुल नहीं सोचेंगे। परंतु आज हम आपके लिए कुछ टिप्स लाएं हैं जिनकी मदद से आप अपनी ऑनलाइन कक्षाओं को मैनेज कर पाएंगे।

समझदारी से काम लें: आप को अपना समय समझदारी से मैनेज करना है। इसलिए बेहतर होगा कि आप अपने लिए एक टाइम टेबल बना लें और अपने हर काम के लिए थोड़ा थोड़ा समय निकालें। ताकि आपकी क्लास भी न छूटे और आप के घर के काम भी हो जाएं और आप ज्यादा बोर भी न हो, इसलिए भी कुछ प्रबन्ध कर लें।

एक समय पर कई काम न करें: यदि आप अपने हर काम को पैंडिंग रखते हैं और सोचते हैं एक साथ ही सबको निपटा लेंगे तो शायद आप गलत हो सकते हैं क्योंकि जब आप एक साथ कई काम करते हैं तो आप को उस काम को पूरा करने की चिंता होने के साथ साथ आप गलतियां भी ज्यादा करेंगे। अतः हर काम समय से ही पूरा करें। 

अपना ध्यान न भटकने दे: जैसे कि हम कई बार पढ़ते समय भी अपने सोशल मीडिया व नेटफ्लिक्स इत्यादि को स्वयं से दूर नहीं होने देते जिससे यह हमारा ध्यान भटकाते हैं और हमारा काम सही ढ़ंग से नहीं हो पाता। अतः कुछ समय के लिए अपनी इन ध्यान भटकाने वाली चीजों से दूर रहें। 

अपना अलग स्थान रखें :अपने घर के किसी भी कोने को केवल अपने पढ़ाई का स्थान बना कर रखें। वहां फालतू की चीजें रखने की बजाय केवल अपनी किताबें व अपने नोट्स रखें। यहां आप अपनी क्लास शांतिपूर्वक अटेंड कर सकते हैं। ध्यान रहे कि यहां आप कोई भी ध्यान भटकने वाली चीज न रखें।

अपना एक प्रभावकारी रिज्यूमे बनाएं: एक अच्छा व सामने वाले को इंप्रेस करने वाला रिज्यूमे बनाना हर एक छात्र या छात्रा का सपना होता है। इसमें आप कितने घंटे काम कर सकते हैं उसके बारे में लिखे या फिर आप को कितना अनुभव व ज्ञान है उसके बारे में लिखें। इसके साथ साथ आप अपने लिए समय भी निकालें। 

अपनी सेहत का ख्याल रखें: काम व पढ़ाई के साथ साथ आप को अपनी सेहत का ख्याल भी रखना है। इतने काम के बीच आप को स्वयं को नहीं भूलना है। ज्यादा हैवी भोजन न खाएं, प्रतिदिन व्यायाम करें। इसके साथ साथ मेडिटेशन करें और पर्याप्त मात्रा में सोएं। 

अपने काम को कल पर न टालें: जैसे ही आप अपना आज का काम कल पर डालना शुरू कर देंगे तो इसे आप की आदत बनते डर नहीं लगेगी। आप भविष्य में भी हर बार ऐसा ही करेंगे। अतः काम को समय पर ही पूरा करें। नहीं तो उसे एक साथ पूरा करने में आप को चिंता व स्ट्रेस भी अधिक होगी जिस वजह से आप उसे अच्छी तरह नहीं कर पाएंगे। 

स्वयं को पुरस्कृत करें: यदि आप अपने सारे काम समय पर ख़तम करने में सफल हो जाते हैं तो हफ़्ते में एक दिन स्वयं के लिए छुट्टी करें। उस दिन आप सुस्त रह सकते हैं, पूरा दिन नेटफ्लिक्स देख सकते हैं या सो सकते हैं। आप चाहे तो अपनी डाइट में भी चीटिंग कर सकते हैं। 

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