1964 में मेहर कास्टेलिनो पहली फेमिना मिस इंडिया थीं, जिसके बाद उन्होंने मिस यूनिवर्स और मिस यूनाइटेड नेशंस पैजंट्स इन द मिआमी बीच, फ्लोरिडा और मैर्जोर्का, स्पेन में देश का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने केवल मॉडलिंग ही नहीं की बल्कि उसने कई एक्सपोर्ट और फैशन हाउस के डिजाइनिंग डिपार्टमेंट को लीड किया, फैशन पत्रकारिता में अग्रणी रही और 1973 में ईवज़ वीकली में अपने पहले आर्टिकल और फैशन से जुड़ी तीन किताबों के लेखक के रूप में भी काम किया। फैशन पत्रकार और लेखिका के रूप में पहचानी जानी वाली मेहेर कास्टेलिनो ने नई किताब ‘फैशन म्यूज़िग्स’ (ऑथर अपफ्रंट 295 रुपये) लिखी। 160 पेज की यह किताब ग्लैमर इंडस्ट्री के अंदर की कहानी कहती है।

मेहर ने जाहिर तौर पर ग्लैमरस फैशन इंडस्ट्री के मुखौटे को निकाला है जिससे रीडर्स हंसी और ठहाके के साथ घोर वास्तविकताओं से रूबरू होंगे। मेहेर ने बड़े करीने से पाँच भागों में कंटेन्ट को विभाजित किया है, जिनमें से हर एक में कई छोटे संवादात्मक प्रश्नोत्तर हैं, जो प्रफुल्लित करने वाले हैं और एक ही समय में किसी मुद्दे को उजागर भी करते हैं।

इसके कंर्वजेशनल फॉर्मेट में नैरेटिव शो-स्टॉपर्स के विभिन्न मुद्दों, अधिक कीमत वाले ब्राइडल वियर, प्लेज़रिज्म, स्पॉन्सर्स का पीछा करने, फैशन आयोजकों की चयन प्रक्रिया, विदेशी शोज़ में भाग लेने के क्रेज़, मॉडल्स, ऑर्गनाइज़र्स और जो भी इस बिजनेस में शामिल है, उनके बारे में बात करती है।

मेहर कास्टेलिनो ने व्यावहारिक रूप से भारत में फैशन बिजनेस के जन्म को देखा है।  मॉडल, ब्यूटी पैजेंट विजेता, फैशन पत्रकार, स्तंभकार, एक्जॉमिनर और साथ ही साथ फैशन इंस्टीट्यूट्स में बोर्ड के सदस्य रूप में काम किया है। यह पुस्तक कई युवाओं के लिए लाभकारी हो सकती है जिन्होंने देश के सैकड़ों फैशन संस्थानों में ग्लैमर और चकाचौंध को देखकर दाखिला लिया है।

जानें फैशन इंडस्ट्री की सच्चाई लेकिन फनी तरीके से

मेहर कास्टेलिनो ने बातचीत में बताया कि मेरी मैन के लिए हाउ टू ड्रेस प्रॉपरली, दूसरी किताब 1960-1990 का फैशनइतिहास बताती थी। मेरी यह तीसरी किताब फैशन इंडस्ट्री क्या है, उस बारे में खुलासा करती है, लेकिन फनी तरीके से। आप हंसकर पढ़ सकते हैं, लेकिन साथ ही छोटा मैसेज इस स्टोरी में आपको मिलेगा। इसे आप खुशी से पढ़ सकते हैं, आराम से पढ़ सकते हैं। अभी कोरोना के कारण बहुत दुखी मौसम है। अभी इसमें ग्लैमरस, फैशन कीु सच्चाइयों को लाइट मोड में हंसते हुआ जान पाएंगे।

दो महीने में लिख दी किताब

मेहर ने बताया कि उन्होंने केवल दो महीने इस किताब को लिख दिया। वे कहती हूं कि 6 जुलाई से शुरू किया और 31 अगस्त को यह सामने आई। बहुत साल से मन में था लेकिन लिख नहीं पाई थी। लेकिन लॉकडाउन था, टाइम था तो पन्नों पर उतारती गई।

युवाओं के लिए संदेश

मेहर के मुताबिक कोरोना वायरस के बाद सब चीज़ स्लो हो जाएंगे। कई बिजनेस ठप्प पड़े है और फैशन का बिजनेस बहुत डाउन है। बहुत नुकसान भी हुआ है। नए डिज़ाइनर आएंगे तो उन्हें बहुत संभालकर बिजनेस करना चाहिए। फॉरेन मटेरियल की बजाए इंडियन टैक्सटाइल को अपनाना चाहिए। इंडियन टैक्सटाइल आगे नहीं बढ़ाएंगे तो ज्यादा नहीं चल पाएगा।

मेरे लिए फैशन..

मेहर ने बताया कि मैं जो कपड़े पहनती हूं तो उसे ऐसे चूज़ करती हूं जिसे मैं सालों तक पहन सकती हूं। प्राइज यानी बजट में सूट होते हैं या नहीं, यह भी देखती हूं। कितनी बार पहन सकती हूं और कितनी तरह से पहन सकती हूं। ऐसी ड्रेस लेती हूं कि पतली हूं या मोटी हो जाऊं तो भी पहन सकूं। स्टाइल चेंज करके पहनती हूं। यानी ऐसा कपड़े जो टाइमलेस हो। सच बताऊं कि मैंने मई 2019 से अभी तक कपड़ों की खरीदारी नहीं की।  मेहर के मुताबिक यह इंडस्ट्री मेरे लिए जान है या अंग्रेजी में कहूं तो Fashion is my Passion। मैं 24 घंटे फैशन में ही डुबी रहना पसंद करती हूं।

 

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