Kedarnath Yatra
Kedarnath Yatra

Kedarnath Yatra: केदारनाथ भारत के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है। हर साल की तरह इस बार भी केदारधाम की यात्रा शुरू हो गयी है। हजारों की संख्या में श्रद्धालु हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ यात्रा के लिए पहुंच रहे हैं। मान्यता है कि केदार धाम में भगवान शिव की पूजा करने से तीर्थयात्रियों को मोक्ष प्राप्त होता है। देवभूमि उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ धाम स्थिति है। समुद्र तल से 3584 मीटर की ऊंचाई पर मौजूद इस मंदिर तक पहुंचने के लिए कई किलोमीटर की कठिन चढ़ाई करनी पड़ती है। अगर आप किसी बुजुर्ग के साथ केदार धाम की तीर्थयात्रा पर जा रहे हैं तो आपको कुछ खास तैयारियां जरूर कर लेनी चाहिए। ताकि यात्रा के दौरान आपके साथ जा रहे बुजुर्ग श्रद्धालु को कोई समस्या न हो।

14 किलोमीटर की पदयात्रा

केदारनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना होता है। सरकार की तरफ से कई तरह की व्यवस्थाएं की जाती हैं। इस यात्रा की शुरुआत हरिद्वार या ऋषिकेश से होती है। हरिद्वार से सोनप्रयाग 235 किलोमाटर और सोनप्रयाग से गौरीकुंड 5 किलोमाटर सड़क मार्ग पर गाड़ी से जाना होता है। सोनप्रयाग में यात्रा पर्ची का वेरिफिकेशन होता है। और यहीं से गौरीकुंड तक पहुंचने के लिए राज्य सरकार की तरफ से चलाई जाने वाली वाहन सेवा मिलती है। गौरीकुंड पहुंचने के बाद केदारधाम के लिए 14 किलोमीटर की पदयात्रा शुरू होती है।

बुजुर्गों के लिए हो खास तैयारी

केदार धाम की यात्रा पर बुजुर्गों को लेकर जा रहे हैं तो उनके लिए कुछ खास तैयारियां कर लेना बहुत जरुरी है। जाहिर है 60 वर्ष के बुजुर्गों के लिए इतनी लम्बी पदयात्रा करना मुमकिन नहीं है। इसलिए पद यात्रा के दौरान बुजुर्गों को एक बार में बहुत लम्बी यात्रा न कराएं। अगर पालकी और खच्चर के जरिये बुजुर्ग यात्रा कर रहे हैं तो भी बहुत लंबी यात्रा न करें। केदारधाम यात्रा के लिए कई मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध हैं लेकिन यात्रियों की संख्या के हिसाब से वो नाकाफी होती है। इसलिए आप अपनी तरफ से भी कुछ तैयारियां करके जाएं।

गर्म कपड़े और रेनकोट

Bag Packing

गर्मी का मौसम होने के बावजूद केदारनाथ में अच्छी खासी ठंड होती है। साथ ही बीच-बीच में होती बारिश मौसम को और ठंडा बना देती है। इसलिए बुजुर्ग सहयात्री की सुविधा का ध्यान रखते हुए पर्याप्त गर्म कपड़े और रेनकोट जरूर लेकर जाएं। ताकि पल-पल बदलते मौसम की वजह से वे बीमार न हो।

खान-पान और दवाई

वैसे तो केदारधाम यात्रा के दौरान खानपान की सभी सुविधाएं है। लेकिन खराब मौसम के चलते कई बार यात्रा को बीच में ही रोक दिया जाता है। इसलिए अपने साथ खाना और पीने के लिए पानी की पर्याप्त व्यवस्था करके जाएं। अगर बुजुर्ग रूटीन से कोई दवाई लेते हैं तो उनकी उस दवाई को बिल्कुल न भूलें। साथ ही कुछ एंटीबायोटिक दवाईयां और गर्म पट्टी भी अपने साथ जरूर रखें। हाइपटेंशन, शुगर और ब्लड प्रेशर के मरीज अपनी दवाइयों का पूरा ध्यान रखें।

जरूर लें मौसम का अपडेट?

Weather

भगवान शिव को समर्पित केदारनाथ धाम साल के 6 महीने खुलता है। सर्दियों के महीने यानी नवंबर से मध्य अप्रैल तक मंदिर के कपाट बंद रहते हैं। ऐसे में कपाट खुलने पर जब आप किसी बुजुर्ग के साथ केदारनाथ जा रहे हैं तो मौसम का अपडेट जरूर लेकर जाएं। अगर बर्फबारी की संभावना है तो बुजुर्ग तीर्थयात्री के साथ यात्रा न करें। दरअसल, केदारनाथ में पूरे साल मौसम सर्द बना रहता है। गर्मियों में भी वहां तेज बारिश और हल्की बर्फबारी की संभावना बनी रहती है। इसलिए बुजुर्ग के साथ यात्रा करते हुए आगामी दिनों के मौसम का हाल जरूर जान लें।

सरकार की तरफ से स्वास्थ्य सुविधा

अकसर देखा गया है जैसे-जैसे केदारधाम की चढ़ाई आगे बढ़ती है कुछ लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने लगती है। बुजुर्गों और लोगों की इस सुविधा को ध्यान में रखते हुए उत्तरखंड की सरकार ने स्वास्थ्य संबंधी नीति बनाई है। सरकार ने जगह-जगह पर डॉक्टरों की टीम और एम्बुलेंस को तैनात किया है। सरकार की तरफ से हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं।

वर्तमान में गृहलक्ष्मी पत्रिका में सब एडिटर और एंकर पत्रकारिता में 7 वर्ष का अनुभव. करियर की शुरुआत पंजाब केसरी दैनिक अखबार में इंटर्न के तौर पर की. पंजाब केसरी की न्यूज़ वेबसाइट में बतौर न्यूज़ राइटर 5 सालों तक काम किया. किताबों की शौक़ीन...