Who is Vaishali Rameshbabu: नॉर्वे चेस महिला टूर्नामेंट 2025 में भारत की वैशाली रमेशबाबू ने अपने शानदार प्रदर्शन से देश का नाम रोशन किया है। इस टूर्नामेंट में वैशाली ने अपने जबरदस्त खेल से महिला वर्ल्ड चैंपियन जू वेनजुन को हराकर सबको चौंका दिया है। दरअसल वैशाली रमेशबाबू ने जू वेनजुन के साथ क्लासिकल गेम ड्रॉ खेला और फिर आर्मगेडन राउंड में उन्हें अपनी अच्छी चाल से मात दे दी। यह जीत इसलिए भी बहुत खास है क्योंकि दोनों के बीच 99 रेटिंग पॉइंट का एक बड़ा अंतर था। आर्मगेडन में वैशाली ने अपने प्यादे का इस्तेमाल कर काफी अच्छी-अच्छी चालें चलीं, जिसके कारण अंत में जाकर वर्ल्ड चैंपियन जू वेनजुन को हार माननी ही पड़ी।
वैशाली ने अपने इस शानदार प्रदर्शन से भारत का नाम तो रोशन किया ही है, साथ ही सभी युवा चेस प्रतिभाओं को भी प्रेरित किया है। वैशाली ने अपनी इस जीत से दिखा दिया है कि वे एक अच्छी खिलाड़ी होने के साथ-साथ विश्व स्तर पर अपनी जगह बनाने में भी सक्षम हैं।
चेस समर्पित परिवार से आती हैं वैशाली

वैशाली रमेशबाबू भारत की एक होनहार चेस खिलाड़ी हैं। वे अपने परिवार में अकेली चेस ग्रैंडमास्टर नहीं हैं, बल्कि उनके भाई आर. प्रगनानंद भी एक ग्रैंडमास्टर हैं। वैशाली ने अब तक अपने करियर में काफी शानदार प्रदर्शन किया है। वे एक्स्ट्राकॉन ओपन 2019, कतर मास्टर्स 2023 और फिडे महिला ग्रैंड स्विस 2023 में भी अपना जलवा बिखेरने में सफल रही हैं।
कौन हैं वैशाली रमेशबाबू?

चेन्नई की रहने वाली 22 वर्षीय वैशाली रमेशबाबू शतरंज के प्रति समर्पित परिवार से आती हैं। उनके छोटे भाई प्रगनानंद ने भी 12 साल की छोटी सी उम्र में जीएम का खिताब हासिल किया था। अपने भाई की चेस यात्रा को काफी करीब से देखने के बाद वैशाली को यह एहसास हुआ कि जीएम बनना सफलता का सिर्फ एक पहला कदम है, मंजिल अभी काफी दूर है, इसलिए उन्होंने कई सारे चेस प्रतियोगिता में भाग लिया और जीत हासिल की।
शतरंज खेलने के साथ-साथ पढ़ाई में भी अच्छा परफॉर्म करना वैशाली के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहा है। लेकिन वैशाली ने सारी चुनौतियों को पार करके पढ़ाई के साथ अपने शतरंज करियर में महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल कर ली हैं।
पापा से हुई है चेस की शुरुआत

वैशाली के जीवन में चेस की शुरुआत उनके पापा से हुई है, उन्होंने ही चेस के खेल से वैशाली को रूबरू करवाया। वैशाली के पिता खुद भी एक शानदार चेस प्लेयर रह चुके हैं। उनके पिता ने ही उन्हें पांच साल की उम्र से चेस की कोचिंग दिलवाना शुरू कर दिया था। दरअसल उनके माता-पिता ने वैशाली का ध्यान टेलीविजन से हटाने के लिए ड्राइंग और चेस के खेल की ओर आकर्षित किया। धीरे-धीरे चेस में वैशाली की रूचि बढ़ने लगी और वैशाली चेस में अच्छा प्रदर्शन करने लगी। अब तक वैशाली ने अपने चेस करियर में कई स्टेट और नेशनल लेवल के टूर्नामेंट्स में जीते हासिल की है। इस तरह से उन्होंने चेस के खेल में ग्रैंडमास्टर बनने का एक लंबा सफर तय किया है।
